रायपुर: रायपुर सहित पूरे देश में 18 मार्च को होली का त्यौहार धूमधाम से मनाया (chhattisgarh holi special) जाएगा. जिसके लिए रंगों का बाजार भी पूरी तरह से सज गया है. पिछले 2 सालों से कोरोना की वजह से होली का त्योहार फीका रहा. होली खेलते समय कई बार शरीर पर रंग पूरी तरह से लग जाता है. रंग छुड़ाने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रंगों का प्रभाव शरीर या चेहरे पर ज्यादा नहीं पड़ता. लेकिन कई बार एलर्जी की वजह से रंगों का विपरीत प्रभाव शरीर पर पड़ता है. लोग अति उत्साह में वार्निश या फिर पेंट का भी उपयोग करते हैं. ऐसे होली से बचने का प्रयास करना चाहिए.
हो सकती है ऐसी परेशानी
इस विषय में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मेकाहारा स्किन डिपार्टमेंट के त्वचा रोग विशेषज्ञ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि होली के 1 दिन पहले या होली वाले दिन शरीर या चेहरे पर तेल या फिर स्किन लोशन का इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे चेहरे या फिर शरीर पर रंगों का असर कम हो. शरीर और चेहरे पर इसका कम प्रभाव पड़ेगा लेकिन रंगों को शरीर या चेहरे से छुड़ाने के लिए साबुन का इस्तेमाल करना पड़ेगा. शरीर और चेहरे पर लगे रंगों को निकालने के लिए साबुन का इस्तेमाल कई बार करने से रूखापन भी आ सकता है. वार्निश या पेंट से होली खेलने से स्किन लाल होने के साथ स्वेलिंग आ जाती है.
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इस तरह के रंगों से बचे
होली के दिन हर तरफ रंग और गुलाल हवा में उड़ता रहता है. इसी का नाम होली है. यह त्यौहार अपने साथ ढेर सारी मस्ती और मजा लेकर आता है. ऐसे में खुद को होली खेलने से रोक पाना मुश्किल होता है. होली खेलते समय कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे कपड़े पहने जिससे आपकी पूरी त्वचा अच्छे से ढक जाए फुल शर्ट फुल पैंट इस तरह से आप रंगों के प्रभाव से कुछ हद तक बच सकते हैं. होली में हर्बल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करने से होली सुरक्षित ढंग से मनाई जा सकती हैय केमिकल युक्त रंग और गुलाल से बचना चाहिए.