रायपुर/हैदराबाद: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीपावली का त्योहार (Festival of Diwali) मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) के साथ धन के देवता कुबेर (God Kuber) की भी पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे. राम के लौटने के बाद पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था, इसलिए भी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है.
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वहीं गणपति भगवान को ऋद्धि-सिद्धि के अधिपति और मां लक्ष्मी को धन-संपदा की देवी कहा जाता है. मान्यता है कि इनकी कृपा होने से संसार का सारा सुख मिल जाता है. शास्त्रों के अनुसार, मान्यता है कि माता लक्ष्मी उन्हीं के पास टिकती हैं, जिसके पास बुद्धि होती है. यही वजह है कि लक्ष्मी एवं गणपति की एक साथ पूजा का विधान है, जिससे धन और बुद्धि एक साथ मिले. दीपावली के मौके पर आपको कैसे अपने पूजा घर और मंदिर को सजाना है. उसके बारे में कई मान्यताएं हैं. लेकिन लाल और पीले रंग के कपड़ों और पेपर से मंदिर की सजावट को शुभ माना गया है. अगर आपका मंदिर छोटा है तो आप मंदिर के पीछे लाल और पीले रंग के कपड़े और पेपर से सजावट कर सकते हैं. पीला और लाल रंग बहुत शुभ होता है. इसके अलावा आप चुनरी का भी प्रयोग कर सकते हैं.
दिवाली पर ऐसे सजाएं पूजा की थाली
- लक्ष्मी-गणेश पूजन में आप चांदी या स्टील की साफ थाली का उपयोग करें.
- पूजा की थाली में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश के वस्त्र का यथावत रखें
- इसके बाद लक्ष्मी के लिए श्रृंगार का सामान और भगवान गणेश के लिए जनेऊ को शामिल करें. पूजा की थाली में पान, सुपारी की भी व्यवस्था करें
- थाली में चंदन, हल्दी, कुमकुम, लाल फूल या फिर कमल के फूल के साथ नारियल और सिंघाड़े को रखें
- पूजा की थाली में पांच फल और पांच तरह के मेवे को रखना न भूलें
- पूजा की थाली में खील-बताशे, लौंग, इलायची, जौ और धनिया को जरूर शामिल करें
- इसके साथ सफेद रंग की मिठाई रखना न भूलें. इसके अलावा घर पर ही खीर या हलवा बनाकर भी थाली में रख सकते हैं.
- पूजन थाली में शहद, पैसे और पंचामृत रखें. पंचामृत में तुलसी का इस्तेमाल न करें.
- थाली में धूपबत्ती, घी का दीपक, सरसों के तेल का दीया रखना जरूरी है.