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बघेल सरकार ने सतनामी समाज की उपेक्षा की- हेमचंद्र जांगड़े - Hemchandra Jangde has alleged that Baghel government

छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज की मांग है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से एक पृथक से जिला बनाया जाना चाहिए. लेकिन सरकार ने बिलाईगढ़ को सारंगढ़ में शामिल कर संयुक्त जिला बनाने के ऐलान कर न सिर्फ लाखों अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुंचाई है, बल्कि समाज के लोगों की उपेक्षा भी की है.

Hemchandra Jangde
हेमचंद्र जांगड़े
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Published : Aug 18, 2021, 9:21 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चार नए जिले की घोषणा की थी. लेकिन इस घोषणा से सतनामी समाज खुश नहीं है. सतनामी समाज का आरोप है कि भूपेश सरकार ने वर्षों पुरानी मांग को अनसुना कर दिया है. सतनामी समाज की मांग है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से अलग जिला बनाया जाए. लेकिन सरकार ने बिलाईगढ़ को सारंगढ़ में शामिल कर संयुक्त जिला बनाने का ऐलान कर दिया है. जिससे न सिर्फ लाखों अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि समाज के लोगों की उपेक्षा भी की है.

यह बात मंगलवार को अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सांसद रेशम लाल जांगड़े के बेटे हेमचंद जांगड़े ने रायपुर स्थित आवास में पत्रकारों से कही.

सतनामी समाज को किया अनदेखा- हेमचंद्र जांगड़े

चार नए जिले के गठन के फैसले का स्वागत

संविधान सभा के सदस्य और प्रथम लोकसभा के सदस्य रेशम लाल जांगड़े के बेटे हेमचंद जांगड़े ने चार नए जिले के गठन के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग कि जिस तरह से सारंगढ़ की मांग को मांग पूरा किया. उससे मैं बेहद खुश हूं. सारंगढ़ जिले के रूप में अविभाजित मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार के दौरान ही अस्तित्व में आ जाता, लेकिन किसी कारण से यह नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि हमारे समाज की वर्षों से मांग रही है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से जिला बनना चाहिए और गिरोधपुरी को जिला मुख्यालय बनाया जाए.

निगम मंडल में सतनामी समाज को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर मिलेगा प्रतिनिधित्व : पीएल पुनिया

सतनामी समाज खुद को महसूस कर रहा ठगा

हेमचंद्र जांगड़े ने बताया कि सरकार के नए जिले की घोषणा के बाद से ही सतनामी समाज पूरी तरह से अपने आपको ठगा हुआ समझ रहा है. क्योंकि समाज ने बलौदा बाजार और भाटापारा के संयुक्त जिले के तौर पर बने जिले का परिणाम देखा है. भाटापारा पूरी तरह से अपने अधिकारों और विकास से वंचित है. आने वाले दिनों में अगर सरकार ने सारंगढ़ जिले से बिलाईगढ़ को नहीं हटाया तो समाज के साथ-साथ इसका दर्द यहां के आदिवासी इलाके के लोगों को भी झेलना पड़ेगा.

सरकार बदले अपना फैसला

हेमचंद्र जांगड़े ने कहा कि अति शीघ्र छत्तीसगढ़ सरकार को अपना फैसला बदलकर सतनामी समाज के गौरव के प्रतीक गिरोधपुरी को जिला घोषित कर बिलाईगढ़ और कसडोल को उसमें शामिल करना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में सतनामी समाज के लोग आंदोलन कर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि समाज को मजबूरन सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी भूपेश सरकार की होगी.

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चार नए जिले की घोषणा की थी. लेकिन इस घोषणा से सतनामी समाज खुश नहीं है. सतनामी समाज का आरोप है कि भूपेश सरकार ने वर्षों पुरानी मांग को अनसुना कर दिया है. सतनामी समाज की मांग है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से अलग जिला बनाया जाए. लेकिन सरकार ने बिलाईगढ़ को सारंगढ़ में शामिल कर संयुक्त जिला बनाने का ऐलान कर दिया है. जिससे न सिर्फ लाखों अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि समाज के लोगों की उपेक्षा भी की है.

यह बात मंगलवार को अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पूर्व सांसद रेशम लाल जांगड़े के बेटे हेमचंद जांगड़े ने रायपुर स्थित आवास में पत्रकारों से कही.

सतनामी समाज को किया अनदेखा- हेमचंद्र जांगड़े

चार नए जिले के गठन के फैसले का स्वागत

संविधान सभा के सदस्य और प्रथम लोकसभा के सदस्य रेशम लाल जांगड़े के बेटे हेमचंद जांगड़े ने चार नए जिले के गठन के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग कि जिस तरह से सारंगढ़ की मांग को मांग पूरा किया. उससे मैं बेहद खुश हूं. सारंगढ़ जिले के रूप में अविभाजित मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार के दौरान ही अस्तित्व में आ जाता, लेकिन किसी कारण से यह नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि हमारे समाज की वर्षों से मांग रही है कि संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा के नाम से जिला बनना चाहिए और गिरोधपुरी को जिला मुख्यालय बनाया जाए.

निगम मंडल में सतनामी समाज को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर मिलेगा प्रतिनिधित्व : पीएल पुनिया

सतनामी समाज खुद को महसूस कर रहा ठगा

हेमचंद्र जांगड़े ने बताया कि सरकार के नए जिले की घोषणा के बाद से ही सतनामी समाज पूरी तरह से अपने आपको ठगा हुआ समझ रहा है. क्योंकि समाज ने बलौदा बाजार और भाटापारा के संयुक्त जिले के तौर पर बने जिले का परिणाम देखा है. भाटापारा पूरी तरह से अपने अधिकारों और विकास से वंचित है. आने वाले दिनों में अगर सरकार ने सारंगढ़ जिले से बिलाईगढ़ को नहीं हटाया तो समाज के साथ-साथ इसका दर्द यहां के आदिवासी इलाके के लोगों को भी झेलना पड़ेगा.

सरकार बदले अपना फैसला

हेमचंद्र जांगड़े ने कहा कि अति शीघ्र छत्तीसगढ़ सरकार को अपना फैसला बदलकर सतनामी समाज के गौरव के प्रतीक गिरोधपुरी को जिला घोषित कर बिलाईगढ़ और कसडोल को उसमें शामिल करना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है तो आने वाले दिनों में सतनामी समाज के लोग आंदोलन कर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि समाज को मजबूरन सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ेगी. जिसकी पूरी जिम्मेदारी भूपेश सरकार की होगी.

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