रायपुर/बस्तर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के 6 गांवों में मंगलवार को तिरंगा झंडा फहराया जाएगा. इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने सोमवार को मीडिया को दी है. लगातार सुरक्षा बलों का कैंप बस्तर के कई गांवों में स्थापित हो रहा है. बस्तर के ये गांव विकास की धारा से जुड़ रहे हैं. इसका असर है कि पहली बार आजादी के 76 साल बाद यहां तिरंगा झंडा फहराया जाएगा.
नक्सलियों का प्रभाव सुरक्षाबलों ने किया कम : सुकमा जिले के पिडमेल, डुब्बाकोंटा, सिलगेर और कुंडेड गांवों में भी पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस साल गणतंत्र दिवस पर पहली बार यहां तिरंगा फहराया गया था. इन गांवों के पास नए शिविरों की स्थापना ने नक्सलियों को बैकफुट पर धकेल दिया है. जिसकी वजह से यहां के लोग अब राष्ट्रीय पर्व को मना रहे हैं. नए शिविरों की स्थापना से सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को लोगों, मुख्य रूप से आदिवासियों तक पहुंचने में मदद मिली है. इन क्षेत्रों में विकास का मार्ग भी खुला है.
"मंगलवार को बीजापुर जिले के चिन्नागेलुर, तिमेनार और हिरोली और सुकमा जिले के बेदरे, दुब्बामरका और टोंडामरका गांवों में तिरंगा फहराया जाएगा. यहां आजादी के बाद से ऐसा आयोजन नहीं देखा गया है,''- सुंदरराज पी, पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज
बस्तर में सुरक्षा की गई सख्त: सुकमा और बीजापुर बस्तर संभाग के सात जिलों में से हैं. जो पिछले तीन दशकों नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. लेकिन पहली बार अब बस्तर के 6 गांवों में तिरंगा फहराया जाएगा. इस बात की खुशी गांव वालों को भी है. स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर राज्य में, खासकर माओवाद प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बस्तर के चप्पे चप्पे पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है.
सोर्स: पीटीआई