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SPECIAL: कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा, सरकारी अस्पतालों पर भरोसा बढ़ा

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने लॉकडाउन के समय में ही स्वास्थ्य सुविधाओं में मजबूती लाने के लिए अच्छी खासी तैयारी कर ली थी. शुरुआती दौर में कोरोना के मरीजों को एम्स रायपुर में लाया जाता था, लेकिन जैसे कोरोना का प्रकोप बढ़ता गया, स्वास्थ्य अमले ने भी मुस्तैदी से काम किया, नतीजा यह हुआ कि अब अस्पतालों और जांच केंद्रों की संख्या काफी बढ़ गई. वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं में भी विस्तार हुआ है.

Health facility strengthened
स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा
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Published : Dec 23, 2020, 10:57 PM IST

रायपुर: कोरोना ने दुनिया के अच्छे के अच्छे हेल्थ सिस्टम के दावे करने वाले देशों की कमर तोड़कर रख दी है. अमेरिका जैसे विकसित देश ने भी कोरोनावायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं. भारत एक विकासशील देश है, जहां पर हेल्थ सेक्टर की तैयारियां इतनी पुख्ता नहीं थी, जितनी कि विकसित देशों की थी. भारत में भी कोरोना ने दिक्कतों का पहाड़ खड़ा कर दिया. लेकिन इस बीच स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार देखने को मिला है.

सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा

छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य विभाग की स्थिति

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने लॉकडाउन के समय में ही स्वास्थ्य सुविधाओं में मजबूती लाने के लिए अच्छी खासी तैयारी कर ली. शुरुआती दौर में जो मरीज आते थे वह चाहे प्रदेश के किसी भी हिस्से से हो, उन्हें एम्स रायपुर में लाया जाता था, लेकिन जैसे कोरोना का प्रकोप बढ़ता गया, स्वास्थ्य अमले ने भी मुस्तैदी से काम किया, नतीजा यह हुआ कि अब अस्पतालों और जांच केंद्रों की संख्या काफी बढ़ चुकी है.

पढ़ें-छत्तीसगढ़ में कोविड वैक्सिन को लेकर तैयारियां तेज, पहले दौर में हेल्थ वर्कर्स को लगेगा टीका

अस्पतालों की संख्या में इजाफा

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए और लोगों से जल्द से जल्द संपर्क करने के लिए हर जिले में कोविड-19 सेंटर खोले गए. इसके अलावा अस्थाई अस्पताल भी खोले गए. आज छत्तीसगढ़ में अस्पतालों की संख्या भी बढ़ गई है. सामुदायिक केंद्रों के अलावा भी और कई अस्पताल स्वास्थ्य विभाग ने खोले हैं ,जो कि आने वाले समय में सामान्य मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में आ सकते हैं.

आईसीयू की संख्या में बढ़ोतरी

छत्तीसगढ़ के सभी अस्पतालों में चाहे वह निजी अस्पताल हो या फिर सरकारी. सभी अस्पतालों में आईसीयू बेड की संख्या में बढ़ोतरी की गई. वेंटिलेटर की संख्या भी बढ़ाई गई है. साथ ही अस्पतालों में बेड की भी संख्या में भी इजाफा हुआ. उम्मीद है कि कोरोना वायरस के खात्मे के बाद यह सुविधाएं आने वाले समय में आम जनता के काम आएगी.

पढ़ें-अब मरीजों को मिलेगी और ज्यादा सुविधाएं, 8 विशेषज्ञ चिकित्सकों की होगी नियुक्ति

स्वास्थ्य विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोनावायरस के आगे हार नहीं मानी. विभाग लगातार अपने तंत्र को मजबूत करने में लगा रहा. चाहे संसाधनों की बढ़ोतरी हो या फिर अपने विभाग में स्टाफ की भर्ती की. स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 में कई भर्तियां निकाली, इनमें से कुछ भर्तियां संविदा थी तो कुछ सीधी भर्तियां भी निकाली गई है.
इस दौरान अस्पतालों ने साफ-सफाई पर भी खासा ध्यान दिया गया. अक्सर सरकारी अस्पतालों ने गंदगी देखने को मिलती थी लेकिन अब साफ-सफाई बेहद जरूरी और अहम बन चुकी है.

सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा

कोरोना काल में किसी भी निजी अस्पताल से ज्यादा सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में मिल रही है. छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में ही हुआ है. इस कोरोना काल में जनता का विश्वास सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा है.

रायपुर: कोरोना ने दुनिया के अच्छे के अच्छे हेल्थ सिस्टम के दावे करने वाले देशों की कमर तोड़कर रख दी है. अमेरिका जैसे विकसित देश ने भी कोरोनावायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं. भारत एक विकासशील देश है, जहां पर हेल्थ सेक्टर की तैयारियां इतनी पुख्ता नहीं थी, जितनी कि विकसित देशों की थी. भारत में भी कोरोना ने दिक्कतों का पहाड़ खड़ा कर दिया. लेकिन इस बीच स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार देखने को मिला है.

सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा

छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य विभाग की स्थिति

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने लॉकडाउन के समय में ही स्वास्थ्य सुविधाओं में मजबूती लाने के लिए अच्छी खासी तैयारी कर ली. शुरुआती दौर में जो मरीज आते थे वह चाहे प्रदेश के किसी भी हिस्से से हो, उन्हें एम्स रायपुर में लाया जाता था, लेकिन जैसे कोरोना का प्रकोप बढ़ता गया, स्वास्थ्य अमले ने भी मुस्तैदी से काम किया, नतीजा यह हुआ कि अब अस्पतालों और जांच केंद्रों की संख्या काफी बढ़ चुकी है.

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अस्पतालों की संख्या में इजाफा

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए और लोगों से जल्द से जल्द संपर्क करने के लिए हर जिले में कोविड-19 सेंटर खोले गए. इसके अलावा अस्थाई अस्पताल भी खोले गए. आज छत्तीसगढ़ में अस्पतालों की संख्या भी बढ़ गई है. सामुदायिक केंद्रों के अलावा भी और कई अस्पताल स्वास्थ्य विभाग ने खोले हैं ,जो कि आने वाले समय में सामान्य मरीजों के इलाज के लिए उपयोग में आ सकते हैं.

आईसीयू की संख्या में बढ़ोतरी

छत्तीसगढ़ के सभी अस्पतालों में चाहे वह निजी अस्पताल हो या फिर सरकारी. सभी अस्पतालों में आईसीयू बेड की संख्या में बढ़ोतरी की गई. वेंटिलेटर की संख्या भी बढ़ाई गई है. साथ ही अस्पतालों में बेड की भी संख्या में भी इजाफा हुआ. उम्मीद है कि कोरोना वायरस के खात्मे के बाद यह सुविधाएं आने वाले समय में आम जनता के काम आएगी.

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स्वास्थ्य विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोनावायरस के आगे हार नहीं मानी. विभाग लगातार अपने तंत्र को मजबूत करने में लगा रहा. चाहे संसाधनों की बढ़ोतरी हो या फिर अपने विभाग में स्टाफ की भर्ती की. स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 में कई भर्तियां निकाली, इनमें से कुछ भर्तियां संविदा थी तो कुछ सीधी भर्तियां भी निकाली गई है.
इस दौरान अस्पतालों ने साफ-सफाई पर भी खासा ध्यान दिया गया. अक्सर सरकारी अस्पतालों ने गंदगी देखने को मिलती थी लेकिन अब साफ-सफाई बेहद जरूरी और अहम बन चुकी है.

सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा भरोसा

कोरोना काल में किसी भी निजी अस्पताल से ज्यादा सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में मिल रही है. छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल में ही हुआ है. इस कोरोना काल में जनता का विश्वास सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा है.

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