रायपुर: छत्तीसगढ़ सरपंच संघ 22 अगस्त से पूरे प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर 13 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इस क्रम में रायपुर के सभी ब्लॉकों स्तर पर सरपंच संघ 25 अगस्त से प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी हड़ताल पर चले जाने से ग्राम पंचायत में होने वाले सभी शासकीय कार्य पूरी तरह से ठप हो गये है. सरकार सरपंच की मांग को जल्द पूरा नहीं करती है तो प्रदेश स्तर पर विशाल धरना प्रदर्शन करेंगे.
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विधायक और सांसदों का मानदेय बढ़ाती है लेकिन सरपंचों को अनदेखी: छत्तीसगढ़ सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने बताया कि "ग्राम पंचायत के सरपंच बनने के बाद गांव की जनता की सेवा जरूर कर रहे हैं, लेकिन मानदेय के रूप में सरकार हर महीना 2000 रुपए दे रही हैं. यह सरपंच का अपमान है. घर परिवार भी चलाना अब मुश्किल हो गया है और आखिर गांव का सरपंच कब तक कर्ज लेकर सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाते रहेगी. सरपंच अपनी खेती बाड़ी बेचकर कर्ज के तले डूब गया है, जबकि सांसद और विधायकों का मानदेय एक बार में बढ़ा दिया जाता है. लेकिन सरपंचों को सरकार अनदेखी कर देती हैं."
सरपंच संघ की 13 सूत्रीय मांग
- सरपंचों का मानदेय राशि 20 हजार रुपए और पंचों का मानदेय राशि 5 हजार रुपए किया जाए.
- सरपंचों को आजीवन 10 हजार रुपए पेंशन दिया जाए.
- 50 लाख की राशि तक के सभी कार्य में कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को ही बनाया जाए.
- सरपंच निधि के रूप में राज्य सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत को हर साल 10 लाख रुपए दिया जाना चाहिए.
- नक्सली हमले में सरपंच को मारे जाने पर 20 लाख रुपए का मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिया जाना चाहिए.
- 15 वां वित्त आयोग अनुदान राशि केवल उसी ग्राम पंचायत के लिए होना चाहिए.
- 15 वां वित्त आयोग की राशि को अन्य योजनाओं के निर्माण कार्य में नहीं लगाया जाना चाहिए.
- मनरेगा सामग्री की राशि हर 3 महीने के अंदर भुगतान किया जाना चाहिए.
- मनरेगा निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए 40 फीसदी अग्रिम राशि सरकार प्रदान किया जाना चाहिए.
- छत्तीसगढ़ के सरपंचों का कार्यकाल कोरोना महामारी के कारण सरपंचों का कार्यकाल में 2 वर्ष की वृद्धि की जानी चाहिए.
- प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना अंतर्गत आवाज की राशि को महंगाई दर को देखते हुए 2 लाख रुपए की वृद्धि की जानी चाहिए .
- अविश्वास प्रस्ताव को संशोधन कर जनता के हाथों में दिया जाना चाहिए.
- धारा 40 में तत्काल संशोधन किया जाना चाहिए.