रायपुर: लोगों में आजकल टैटू बनवाने का चलन पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है. लोग अलग-अलग तरह और डिजाइन के टैटू अपने शरीर पर बनवाते हैं. इसके लिए कई जगह पर टैटू पार्लर भी खुल चुके हैं. शरीर पर बनाए जाने वाले टैटू से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है. शरीर में टैटू बनवाने से इसका सीधा असर स्किन पर पड़ता है. ऐसे में टैटू बनवाने के बाद कुछ सावधानी बरतनी भी जरूरी हो जाती है.
बारिश के महीने में बरतें सावधानी: सावन के महीने में खासकर लोग आस्था से जुड़े हुए धार्मिक टैटू शरीर पर बनवाते हैं. जिसमें शिवजी का टैटू, त्रिशूल, भगवान का नाम या फिर सावन लिखवाकर टैटू बनवाना पसंद करते हैं. फीमेल ट्रेंडिंग टैटू बनवाना ज्यादा पसंद करती है. लेकिन इस समय टैटू बनवाने से इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है. बारिश के मौसम पर्यावरण में नमी होती है. ऐसे समय में बैक्टीरियल इन्फेक्शन बढ़ने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं. बैक्टीरियल इनफेक्शन अगर बढ़ता है, तो वह निमोनिया में बदल सकता है. बारिश के मौसम में टैटू बनवाते हैं, तो जलन होने के साथ ही पस या मवाद आ रहा है, तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
"टैटू बनवाने के लिए विंटर सीजन को खास माना गया है. इस समय सूर्य की किरणें शरीर पर ज्यादा इफेक्ट नहीं डालती." - डॉ रश्मि दुबे, स्किन स्पेशलिस्ट
शरीर पर बने टैटू को रखें ड्राई और क्लीन: बारिश या फिर सावन के समय टैटू बनवाने के साथ ही दूसरे सीजन में बनवाते हैं, तो बहुत ज्यादा वाटर शॉकिंग से बचाना है. स्विमिंग पूल के साथ ही बारिश से बचाना जरूरी हो जाता है. ऐसे में शरीर पर बने टैटू को ज्यादा से ज्यादा ड्राई और क्लीन रखें. टैटू बनाने के बाद उसके आसपास क्रीम लगाकर रखना भी बहुत जरूरी है. वैसे भी भारत आस्था से जुड़ा हुआ देश है.