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SPECIAL : कोरोना ने तोड़ी आइसक्रीम इंडस्ट्रीज की कमर, करोड़ों का नुकसान - लॉकडाउन

कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने आइसक्रीम इंडस्ट्रीज और इससे जुड़े लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम ही सबसे ज्यादा डिमांड में रहती है, लेकिन कोरोना संकट से आइसक्रीम कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी है. ये लोग सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

ice cream industries facing problem
चौपट हुआ आइसक्रीम बाजार
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Published : May 15, 2020, 9:51 PM IST

रायपुर : गर्मी का सीजन आते ही कभी आइसक्रीम की दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ा करती थी, बच्चे हों या जवान सभी को आइसक्रीम के लिए गर्मी का बेसब्री से इंतजार रहता था, लेकिन अब यह आइसक्रीम गोदामों में पड़ी हुई है. कोरोना वायरस के मद्देनजर हुए लॉकडाउन ने आइसक्रीम के धंधे पर तगड़ी चोट की है. आज आइसक्रीम की बड़ी-बड़ी दुकानें और बड़े-बड़े गोडाउन बंद पड़े हैं.

कोरोना की मार, चौपट हुआ आइसक्रीम बाजार

गर्मी के सीजन में बाजारों में आइसक्रीम की 70 से 80% सेल होती है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लोग भी अब आइसक्रीम से परहेज कर रहे हैं. रही-सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दी. जिसकी वजह से दुकानदारों ने भी आइसक्रीम मंगाना कम कर दिया है. रायपुर में आइसक्रीम इंडस्ट्री का बिजनेस 125 करोड़ का होता है, जिसमें से करीब 100 करोड़ वे गर्मी के सीजन में ही निकाल लेते हैं. बाकी के 25 करोड़ पूरे साल के लिए रहता है. इस सीजन में उन्हें सिर्फ रायपुर में ही 70 से 80 करोड़ का नुकसान हुआ है.

चौपट हुआ धंधा

निजी आइसक्रीम कंपनी के ब्रांच मैनेजर जितेंद्र शाह ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से आइसक्रीम कंपनियों की कमर टूट गई है. आइसक्रीम का धंधा गर्मियों में ही होता है और लॉकडाउन की वजह से पूरा धंधा चौपट हो गया है. ऊपर से बिजली का कॉस्ट काफी ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि बिक्री नहीं होने के कारण लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. जितेंद्र शाह ने बताया कि सेल की बात की जाए, तो सिर्फ रायपुर में ही एक कंपनी के आइसक्रीम का 6 करोड़ का काम होता है, लेकिन अब हालत यह हो चुकी है कि सर्वाइव करना भी बहुत मुश्किल हो रहा है.

आइसक्रीम की बिक्री हुई ठप

वहीं आइसक्रीम कंपनी रायपुर ब्रांच के एरिया सेल्स मैनेजर ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से लोग आइसक्रीम तो खा रहे हैं, लेकिन अभी के समय जो हमारी सेल 100% होती थी वह अब सिर्फ 20 पर्सेंट रह गई है. जो लोग आइसक्रीम मंगा भी रहे हैं, वह भी होम पैक आइसक्रीम मंगा रहे हैं, जिससे छोटे 20, 30 रुपए वाली आइसक्रीम की बिक्री एकदम ठप हो गई है. लोग आइसक्रीम सिर्फ ऑनलाइन के जरिए घर पर मंगा रहे हैं.

सरकार से मदद की आस

आइसक्रीम बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि उन्हें काफी नुकसान सहना पड़ा है और अब दुकान खोलने के बाद भी आइसक्रीम की डिमांड काफी कम है. लोग आइसक्रीम खरीदने से बच रहे हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने आइसक्रीम इंडस्ट्रीज और इससे जुड़े लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम सबसे ज्यादा डिमांड में रहती है, लेकिन कोरोना संकट से आइसक्रीम कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी है.

रायपुर : गर्मी का सीजन आते ही कभी आइसक्रीम की दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ा करती थी, बच्चे हों या जवान सभी को आइसक्रीम के लिए गर्मी का बेसब्री से इंतजार रहता था, लेकिन अब यह आइसक्रीम गोदामों में पड़ी हुई है. कोरोना वायरस के मद्देनजर हुए लॉकडाउन ने आइसक्रीम के धंधे पर तगड़ी चोट की है. आज आइसक्रीम की बड़ी-बड़ी दुकानें और बड़े-बड़े गोडाउन बंद पड़े हैं.

कोरोना की मार, चौपट हुआ आइसक्रीम बाजार

गर्मी के सीजन में बाजारों में आइसक्रीम की 70 से 80% सेल होती है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लोग भी अब आइसक्रीम से परहेज कर रहे हैं. रही-सही कसर लॉकडाउन ने पूरी कर दी. जिसकी वजह से दुकानदारों ने भी आइसक्रीम मंगाना कम कर दिया है. रायपुर में आइसक्रीम इंडस्ट्री का बिजनेस 125 करोड़ का होता है, जिसमें से करीब 100 करोड़ वे गर्मी के सीजन में ही निकाल लेते हैं. बाकी के 25 करोड़ पूरे साल के लिए रहता है. इस सीजन में उन्हें सिर्फ रायपुर में ही 70 से 80 करोड़ का नुकसान हुआ है.

चौपट हुआ धंधा

निजी आइसक्रीम कंपनी के ब्रांच मैनेजर जितेंद्र शाह ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से आइसक्रीम कंपनियों की कमर टूट गई है. आइसक्रीम का धंधा गर्मियों में ही होता है और लॉकडाउन की वजह से पूरा धंधा चौपट हो गया है. ऊपर से बिजली का कॉस्ट काफी ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि बिक्री नहीं होने के कारण लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. जितेंद्र शाह ने बताया कि सेल की बात की जाए, तो सिर्फ रायपुर में ही एक कंपनी के आइसक्रीम का 6 करोड़ का काम होता है, लेकिन अब हालत यह हो चुकी है कि सर्वाइव करना भी बहुत मुश्किल हो रहा है.

आइसक्रीम की बिक्री हुई ठप

वहीं आइसक्रीम कंपनी रायपुर ब्रांच के एरिया सेल्स मैनेजर ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से लोग आइसक्रीम तो खा रहे हैं, लेकिन अभी के समय जो हमारी सेल 100% होती थी वह अब सिर्फ 20 पर्सेंट रह गई है. जो लोग आइसक्रीम मंगा भी रहे हैं, वह भी होम पैक आइसक्रीम मंगा रहे हैं, जिससे छोटे 20, 30 रुपए वाली आइसक्रीम की बिक्री एकदम ठप हो गई है. लोग आइसक्रीम सिर्फ ऑनलाइन के जरिए घर पर मंगा रहे हैं.

सरकार से मदद की आस

आइसक्रीम बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि उन्हें काफी नुकसान सहना पड़ा है और अब दुकान खोलने के बाद भी आइसक्रीम की डिमांड काफी कम है. लोग आइसक्रीम खरीदने से बच रहे हैं. कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने आइसक्रीम इंडस्ट्रीज और इससे जुड़े लोगों की कमर तोड़कर रख दी है. गर्मियों के मौसम में आइसक्रीम सबसे ज्यादा डिमांड में रहती है, लेकिन कोरोना संकट से आइसक्रीम कारोबारियों के चेहरे पर मायूसी है.

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