International Day for Tolerance 2022 : 16 नवंबर को विश्व में "अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस" मनाया मनाया जाता है.यह दिवस असहिष्णुता के खतरों की लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है. प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सहिष्णुता के लिए सम्मेलनों और समारोहों का आयोजन किया जाता है.साल1994 में, यूनेस्को ने महात्मा गांधी के जन्म जयंती की 125 वीं वर्षगांठ को चिन्हित किया था.जिससे संयुक्त राष्ट्र द्वारा 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में नामित किया. (why celebrate International Tolerance day )
International Tolerance day history : यह सहिष्णुता दिवस शांति, अहिंसा और समानता के महात्मा गांधी के मूल्यों को श्रद्धांजलि देता है. सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए यूनेस्को हर दो साल में मदन जीत सिंह पुरस्कार, सहिष्णुता और अहिंसा की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से वैज्ञानिक, कलात्मक, सांस्कृतिक एवं संचार के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण गतिविधियों को लेकर लोगों को पुरस्कृत करता है. 16 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के अवसर पर हर 2 साल में यूनेस्को मदन जीत से पुरस्कार सहिष्णुता और अहिंसा के लिए दिया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य : सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व बनाए रखने और विश्व में शांति तथा सामंजस्य कायम करने के लिए लोगों को सहनशील बनने की आवश्यकता के विषय में जागरूक बनाना है. यह दिन लोगों को वैश्विक सहिष्णुता का महत्व और असहिष्णुता के दुष्प्रभाव बताता है. इस दिन दुनिया भर में अन्याय, पक्षपातपूर्ण भेदभाव और अत्याचार तथा समाज पर उनके दुष्प्रभावों पर वाद-विवाद तथा चर्चाएँ आयोजित की जाती हैं. ( International Tolerance day significance)
कैसे करें असहिष्णुता का मुकाबला
कानून : सरकार मानव अधिकार कानूनों को लागू करने, घृणा, अपराध और भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने और लोगों को दंडित एवं विवाद से निपटाने के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है.
शिक्षा : असहिष्णुता का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त कानून आवश्यक है, अधिक से अधिक शिक्षित करने पर अधिक बल देने की जरूरत है.
सूचना तक पहुंच : नफरत फैलाने वाले के प्रभाव को कम करने के लिए सबसे बेहतरीन और कारागार तरीका है प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता. प्रेस के बहुल्य वाद को बढ़ावा देना ताकि जनता को फैक्ट और विचार के बीच का अंतर समझ आ सके.
व्यक्तिगत जागरूकता : असहिष्णुता ही असहिष्णुता को जन्म देती है. असहिष्णुता से लड़ाई लड़ने के लिए लोगों को अपने व्यवहार और समाज में अविश्वास और हिंसा के दुष्चक्र के बीच की कड़ी के बारे में पता होना चाहिए.
स्थानीय समाधान : जब हमें आसपास बढ़ती हुई असहिष्णुता का सामना करना पड़ता है, तो हमें सरकार संस्थान के अकेले कार्यवाही की प्रतीक्षा करने के बजाए खुद में समाधान का हिस्सा ढूंढना चाहिए.