रायपुर: भारत में जून के महीने में अक्सर बारिश कम होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ पर इस बार मौसम कुछ ज्यादा है मेहरबान है. सूबे में मानसून इस साल तय वक्त से पहले पहुंच गया है. प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश हो रही है. मानसून आगमन के साथ ही छत्तीसगढ़ में बादल जमकर बरस रहे हैं. बारिश की वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात भी पैदा हो गए हैं लेकिन अन्नदाता खुश नजर आ रहे हैं.
बारिश ने जहां लोगों को गर्मी और चिलचिलाती धूप से राहत दी है, वहीं किसान भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल अच्छी बारिश हो सकती है. शुरुआती मानसून के साथ ही छत्तीसगढ़ में हो रही तेज बारिश से कई साल के रिकॉर्ड टूटते दिख रहे हैं.
खेतों में भरा पानी
छत्तीसगढ़ में शायद ऐसा पहली बार हो रहा है कि, जून की शुरुआती बारिश में ही प्रदेश के कई बड़े और छोटे डैम लबालब हो गए हैं. प्रदेश के बड़े और मध्यम डैम की संख्या 44 है. इनमें से 19 में 50 प्रतिशत से लेकर 70 प्रतिशत तक पानी जमा हो चुका है. यही नहीं पिछले दो-तीन दिनों से प्रदेशभर में हो रही लगातार बारिश से खेत खलियान में भी पानी भर गया है. इरीगेशन विभाग के अधिकारियों ने भी प्रदेश के तमाम डैम में पानी के बढ़े स्तर पर खुशी जताई है, साथ ही अलर्ट भी बनाए हुए हैं.
प्रदेश में हो रही है झमाझम बारिश
आमतौर पर छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता 15 जून के बाद ही मानी जाती है, लेकिन इस बार प्रदेश में 1 जून से ही बारिश की अच्छी शुरुआत हो गई है. मौसम विभाग ने भी आधिकारिक रूप से मानसून आने की तारीख घोषित कर दी है. यह मानसून बस्तर की ओर से आया है, पिछले सप्ताह भर में बात करें, तो रायपुर में ही 13 से 15 सेंटीमीटर तक की बारिश हो गई है. इस साल कम गर्मी पड़ने के कारण बांधों का जलस्तर पहले के मुकाबले कम घटा है. बांधों में पानी बढ़ने को लेकर एरिगेशन विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं. प्रदेश के तमाम डैम में लगातार पानी की मॉनिटरिंग की जा रही है.
प्रदेश में बड़े बांधों की स्थिति
- कोरबा जिले के मिनीमाता बांगो बांध में 85% जलभराव हो चुका है. कांकेर जिले के दुधावा बांध में 51.25 फीसदी पानी है.
- गरियाबंद के सिकासेर जलाशय में 55.59 फीसदी पानी है.
- बिलासपुर जिले के खारंग बांध में 73.66 फीसदी पानी से लबालब है.
मध्यम श्रेणी के बांधों का हाल
- बालोद के गोंदी में 60.54 फीसदी पानी है.
- सरगुजा के श्याम बांध में 86.22 फीसदी पानी है.
- कबीरधाम के क्षीरपानी बांध में 90 फीसदी पानी है
- सूतिया पाट में 85 फीसदी पानी आ चुका है.
- राजनांदगांव के पिपरिया जलाशय में 61.17 प्रतिशत पानी है.
- दुर्ग के मरोदा बांध में 69 फीसदी पानी है.
- महानदी प्रोजेक्ट के सोंढूर डैम में 74.42 फीसदी पानी है.
- दुधवा जलाशय में 52 फीसदी पानी है.
अलर्ट मोड पर इरीगेशन विभाग
प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय में शामिल रविशंकर शुक्ल जलाशय में भी 50 फीसदी पानी आ चुका है. जून में ही जलाशयों में जलस्तर काफी अच्छा हो गया है. सिंचाई विभाग के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि इस बार सभी जलाशयों में पानी प्रचुर मात्रा में रहेगा. हालांकि यह भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि अतिरिक्त बारिश होने से तमाम डैम में अलर्ट के हालात बन सकते हैं, जिसके लिए विभाग अलर्ट है. इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर सावधानियां बरती जा रही हैं.
किसानों के खिले चहरे
इरीगेशन विभाग के अधिकारियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि, तमाम डैम में पानी अच्छा है जो खेती-किसानी के लिए शुभ संकेत है. जलाशयों का पानी वक्त-वक्त पर खेतों में छोड़ा जाता है, जिससे किसानों को फायदा होता है. खेतों की सिंचाई हो जाती है.