नई दिल्ली/ रायपुर: छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने जानकारी दी. नेताम ने अपने प्रश्न में जानकारी मांगी कि पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ के जनजातीय महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य सुविधा की कमी के कारण और विभिन्न बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर में वृद्धि हुई है, जिसकी जिलेवार संख्या क्या है? इसके साथ मृत्यु के मुख्य कारण क्या हैं? केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार से इस संबंध में किसी प्रकार की रिपोर्ट मांगी गई है?
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री से रामविचार नेताम ने पूछा सवाल
रामविचार नेताम के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री पवार ने बताया कि सरकार को रिपोर्ट मिली है कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों में जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं, बच्चों और नवजातों की मौतों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. गर्भवती महिलाओं में बताए गए मौतों के कारणों में हैमरेज, सेप्सिस, गर्भपात, प्रसव में रुकावट और हाइपरटेंशन शामिल हैं. पिछले तीन वर्षों में यानी साल 2019 में 1082 महिलाओं, 2020 में 1110 और साल 2021 में 920 महिलाएं शामिल हैं. बच्चों में यह आंकड़ा अधिक है. साल 2019 में 3327, 2020 में 3139, 2021 में 2218 है.
संसद में गूंजा छत्तीसगढ़ के खराब स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा
केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में यह भी कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्यों को निर्देशित किया गया है कि जनजातीय क्षेत्रों में मृत्यु दर कम करने के लिए विशेष ध्यान देने के साथ विभिन्न केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर किया जाए ताकि मृत्यु दर कम की जा सके. लेकिन आईएमआर देखा जाए तो देश में मृत्यु दर कम हुई है लेकिन छत्तीसगढ़ में बढ़ रही है. छत्तीसगढ़ सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
नेताम ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा, बलरामपुर, जैसे जिलों में कोरवा, पहाड़ी कोरवा और पंडो जनजाति की मृत्यु के आंकड़ों में वृद्धि के मामले को केंद्रीय मंत्री के ध्यान में लाया और हर साल यह आंकड़ा बढ़ने की बात कही. जिसके लिए केंद्र सरकार द्वरा विशेष टीम भेज कर उनकी स्वास्थ्य संबंधित जांच कराने की मांग की गई है. केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार के साथ चर्चा कर जल्द जांच टीम भेज कर जांच कराई जाएगी.