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रायपुर के सिंचाई कॉलोनी में बने मकानों को तोड़ने का फरमान - हाउसिंग बोर्ड

सिंचाई कॉलोनी में बने शासकीय मकानों को हाउसिंग बोर्ड ने तोड़ने का फरमान जारी किया है. जिसे लेकर यहां रहने वाले लोगों में आक्रोश है. साथ ही लोग इस कार्रवाई का विरोध भी कर रहे हैं.

order to break houses
मकानों को तोड़ने का आदेश
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Published : Jul 5, 2020, 4:41 AM IST

Updated : Jul 5, 2020, 6:39 AM IST

रायपुर: राजधानी के शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी में 50 साल पहले बने शासकीय आवास को हाउसिंग बोर्ड ने तोड़ने का फरमान जारी किया है. करीब 20 लोगों को मकान तोड़े जाने का नोटिस भी भेजा गया है. जिसमें से 6 मकानों को तोड़ दिया गया है. सिंचाई कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि सरकार पहले मकान बना कर दे. उसके बाद इन मकानों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करे. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा.

सिंचाई कॉलोनी में मकान तोड़ने का आदेश

सूत्रों की माने तो सिंचाई कॉलोनी में दिल्ली की तर्ज पर कनॉट प्लेस बनाने की योजना है. जिसके लिए मकानों को खाली कराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह पूरा क्षेत्र करीब 19 एकड़ का है. इस 19 एकड़ जगह में 2 साल में 124 एचआईजी, 74 एमआईजी और 84 ईडब्ल्यूएस मकान बनेंगे. साथ ही व्यवसायिक कांप्लेक्स का भी निर्माण किया जाएगा. बता दें कि मध्यप्रदेश शासन में सिंचाई मंत्री रहे पंडित श्यामाचरण शुक्ला ने राजीम और गरियाबंद में उस समय नहरों का जाल बिछाया जा रहा था. जिसमें काम कर रहे सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की रहने के लिए साल 1970-71 में आवास का निर्माण कराया गया था.

पहले जगह आबंटित की जाए: स्थानीय

यहां रह रहे लोगों का कहना है कि सिंचाई कॉलोनी की जमीन लगभग 19 एकड़ में फैली हुई है. जिसमें से 40% जगह में सिंचाई कॉलोनी को बसाया गया और यहां की 60% जमीन अभी भी खाली पड़ी हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि 60% खाली पड़ी हुई जमीन पर पहले कर्मचारियों के लिए आवास बनाया जाए, उसके बाद इन कर्मचारियों को मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए.

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रहवासी परेशान

'गौठानों को ग्रामोद्योग से जोड़ेंगे, मनरेगा कोरोना काल में संजीवनी बना, ये केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा'

कॉलोनी में हैं 320 मकान

सिंचाई कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि सिंचाई कॉलोनी में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 320 मकान हैं. जहां पर सिंचाई विभाग के अलावा अन्य विभागों की अधिकारी और कर्मचारी रहते हैं. सिंचाई कॉलोनी के रहने वाले कई परिवारों को अब तक मकान खाली करने का नोटिस भले ही न मिला हो, लेकिन जिन लोगों को मकान खाली करने का नोटिस मिला था उन घरों को तोड़ दिया गया है. ऐसे में सिंचाई कॉलोनी के रहवासी भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

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सिंचाई कॉलोनी, रायपुर

20-30 किलोमीटर दूर दिया जा रहा आवास

रहवासियों का कहना है कि जिन बड़े अधिकारियों को मकान खाली करने का नोटिस मिला है उनके मकानों को तोड़ने के साथ ही उन्हें वीआईपी एरिया में आवास आबंटित कर दिया गया है. लेकिन सिंचाई विभाग के छोटे कर्मचारियों को सरकार राजधानी से लगभग 20 से 30 किलोमीटर दूर आवास बना कर देने की बात कर रही है. जिसके पक्ष में यहां के रहवासी नहीं हैं.

रायपुर: राजधानी के शांति नगर स्थित सिंचाई कॉलोनी में 50 साल पहले बने शासकीय आवास को हाउसिंग बोर्ड ने तोड़ने का फरमान जारी किया है. करीब 20 लोगों को मकान तोड़े जाने का नोटिस भी भेजा गया है. जिसमें से 6 मकानों को तोड़ दिया गया है. सिंचाई कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि सरकार पहले मकान बना कर दे. उसके बाद इन मकानों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करे. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा.

सिंचाई कॉलोनी में मकान तोड़ने का आदेश

सूत्रों की माने तो सिंचाई कॉलोनी में दिल्ली की तर्ज पर कनॉट प्लेस बनाने की योजना है. जिसके लिए मकानों को खाली कराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह पूरा क्षेत्र करीब 19 एकड़ का है. इस 19 एकड़ जगह में 2 साल में 124 एचआईजी, 74 एमआईजी और 84 ईडब्ल्यूएस मकान बनेंगे. साथ ही व्यवसायिक कांप्लेक्स का भी निर्माण किया जाएगा. बता दें कि मध्यप्रदेश शासन में सिंचाई मंत्री रहे पंडित श्यामाचरण शुक्ला ने राजीम और गरियाबंद में उस समय नहरों का जाल बिछाया जा रहा था. जिसमें काम कर रहे सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की रहने के लिए साल 1970-71 में आवास का निर्माण कराया गया था.

पहले जगह आबंटित की जाए: स्थानीय

यहां रह रहे लोगों का कहना है कि सिंचाई कॉलोनी की जमीन लगभग 19 एकड़ में फैली हुई है. जिसमें से 40% जगह में सिंचाई कॉलोनी को बसाया गया और यहां की 60% जमीन अभी भी खाली पड़ी हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि 60% खाली पड़ी हुई जमीन पर पहले कर्मचारियों के लिए आवास बनाया जाए, उसके बाद इन कर्मचारियों को मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए.

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रहवासी परेशान

'गौठानों को ग्रामोद्योग से जोड़ेंगे, मनरेगा कोरोना काल में संजीवनी बना, ये केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा'

कॉलोनी में हैं 320 मकान

सिंचाई कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि सिंचाई कॉलोनी में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 320 मकान हैं. जहां पर सिंचाई विभाग के अलावा अन्य विभागों की अधिकारी और कर्मचारी रहते हैं. सिंचाई कॉलोनी के रहने वाले कई परिवारों को अब तक मकान खाली करने का नोटिस भले ही न मिला हो, लेकिन जिन लोगों को मकान खाली करने का नोटिस मिला था उन घरों को तोड़ दिया गया है. ऐसे में सिंचाई कॉलोनी के रहवासी भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

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सिंचाई कॉलोनी, रायपुर

20-30 किलोमीटर दूर दिया जा रहा आवास

रहवासियों का कहना है कि जिन बड़े अधिकारियों को मकान खाली करने का नोटिस मिला है उनके मकानों को तोड़ने के साथ ही उन्हें वीआईपी एरिया में आवास आबंटित कर दिया गया है. लेकिन सिंचाई विभाग के छोटे कर्मचारियों को सरकार राजधानी से लगभग 20 से 30 किलोमीटर दूर आवास बना कर देने की बात कर रही है. जिसके पक्ष में यहां के रहवासी नहीं हैं.

Last Updated : Jul 5, 2020, 6:39 AM IST
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