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आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, फैसले का IMA कर रहा विरोध - आयुर्वेद का एक गौरवशाली इतिहास

केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देने का फैसला लिया था. जिसका प्रदेश सहित पूरे देश में IMA के डॉक्टर विरोध कर रहे हैं.

Ayurvedic doctors are protesting
आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का विरोध
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Published : Feb 23, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Feb 23, 2021, 6:54 PM IST

रायपुरः 20 नवंबर 2020 को केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के डॉक्टरों के लिए आदेश जारी किया था. सरकार ने कहा था कि, आयुर्वेद के डॉक्टरों को अब सर्जरी की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके बाद वो सर्जरी कर सकते हैं. पूरे देश में आईएमए के डॉक्टर इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. IMA का कहना है कि इस मिक्सोपैथी से पेशेंट की जान को खतरा होगा.

डॉ. राकेश गुप्ता
आयुर्वेद का एक गौरवशाली इतिहास रहा है

डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया था. साथ ही आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी करने की अनुमति दी है. जिसमें दंत रोग, नेत्र रोग, कान, नाक, गला और कुछ जनरल सर्जरी के भी पैकेज हैं. जिसकी अनुमति देकर उन्हें प्रैक्टिस की छूट दी जा सके. डॉक्टरों को ट्रेंड होने में 3 से 5 साल तक का समय लगता है. ये काफी जटिल सर्जरी है.

-खुद को डॉकटर बताकर करता था इलाज, पुलिस ने मुंबई से किया गिरफ्तार

IMA की 180 शाखाएं कर रही इसका विरोध

पूरे देश में 8 लाख 50 हजार डॉक्टर और IMA की 180 शाखाएं इसका विरोध कर रही है. छात्रों की तरफ से पुरजोर इसका विरोध किया गया है. आने वाले दिनों में अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है, तो इसका विरोध और तेज किया जाएगा. जिससे हर पैथी के विज्ञान को अलग-अलग विकसित किया जा सके. सरकार केवल इसी तरफ ध्यान केंद्रित करें कि एलोपैथी , आयुर्वेद , होम्योपैथी और सिद्ध चिकित्सा अपने आप में पूर्ण रूप से विकसित हो. इसके लिए बजट दिया जाए.

रायपुरः 20 नवंबर 2020 को केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के डॉक्टरों के लिए आदेश जारी किया था. सरकार ने कहा था कि, आयुर्वेद के डॉक्टरों को अब सर्जरी की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके बाद वो सर्जरी कर सकते हैं. पूरे देश में आईएमए के डॉक्टर इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. IMA का कहना है कि इस मिक्सोपैथी से पेशेंट की जान को खतरा होगा.

डॉ. राकेश गुप्ता
आयुर्वेद का एक गौरवशाली इतिहास रहा है

डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया था. साथ ही आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी करने की अनुमति दी है. जिसमें दंत रोग, नेत्र रोग, कान, नाक, गला और कुछ जनरल सर्जरी के भी पैकेज हैं. जिसकी अनुमति देकर उन्हें प्रैक्टिस की छूट दी जा सके. डॉक्टरों को ट्रेंड होने में 3 से 5 साल तक का समय लगता है. ये काफी जटिल सर्जरी है.

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IMA की 180 शाखाएं कर रही इसका विरोध

पूरे देश में 8 लाख 50 हजार डॉक्टर और IMA की 180 शाखाएं इसका विरोध कर रही है. छात्रों की तरफ से पुरजोर इसका विरोध किया गया है. आने वाले दिनों में अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है, तो इसका विरोध और तेज किया जाएगा. जिससे हर पैथी के विज्ञान को अलग-अलग विकसित किया जा सके. सरकार केवल इसी तरफ ध्यान केंद्रित करें कि एलोपैथी , आयुर्वेद , होम्योपैथी और सिद्ध चिकित्सा अपने आप में पूर्ण रूप से विकसित हो. इसके लिए बजट दिया जाए.

Last Updated : Feb 23, 2021, 6:54 PM IST
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