रायपुर: प्रदेश का पहला कोविड केयर बनकर तैयार हो चुका है. इसे बनकर तैयार हुए लगभग 1 महीने बीत चुके हैं. लेकिन अब तक इसे शुरू नहीं किया गया है. इसकी शुरुआत को लेकर स्मार्ट सिटी और स्वास्थ्य विभाग के बीच खींचतान चल रही है. स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर चिंतित भी है.
दरअसल जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्मार्ट सिटी विभाग के बनाए गए कोविड केयर में ट्रीट और ब्लीच की सुविधा नहीं है. जिससे मरीजों के उपयोग का पानी सीधे नालियों में जाएगा. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ेगा. ऐसा कोई सिस्टम तैयार नहीं किया गया है. जिससे संक्रमित पानी को ट्रीट किया जा सके. पानी का लगातार बाहर जाना घातक हो सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग, स्मार्ट सिटी विभाग से टेकओवर लेने से बच रहा है.
क्या है कोविड केयर सेंटर
यह केयर सेंटर उन मरीजों के लिए तैयार किया गया था. जिनमें संक्रमण के हल्के या न के बराबर लक्षण हों. यहां उनका इलाज किए जाने की तैयारी थी. इससे अधिक बीमार मरीज को अस्पताल और कम बीमार मरीज को केयर सेंटर में रखा जाता. ऐसे में अस्पतालों से बोझ कम होता. अधिक बीमार मरीज के केस अच्छे से हैंडल किए जा सकते. लेकिन बनने के एक महीने बाद भी कोविड केयर को शुरू नहीं किया जा सका है. शासन-प्रशासन इसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में कोविड केयर सेंटर बनाने का दावा कर रहा था. लेकिन यहां पहला केयर सेंटर ही विवादों में पड़ गया है.
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अब पड़ सकती है जरूरत
फिलहाल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो गुरुवार देर रात तक कोरोना संक्रमण के कुल 72 नए केस सामने आए थे. इसके साथ ही 59 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया था. प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 3 हजार के पार जा चुकी है. वहीं 637 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसे कोविड केयर सेंटर को जल्द शुरू करने की जरूरत है.