रायपुर: बाबा गुरु घासीदास की जयंती के अवसर पर अपने संदेश में सीएम बघेल ने उनके उपदेशों और शिक्षा को याद किया. उन्होंने कहा "बाबा गुरु घासीदास ने सम्पूर्ण मानव जाति को ’मनखे-मनखे एक समान’ का प्रेरक संदेश दिया. यानि सभी मनुष्य एक समान हैं. बाबा जी ने मानवीय गुणों के विकास का रास्ता दिखाया और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की. गुरु घासीदास ने अपने उपदेशों के माध्यम से दुनिया को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का मार्ग दिखाया. उनका जीवन दर्शन और विचार मूल्य आज भी प्रासंगिक और समस्त मानव जाति के लिए अनुकरणीय हैं. Guru Ghasidas Jayanti 2022
गुरु घासीदास जयंती पर प्रदेश में भव्य कार्यक्रम: गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर प्रदेशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. सुबह 10 बजे शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास पेंशनबाड़ा रायपुर के प्रागंण में मुख्यमंत्री का सम्मान एवं आभार कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा सीएम बघेल मुंगेली जिले के लालपुर अमरटापू धाम और दुर्ग जिले के कुम्हारी बस्ती और सेक्टर 6 भिलाई में गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे. Program on Guru Ghasidas Jayanti
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मनखे मनखे एक समान का संदेश: 18 दिसंबर 1756 को कसडोल ब्लॉक के छोटे से गांव गिरौदपुरी Giroudpuri Dham में एक अनुसूचित जाति परिवार में पिता महंगूदास और माता अमरौतिन बाई के यहां बाबा गुरु घासीदास का जन्म हुआ था. घासीदास के जन्म के समय समाज में छुआछूत और भेदभाव चरम पर था. कहा जाता है कि बाबा का जन्म अलौकिक शक्तियों के साथ हुआ था. घासीदास ने समाज में व्याप्त बुराइयों को जब देखा तब उनके मन में बहुत पीड़ा हुई तब उन्होंने समाज से छुआछूत मिटाने के लिए 'मनखे मनखे एक समान' का संदेश दिया. Message of Guru Ghasidas
सतनामी समाज के जनक: बाबा को सतनामी समाज का जनक कहा जाता है. उन्होंने समाज को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का उपदेश दिया. उन्होंने मांस और मदिरा सेवन को समाज में पूरी तरह से बंद करवा दिया था. उनके द्वारा दिये गए उपदेश को जिसने आत्मसात कर जीवन में उतारा उसी समाज को आगे चलकर सतनामी समाज के रूप में जाना जाने लगा.Father of Satnami Samaj