रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जेएन पांडेय स्कूल की कहानी दिलचस्प है. यह अंग्रेजों के जमाने का स्कूल है. यह करीब 159 साल पुराना है. आज यह स्कूल चर्चा में इसलिए है, क्योंकि इसी स्कूल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाला प्रवेश उत्सव मनाया. इसके साथ ही आज से छत्तीसगढ़ में सभी स्कूल खुल गए हैं. प्रवेश उत्सव के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने जेएन पांडेय स्कूल की तारीफ की है.
जेएन पांडेय स्कूल का इतिहास : साल 1861 में सेंट्रल प्रोविंसेस की स्थापना हुई. 1862 में डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इनस्ट्रक्शन के अधीन शिक्षा विभाग गठित हुआ. अंग्रेजों के शासन काल में 1864 में जिला स्कूल की स्थापना हुई. पहले मिडिल स्कूल शुरू हुआ. 1884-85 में नौवीं से 11वीं तक पढ़ाई शुरू हुई. साल 2002 में इस संस्था का नाम बदला गया. इस विद्यालय भवन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और यहां के छात्र प्रो. जयनारायण पाण्डेय के नाम पर इसका नामकरण किया गया. तभी से यह प्रोफेसर जेएन पाण्डेय स्कूल के नाम से जाना जाता है.
सीएम ने की जेएन पांडेय स्कूल की तारीफ: शाला प्रवेशोत्सव के दौरान सीएम ने जेएन पांडेय स्कूल की तारीफ की और इससे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां भी लोगों को बताईं. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अंग्रेजों के समय के कई स्कूल संचालित हैं. लेकिन इसमें प्रमुख नाम प्रोफेसर जे एन पांडे स्कूल का है. यह स्कूल 1864 में खुला था. खास बात यह है कि इस स्कूल में अब तक 4 मुख्यमंत्री पढ़ कर निकल चुके हैं. इसमें मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारिका प्रसाद मिश्रा, मध्यप्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने पढ़ाई की है.
स्वतंत्रता सेनानियों ने भी ली स्कूल से शिक्षा : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी माधव राव सप्रे, प्रो.जयनारायण पांडेय, ठाकुर प्यारेलाल यादव, महंत लक्ष्मीनारायण दास महंत, पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित विद्याचरण शुक्ल, हाईकोर्ट के जस्टिस गणेश प्रसाद भट्ट, बैरिस्टर राजेंद्र सिंह, शहीद मेजर यशवंत गोरे, विजय गुरु, वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल समेत कई खास लोग पढ़ाई कर चुके हैं. इनके अलावा कई महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और नेता इस स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं.
पूर्व उपराष्ट्रपति हिदायतुल्ला ने भी की थी स्कूल में पढ़ाई : पूर्व उपराष्ट्रपति हिदायतुल्ला ने भी यहीं से पढ़ाई की थी. वे जब उपराष्ट्रपति थे, तब स्कूल में भव्य शताब्दी समारोह आयोजित किया गया था. उसमें पूर्व उपराष्ट्रपति शामिल हुए थे.