रायपुर: भारत सरकार ने कोविड 19 मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन (new guideline for treatment of covid-19 patients) जारी कर दी है. नई गाइडलाइन के तहत डॉक्टरों को मेडिसिन यूजेस पर कंट्रोल करने को कहा गया है. गाइडलाइन में कहा गया है, Ivermectin, एचसीक्यूएस, जिंक, विटामिन सी, रेमडेसिविर, अजिथ्रोमैकिन, फेवीपिरवीर दवाएं माइल्ड मरीजों को देने से मना कर दिया गया है. इसके अलावा सीवियर कंडीशन के मरीजों का ऑक्सीजन लेवल लगातार मॉनिटर करने के निर्देश दिए गए हैं. इन सबके अलावा अगर इन दवाइयों का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है तो बहुत ही लिमिट मात्रा में इसका उपयोग डॉक्टर कर सकते हैं.
18 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जाएगा रेमडेसिविर
एपिडेमिक कंट्रोल के संचालक डॉक्टर सुभाष मिश्रा के मुताबिक भारत सरकार ने 18 साल से कम उम्र के कोविड 19 मरीजों के लिए उपचार के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया गया है. इसके अलावा बच्चों को स्टेरॉयड देने पर भी रोक लगा दिया गया है. एसिंप्टोमेटिक और माइल्ड केस में स्टेरॉयड के उपयोग नहीं करने को कहा गया है. स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ अस्पताल में भर्ती और क्रिटिकल पेशेंट पर ही करने को कहा गया है. इन दवाइयों को विशेष निगरानी में सही मात्रा में देने को कहा गया है. एचआर सीटी स्कैन का उपयोग भी विशेष परिस्थिति में ही करने को कहा गया है. रूटीन जांच के लिए एचआर सीटी स्कैन का उपयोग नहीं किया जाएगा. रूटीन डायग्नोसिस routine diagnosis के लिए सेरोलॉजिकल जांच पर ही भरोसा करना है.
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क्रिटिकल कंडीशन में होगा रेमडेसिविर का उपयोग
रायपुर के सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल के मुताबिक माइल्ड पेशेंट को Ivermectin, रेमडेसिविर, फेवीपिरवीर नहीं देना है. अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमित मरीजों को ये दवाइयां दे दी जाती थी, लेकिन अब डॉक्टर ऐसे ही मरीजों को Ivermectin, रेमडेसिविर, फेवीपिरवीर दवाइयां दे सकते हैं, जिन्हें देना बेहद जरूरी होगा. ओपीडी के पेशेंट को रेमडेसिविर किसी भी हाल में नहीं दिया जाएगा. रेमडेसिविर देने के बाद मरीज को विशे, निगरानी में भी रखना होगा.
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दवा विक्रेताओं को हो सकता है भारी नुकसान
मेडिकल कॉम्प्लेक्स के अध्यक्ष विनय कृपलानी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोविड के केस पहले के मुकाबले काफी कम हो गए हैं. ऐसे में कोविड मरीजों के लिए जो दवा इस्तेमाल हो रही थी, इसका काफी स्टॉक रखा गाया था. केस कम होने के साथ कई दवाइयों को विशेष परिस्थितियों में इस्तेमाल करने को कहा गया है. ऐसे में दवा दुकान संचालकों को काफी नुकसान हो सकता है.
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छत्तीसगढ़ में केस बढ़ने के कारण यहां के मेडिकल दुकान संचालकों ने करोड़ों रुपये की दवाइयां मंगवाई थी. जिसमें Ivermectin, रेमडेसिविर, फेवीपिरवीर दवाइयां भी शामिल थी. अब केस कम होने के साथ इन दवाइयों के नार्मल इस्तेमाल पर भी रोक लगा दिया गया है. ऐसे में दवा व्यापारियों को काफी नुकसान Huge loss in pharmaceutical business का सामना करना पड़ सकता है.