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लॉकडाउन के पहले ही गन्ना जूस वालों के बिगड़े हाल, कैसे चलाएं घर ?

रायपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर जूस सेंटर और गन्ना रस की दुकानों पर भी पड़ा है. गर्मी भले की प्रचंड पड़ रही हो लेकिन लोग गन्ना या और दूसरा जूस पीने से बचने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि कुछ लोग गर्मी से डरते हुए जूस के ठेले में पहुंच भी रहे हैं लेकिन उन्हें भी कोरोना का डर सता रहा है. लॉकडाउन ने भी जूस सेंटर वालों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.

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जूस सेंटर पर कोरोना का असर
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Published : Apr 8, 2021, 8:25 AM IST

Updated : Apr 8, 2021, 11:40 AM IST

रायपुर: पूरे प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही कोरोना के केस भी लगातार बढ़ रहे हैं. गर्मी के दिनों में अक्सर लोग गर्मी और लू से बचने के लिए कुछ ठंडा पीते हैं. राजधानी में जगह-जगह पर गन्ना रस की दुकानें भी दिखाई दे रही है. उसके साथ ही जूस सेंटर भी खुले हुए हैं. जहां पर लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए पहुंच तो रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं लोगों में कोरोना का खौफ और डर भी देखने को मिल रहा है. वहीं 9 से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन ने भी जूस सेंटर वालों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.

जूस सेंटर पर कोरोना का असर

कोरोना की वजह से जूस प्रेमियों की संख्या घटी

राजधानी में गर्मी की शुरुआत होते ही लोगों को जूस या फिर गन्ने का रस याद आता है. लोग इन दुकानों गन्ना रस या फिर जूस पीने के लिए पहुंच जाते हैं. जूस सेंटर में पहुंचे जूस पीने वाले शख्स ने बताया कि कोरोना की वजह से जूस सेंटर में भीड़ काफी कम है. लोगों में कोरोना का डर देखने को मिल रहा है. जिसके कारण भी लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

शहर की जूस दुकानों पर भी देखने को मिला कोरोना का डर

राजधानी के चौक चौराहों और सड़कों पर जगह-जगह जूस सेंटर भी खुले हुए हैं. जहां पर लोग जूस पीने जा रहे हैं. ज्यादातर लोगों की पसंद ऑरेंज, मौसंबी, अनार और पाइनएप्पल जूस है. जिसे लोग बड़े चाव से और मजे लेकर पीते हैं. लेकिन दुकानदारों में ग्राहकी को लेकर एक तरह से मायूसी भी देखने को मिली. दुकानदारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार ग्राहकी काफी कम है. फलों के दाम भी पहले की तुलना में काफी बढ़ चुके हैं. जिसके कारण हर तरह के जूस में 10 रुपए दाम में बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में नागपुर की फल मंडी भी लॉकडाउन की वजह से बंद पड़ी हुई है. जिसके कारण नागपुर से फल नहीं आ पा रहे हैं.

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जूस पीने पहुंचते लोग

World Health Day: जानिये स्वास्थ्य मंत्री के जिले सरगुजा की स्वास्थ्य सुविधाएं

गन्ने के दाम में प्रति क्विंटल 300 रुपये की बढ़ोतरी

जिस तेजी से गर्मी बढ़ रही है. उसी तेजी से राजधानी सहित दूसरे जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. गर्मी बढ़ते ही लोगों को गन्ना रस की याद सताने लगती है. गन्ना रस की दुकानें भी शहर के चौक-चौराहे और सड़कों पर दिखाई दे रही है. लोग गन्ना रस पीने भी पहुंच रहे हैं. लेकिन गन्ना रस बेचने वाले दुकानदार मायूस और परेशान है. उनका कहना है कि अन्य सालों की तुलना में इस बार उनकी ग्राहकी काफी कम है और गन्ने का रेट भी बढ़ गया है. शुरुआती दिनों में गन्ने का रेट 500 रुपये प्रति क्विंटल था. जो आज बढ़कर 800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया. बावजूद इसके दुकानदार एक गिलास गन्ने के रस को 10 रुपए में बेचने को मजबूर है. दुकानदारों को फायदे के बजाय नुकसान सहना पड़ रहा है.

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गन्ना रस निकालने की मशीन

बढ़ते कोरोना संक्रमण से देश की अर्थव्यवस्था हो सकती है प्रभावित

साल 2020 में जिस तरह से कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों की रोजी-रोटी और व्यवसाय प्रभावित हुआ था. ठीक उसी तरह के हालात इस बार फिर से बनते दिख रहे हैं. क्योंकि कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बढ़ गया है. जो कहीं ना कहीं घर की, समाज की और देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है.

रायपुर: पूरे प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही कोरोना के केस भी लगातार बढ़ रहे हैं. गर्मी के दिनों में अक्सर लोग गर्मी और लू से बचने के लिए कुछ ठंडा पीते हैं. राजधानी में जगह-जगह पर गन्ना रस की दुकानें भी दिखाई दे रही है. उसके साथ ही जूस सेंटर भी खुले हुए हैं. जहां पर लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए पहुंच तो रहे हैं लेकिन कहीं ना कहीं लोगों में कोरोना का खौफ और डर भी देखने को मिल रहा है. वहीं 9 से 19 अप्रैल तक लॉकडाउन ने भी जूस सेंटर वालों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं.

जूस सेंटर पर कोरोना का असर

कोरोना की वजह से जूस प्रेमियों की संख्या घटी

राजधानी में गर्मी की शुरुआत होते ही लोगों को जूस या फिर गन्ने का रस याद आता है. लोग इन दुकानों गन्ना रस या फिर जूस पीने के लिए पहुंच जाते हैं. जूस सेंटर में पहुंचे जूस पीने वाले शख्स ने बताया कि कोरोना की वजह से जूस सेंटर में भीड़ काफी कम है. लोगों में कोरोना का डर देखने को मिल रहा है. जिसके कारण भी लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं.

शहर की जूस दुकानों पर भी देखने को मिला कोरोना का डर

राजधानी के चौक चौराहों और सड़कों पर जगह-जगह जूस सेंटर भी खुले हुए हैं. जहां पर लोग जूस पीने जा रहे हैं. ज्यादातर लोगों की पसंद ऑरेंज, मौसंबी, अनार और पाइनएप्पल जूस है. जिसे लोग बड़े चाव से और मजे लेकर पीते हैं. लेकिन दुकानदारों में ग्राहकी को लेकर एक तरह से मायूसी भी देखने को मिली. दुकानदारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार ग्राहकी काफी कम है. फलों के दाम भी पहले की तुलना में काफी बढ़ चुके हैं. जिसके कारण हर तरह के जूस में 10 रुपए दाम में बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में नागपुर की फल मंडी भी लॉकडाउन की वजह से बंद पड़ी हुई है. जिसके कारण नागपुर से फल नहीं आ पा रहे हैं.

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जूस पीने पहुंचते लोग

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गन्ने के दाम में प्रति क्विंटल 300 रुपये की बढ़ोतरी

जिस तेजी से गर्मी बढ़ रही है. उसी तेजी से राजधानी सहित दूसरे जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. गर्मी बढ़ते ही लोगों को गन्ना रस की याद सताने लगती है. गन्ना रस की दुकानें भी शहर के चौक-चौराहे और सड़कों पर दिखाई दे रही है. लोग गन्ना रस पीने भी पहुंच रहे हैं. लेकिन गन्ना रस बेचने वाले दुकानदार मायूस और परेशान है. उनका कहना है कि अन्य सालों की तुलना में इस बार उनकी ग्राहकी काफी कम है और गन्ने का रेट भी बढ़ गया है. शुरुआती दिनों में गन्ने का रेट 500 रुपये प्रति क्विंटल था. जो आज बढ़कर 800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया. बावजूद इसके दुकानदार एक गिलास गन्ने के रस को 10 रुपए में बेचने को मजबूर है. दुकानदारों को फायदे के बजाय नुकसान सहना पड़ रहा है.

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गन्ना रस निकालने की मशीन

बढ़ते कोरोना संक्रमण से देश की अर्थव्यवस्था हो सकती है प्रभावित

साल 2020 में जिस तरह से कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों की रोजी-रोटी और व्यवसाय प्रभावित हुआ था. ठीक उसी तरह के हालात इस बार फिर से बनते दिख रहे हैं. क्योंकि कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बढ़ गया है. जो कहीं ना कहीं घर की, समाज की और देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है.

Last Updated : Apr 8, 2021, 11:40 AM IST
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