रायपुर: गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस दिन गुरुजनों की पूजा की जाती है. गुरु का जीवन में बड़ा महत्व होता है. गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती है. कहते हैं कि हर दंपत्ति को अपना एक गुरु बनाना चाहिए और उनसे गुरु मंत्र लेना (Significance of Guru Purnima ) चाहिए. गुरु के सच्चे ज्ञान से मोक्ष का मार्ग खुलता है. इस साल गुरु पूर्णिमा 2022 (Guru Purnima 2022) 13 जुलाई को पड़ रहा है.
गुरु पूर्णिमा पर बन रहे शुभ संयोग: इस दिन सुबह से ही इंद्र योग बना हुआ है. जो दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. पूर्वाषाढा नक्षत्र भी रात 11 बजकर 18 मिनट तक है. यह योग और नक्षत्र, दोनों ही मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं. गुरु पूर्णिमा पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं. 13 जुलाई को शश, रुचक, हंस और भद्र चार राजयोग बनेंगे और इस दिन बना बुधादित्य योग भी अद्भुत है.
गुरु का अर्थ: शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार और रु का का अर्थ-उसका निरोधक. गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाता है. प्राचीन काल में शिष्य जब गुरु के आश्रम में नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे, तो इसी दिन पूर्ण श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा का आयोजन करते थे.
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गुरु पूर्णिमा को कहते हैं व्यास पूर्णिमा: महर्षि वेद व्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को हुआ था. इस दिन व्यास जयंती मनाई जाती है.व्यास पूजा करने की परंपरा है. वेद व्यास जी ने महाभारत के साथ अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की थी. इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं.
गुरु की महत्ता: गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा, गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।।