रायपुर: चैत्र नवरात्र का आज नौवां दिन है. जिसे नवमी के रूप मे भी जाना जाता है. नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री पूजा की जाती है. माता सिद्धिदात्री की पूजा से साधक को सभी सिद्धियां मिल जाती है. सारे कष्ट दूर होते हैं. ETV भारत पर ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा उनकी पूजन विधि और लाभ के बारे में बता रहे हैं.
भगवती सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं. नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी आराधाना की जाती है. इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान से साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियां मिलती है.
क्या है अष्ट सिद्धियां
मार्कंडेय पुराण के मुताबिक अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व- ये आठ सिद्धियां होती हैं. ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्रीकृष्ण जन्म खंड में यह संख्या 18 बताई गई है.
भगवान शिव को मिली थी सिद्धियां
मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं. देवीपुराण के मुताबिक भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था. इनकी कृपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण वे लोक में 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए.
माता का स्वरूप
मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं. इनका वाहन सिंह है. ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं. इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है. इसके साथ ही मां अपने हाथों में गदा, चक्र, और शंख भी धारण किए हुईं हैं.
मां दुर्गा के नौ रूप
- प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
- द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
- तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
- चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
- पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
- षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
- सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
- अष्टमी के दिन मां महागौरी
- नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
मां सिद्धिदात्री की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
मंत्र:
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि | सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ||
स्तुति:
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
ऐसे करें पूजा
नवमी के दिन भगवती सिद्धिदात्री की पूजा करना चाहिए. इस दिन कमल में बैठी देवी का ध्यान करना चाहिए. मां को सुंगधित फूल अर्पित करें. आज मां को शहद अर्पित करें. इस दिन हवन जरूर करें. जिससे कि 9 देवियों की कृपा आप पर बनी रहे. इस दिन जो आप हवन करें उस सामग्री में जौ और तिल जरुर मिलाएं. इसके बाद कन्या पूजन भी करें. नवरात्र के आखिरी या फिर नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए नवान्न (नौ प्रकार के अन्न) का प्रसाद, नवरस युक्त भोजन और नौ तरह के फल-फूल मां को अर्पित करना चाहिए. इस तरह नवरात्र का समापन करने से इस संसार में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है.