रायपुर: छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित राज्य है. ऐसे में सबसे पहले दिमाग में ये सवाल कौंधता है कि आदिवासियों और खासतौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीन लोगों को कैसे दी जाएगी. ETV भारत की टीम ने टीकाकरण केंद्र में ड्राई रन का जायजा लिया.
कांकेर में भी टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक कांकेर के कई गांव दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बसते हैं. कई गांव घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. लिहाजा स्वास्थ्य अमले के लिए टीकाकरण चुनौतीपूर्ण रहेगा.
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कोंडागांव में 20 केंद्र बनाए गए हैं. इसमें से 6 केंद्र संवेदनशील क्षेत्र में हैं. 20 केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति की गई है. सुरक्षा के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में टीकाकरण होगा. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि स्टाफ की कमी नहीं होगी. यहां वॉलिंटियर बनी महिलाओं ने कहा कि कोरोना का टीका सबके लिए जरूरी है. इससे डरने की जरूरत नहीं.
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दंतेवाड़ा में भी कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन हुआ. यहां अधिकारी ने कहा कि पहले से अच्छा काम हो रहा है. 14 कोल्ड चेन प्वॉइंट है.
बीजापुर जिले में भी ड्राई रन हुआ. बीएमओ ने बताया कि सुरक्षा के साथ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन हुआ. हर गांव और धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक कोरोना टीका पहुंचेगा.
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नारायणपुर जिले में कुल 11 वैक्सीनेशन केंद्र बनाए जाएंगे. नारायणपुर विकासखंड के अंतर्गत 7 केंद्र और नक्सल प्रभावित ओरछा ब्लॉक में 4 वैक्सीनेशन केंद्र बनाया जाएगा. पहले चरण में एक सेंटर में 5 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें से 1 सुरक्षाकर्मी और 4 स्वास्थ्यकर्मी होंगे.
देश के हर नागरिक को कोरोना का टीका लगे इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है. केंद्रीय हेल्थ मिनिस्टर डॉक्टर हर्षवर्धन ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की है. नक्सलगढ़ में सुरक्षा के साए में लोगों को कोरोना टीका लगेगा.