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SPECIAL: कोरोना की जांच के लिए कितना उपयोगी है सीटी स्कैन, क्या कहते हैं एक्सपर्ट - Ct scan

कोरोना काल में सीटी स्कैन की जांच के लिए विकल्प के तौर पर देख रहे लोगों को डॉक्टर ने एक सुझाव देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस की जांंच के लिए सबसे सफल जांच RT-PCR ही है, लेकिन आने वाले समय में ऐसा भी हो कि लोग सीटी स्कैन के लिए डिमांड करें. बता दें सीटी स्कैन कराने का खर्च 4 से 5 हजार रुपये तक है. वहीं कोरोना जांच के लिए प्राइवेट खर्च 4 हजार 500 रुपये तक है.

How beneficial is Ct Scan for Corona test in raipur
सीटी स्कैन कितना फायदेमंद
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Published : Aug 25, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 7:52 PM IST

रायपुर: कोरोना महामारी की जांच के लिए WHO और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने RT-PCR को शत-प्रतिशत सही माना है, लेकिन कोरोना जांच के लिए लोग सीटी स्कैन भी करा रहे हैं. हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स की राय यह भी है कि कोरोना के लिए सबसे सफल जांच RT-PCR ही है. सीटी स्कैन इसका विकल्प नहीं है और न ही इस ओर लोगों को आकर्षित होने की जरूरत है. ETV भारत ने एमडी रेडियोडायग्नोसिस विवेक पात्र से बातचीत की तो उनका कहना है कि कोरोना वायरस लिए सबसे सफल जांच RT-PCR ही है, लेकिन न्यूरोलॉजिस्ट ललित शाह ने कहा कि आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि लोग सीटी स्कैन की डिमांड करेंगे. इस वक्त ऐसा नहीं है और यह कहीं न कहीं ये सभी के लिए अच्छी बात है.

कितना उपयोगी है सीटी स्कैन

एमडी रेडियोडायग्नोसिस विवेक पात्र ने बताया कि कोरोना टेस्ट में सबसे सफल जांच RT-PCR ही है. लोगों को RT-PCR जांच की ओर ही आगे बढ़ना चाहिए. सीटी स्कैन इसका बिल्कुल विकल्प नहीं है. न ही इस ओर लोगों को आकर्षित होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी तक ज्यादा केस सीटी स्कैन के लिए नहीं आ रहे हैं, जो भी केस आ रहे हैं, वे सामान्य ही हैं. ऐसे में यह कहना कठिन और गलत दोनों ही होगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग सीटी स्कैन करवाने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें : पखांजूर में किसानों ने पान की खेती कर की बंपर कमाई, कोरोना संकट में भी मालामाल

सिटी स्कैन असरदार

न्यूरोलॉजिस्ट ललित शाह ने बताया कि जिन मरीजों को सांस संबंधित संबंधित दिक्कत है उन मरीजों का सीटी स्कैन करना कहीं न कहीं अच्छा साबित हो सकता है. सीटी स्कैन के माध्यम से पता चलता है कि निमोनिया वायरस कितना फैला है, लेकिन सबके लिए यह असरदार नहीं हो सकता.

सिटी स्कैन के माध्यम से कैसे मिलती है जानकारियां?
डॉक्टर शाह बताते हैं कि सीटी स्कैन के माध्यम से यह देख सकते हैं कि मरीज के चेस्ट में कितना निमोनिया फैल चुका है, उससे हमें यह अंदाजा लग जाता है कि आखिर खतरा कितना है. इसके माध्यम से हमें वायरस कितना ताकतवर है या भी साफ पता चल जाता है.

सभी के लिए क्यों सुविधा जनक नहीं?
शाह कहते हैं कि सीटी स्कैन कोई छोटी मोटी प्रक्रिया नहीं है और न ही कोई ऐसा टेस्ट है, जो कि बहुत ही कम लागत या बहुत ही कम कीमत में की जा सके. सीटी स्कैन गंभीर समस्याओं को जानने के लिए किया जाता है. इसकी टेस्ट प्रक्रिया काफी महंगी है, जो सबके बजट में आए जरूरी नहीं. यदि सभी के लिए सीटी स्कैन की सुविधा शुरू कर दी जाए तो उस जगह पर भीड़ बढ़ेगी और संक्रमण का खतरा भी बढ़ेगा.

क्या सिटी स्कैन के केस बढ़े हैं ?
ललित शाह कहते हैं कि अभी कोरोना के केस ज्यादा नहीं बढ़े हैं. यदि बढ़ते है तो आने वाले समय में सीटी स्कैन की डिमांड बढ़ेगी. फिल्हाल ऐसा नहीं है तो ये कहीं न कहीं हमारे लिए अच्छी बात है. फिलहाल कोरोना जांच के लिए कोई विकल्प नहीं दिखाई देता और सिटी स्कैन इसका विकल्प तो बिल्कुल भी नहीं है.

रायपुर: कोरोना महामारी की जांच के लिए WHO और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने RT-PCR को शत-प्रतिशत सही माना है, लेकिन कोरोना जांच के लिए लोग सीटी स्कैन भी करा रहे हैं. हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स की राय यह भी है कि कोरोना के लिए सबसे सफल जांच RT-PCR ही है. सीटी स्कैन इसका विकल्प नहीं है और न ही इस ओर लोगों को आकर्षित होने की जरूरत है. ETV भारत ने एमडी रेडियोडायग्नोसिस विवेक पात्र से बातचीत की तो उनका कहना है कि कोरोना वायरस लिए सबसे सफल जांच RT-PCR ही है, लेकिन न्यूरोलॉजिस्ट ललित शाह ने कहा कि आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि लोग सीटी स्कैन की डिमांड करेंगे. इस वक्त ऐसा नहीं है और यह कहीं न कहीं ये सभी के लिए अच्छी बात है.

कितना उपयोगी है सीटी स्कैन

एमडी रेडियोडायग्नोसिस विवेक पात्र ने बताया कि कोरोना टेस्ट में सबसे सफल जांच RT-PCR ही है. लोगों को RT-PCR जांच की ओर ही आगे बढ़ना चाहिए. सीटी स्कैन इसका बिल्कुल विकल्प नहीं है. न ही इस ओर लोगों को आकर्षित होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी तक ज्यादा केस सीटी स्कैन के लिए नहीं आ रहे हैं, जो भी केस आ रहे हैं, वे सामान्य ही हैं. ऐसे में यह कहना कठिन और गलत दोनों ही होगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग सीटी स्कैन करवाने की कोशिश कर रहे हैं.

पढ़ें : पखांजूर में किसानों ने पान की खेती कर की बंपर कमाई, कोरोना संकट में भी मालामाल

सिटी स्कैन असरदार

न्यूरोलॉजिस्ट ललित शाह ने बताया कि जिन मरीजों को सांस संबंधित संबंधित दिक्कत है उन मरीजों का सीटी स्कैन करना कहीं न कहीं अच्छा साबित हो सकता है. सीटी स्कैन के माध्यम से पता चलता है कि निमोनिया वायरस कितना फैला है, लेकिन सबके लिए यह असरदार नहीं हो सकता.

सिटी स्कैन के माध्यम से कैसे मिलती है जानकारियां?
डॉक्टर शाह बताते हैं कि सीटी स्कैन के माध्यम से यह देख सकते हैं कि मरीज के चेस्ट में कितना निमोनिया फैल चुका है, उससे हमें यह अंदाजा लग जाता है कि आखिर खतरा कितना है. इसके माध्यम से हमें वायरस कितना ताकतवर है या भी साफ पता चल जाता है.

सभी के लिए क्यों सुविधा जनक नहीं?
शाह कहते हैं कि सीटी स्कैन कोई छोटी मोटी प्रक्रिया नहीं है और न ही कोई ऐसा टेस्ट है, जो कि बहुत ही कम लागत या बहुत ही कम कीमत में की जा सके. सीटी स्कैन गंभीर समस्याओं को जानने के लिए किया जाता है. इसकी टेस्ट प्रक्रिया काफी महंगी है, जो सबके बजट में आए जरूरी नहीं. यदि सभी के लिए सीटी स्कैन की सुविधा शुरू कर दी जाए तो उस जगह पर भीड़ बढ़ेगी और संक्रमण का खतरा भी बढ़ेगा.

क्या सिटी स्कैन के केस बढ़े हैं ?
ललित शाह कहते हैं कि अभी कोरोना के केस ज्यादा नहीं बढ़े हैं. यदि बढ़ते है तो आने वाले समय में सीटी स्कैन की डिमांड बढ़ेगी. फिल्हाल ऐसा नहीं है तो ये कहीं न कहीं हमारे लिए अच्छी बात है. फिलहाल कोरोना जांच के लिए कोई विकल्प नहीं दिखाई देता और सिटी स्कैन इसका विकल्प तो बिल्कुल भी नहीं है.

Last Updated : Aug 25, 2020, 7:52 PM IST
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