रायपुर: अभनपुर के जौंदा भांठा धान संग्रहन केंद्र में एक दिव्यांग मजदूर को काम से निकाले जाने का मामला सामने आया है. दिव्यांग मजदूर बीते 10 साल से धान संग्रहन केंद्र में बोरा सिलाई और रस्सी काटने काम करता रहा है. लेकिन इस बार उसे सरकारी आदेशों का हवाला देकर काम पर नहीं रखा गया.
पिछले 10 साल से धान संग्रहण केंद्र में मजदूरी करने वाले दिव्यांग खूबलाल पाल की मजदूरी से घर में 6 लोगों का भरण पोषण होता है. खूबलाल की पत्नी भी दिव्यांग है साथ में इनके दो छोटे बच्चे और मां भी रहती है.
कोरोना संकट और लॉकडाउन के समय काम नहीं मिलने से परिवार के सामने रोजी-रोटी की मुसीबत आ खड़ी हुई है. खूबलाल ने धान संग्रहन केंद्र के प्रभारी अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी ने पिछ्ले साल से ही उन्हें काम पर नहीं रखने की मंशा बनाई थी. पिछले साल भी बहुत मिन्नत करने पर उन्हें काम पर रखा गया था. इस साल कई केंद्र के चक्कर काटने के बावजूद उन्हें काम पर नहीं रखा. धान संग्रहन केंद्र में वे बोरा सिलाई, मजदूरों को पानी पिलाने का काम करते आ रहे हैं, लेकिन अधिकारी ने बिना कारण उन्हें काम से निकाल दिया है.
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लगाई मदद की गुहार
दिव्यांग को मजदूरी कार्य में न रखने के सवाल पर धान संग्रहण केंद्र के प्रभारी कांशीराम नायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की ओर से धान और कस्टम मिलिंग से संबंधित निर्देश पुस्तिका जारी की गई है. जिसके तहत ही वे लोगों को काम पर रख रहें है. बहरहाल, लॉकडाउन के समय काम नहीं मिलने से दिव्यांग मजदूर के परिवार के सामने पेट पालने तक की समस्या आ खड़ी हुई है. यह परिवार शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है.