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गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि, तंत्र-मंत्र साधकों को मिलता है अभीष्ट फल

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Published : Feb 8, 2022, 4:14 PM IST

Updated : Feb 8, 2022, 9:25 PM IST

माघ शुक्ल पक्ष और संपूर्ण माघ महीना व्रत, महोत्सव और पर्व के लिए जाना जाता है. माघ पूर्णिमा और माघ की अमावस्या स्नान बहुत ही प्रसिद्ध है. माघ शुक्ल पक्ष में ही प्रतिपदा यानी प्रथमा से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त अथवा सूक्ष्म नवरात्रि मनाई जाती है. यह नवरात्रि 2 फरवरी बुधवार से प्रारंभ होकर 10 फरवरी गुरुवार महानवमी तक रहेगी. महानवमी का पावन पर्व भक्तों के लिए विशेष कल्याणकारी माना गया है. आज के दिन तंत्र विद्या से जुड़े लोगों को भी सिद्धि मिलती है.

Gupt Navratri 2022
गुप्त नवरात्रि 2022

रायपुर: गुप्त विद्या, तंत्र विद्या, मंत्र विद्या और गुप्त रहस्य को जानने की इच्छा रखने वालों को यह गुप्त नवरात्रि अभीष्ट फल प्रदान करती है. इस नवरात्रि में तंत्र दक्षिणपंथी साधकों को विशेष सफलता मिलती है. तंत्र विद्या के साधकों की तांत्रिक क्रियाएं इस पर्व में विशेष सफल होती हैं. अनुष्ठान, देव यज्ञ, ब्रह्म यज्ञ और दीर्घकालीन साधनाएं महानवमी के दिन पूर्ण होकर सिद्धत्व को प्राप्त होती है. तंत्र विद्या के जानकार बताते हैं कि यह गुप्त नवरात्रि उनके लिए एक वरदान है. यह वर्ष में दो बार आती है.

गुप्त नवरात्रि 2022

गुप्त नवरात्रि में किया जाता है दान

नवरात्रि में गुप्त रूप से दान किया जाता है. पढ़ने-लिखने वाले विद्यार्थियों के लिए भी गुप्त नवरात्रि एक वरदान की तरह है. इसी नवरात्रि में ही बसंत पंचमी का पावन पर्व भी पड़ता है. संगीत गायन, शब्द योग, ध्यान के साधकों को भी इस नवरात्रि में विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है. सिद्ध कुंजिका स्रोत, अर्गला स्त्रोत्र, श्री सुक्तम, लक्ष्मी सुक्तम, दुर्गा सप्तशती, गायत्री मंत्र का पाठ करना भी इस नवरात्रि में परम कल्याणकारी माना गया है. अनेक विद्वानों के अनुसार गुप्त नवरात्रि में साधना करने पर मुख्य नवरात्रि जैसे ही परिणाम प्राप्त होते हैं. यह सूक्ष्म होकर और भी अधिक तेजस्वी,ओजस्वी परिणाम प्रदान करते हैं. तंत्र-मंत्र के साधक इस गुप्त नवरात्रि का विशेष रुप से इंतजार करते हैं. वे संपूर्ण साधना के साथ गुप्त नवरात्रि के एक-एक पल का आनंद उठाते हैं.

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गुप्त नवरात्रि पर बना शुभ योग

रोहिणी नक्षत्र, इंद्रयोग, कौलव करण, तैतिल करण और उत्पात योग में यह शुभ महानवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस पर्व की विशेषता यह है कि इस दिन रवि योग, ज्वालामुखी योग भी बन रहा है. महानवमी के पावन पर्व पर पुंसवन, श्रीमंत संस्कार, जातकरण संस्कार, नामकरण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, कर्णवेध संस्कार, गर्भाधान संस्कार, उपनयन संस्कार, लता पादपरोपण बहुत ही शुभ माना गया है.

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गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को होते हैं मांगलिक कार्य

यह शुभ दिन विवाह के लिए भी पूरी तरह से उपयुक्त माना गया है. गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को मांगलिक कार्य जैसे मंडपाच्छादन, हरिद्रालेपन, सगाई, लग्न, फलदान, तिलक करना भी बहुत ही श्रेष्ठतम माना गया है. ऐसी मान्यता है कि विधिपूर्वक विभिन्न कर्मकांडों के साथ सनातन परंपरा में किए गए विवाह आज के दिन सिद्धत्व को प्राप्त होते हैं. यानी आज के दिन विवाह करने से दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहती है. माता भगवती मां दुर्गा का विशेष अनुग्रह और आशीर्वाद भक्तों को मिलता है.

आज के शुभ दिन महानवमी के रूप में दुर्गा की पूजा की जाती है. रतनपुर के महामाया मंदिर में संपूर्ण गुप्त नवरात्रि कलश जलाकर यज्ञ की जाती है. महानवमी के शुभ दिन भंडारा किया जाता है, जिसमें सभी भक्तों को उत्साह और उमंग के साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का भोजन कराया जाता है. आज के दिन भंडारा, अन्नदान, वस्त्र दान के लिए भी प्रसिद्ध है. नवीन कार्य, व्यापार, भवन उद्घाटन, गृह प्रवेश, कार्यालय प्रवेश भी करना बहुत शुभ माना गया है.

रायपुर: गुप्त विद्या, तंत्र विद्या, मंत्र विद्या और गुप्त रहस्य को जानने की इच्छा रखने वालों को यह गुप्त नवरात्रि अभीष्ट फल प्रदान करती है. इस नवरात्रि में तंत्र दक्षिणपंथी साधकों को विशेष सफलता मिलती है. तंत्र विद्या के साधकों की तांत्रिक क्रियाएं इस पर्व में विशेष सफल होती हैं. अनुष्ठान, देव यज्ञ, ब्रह्म यज्ञ और दीर्घकालीन साधनाएं महानवमी के दिन पूर्ण होकर सिद्धत्व को प्राप्त होती है. तंत्र विद्या के जानकार बताते हैं कि यह गुप्त नवरात्रि उनके लिए एक वरदान है. यह वर्ष में दो बार आती है.

गुप्त नवरात्रि 2022

गुप्त नवरात्रि में किया जाता है दान

नवरात्रि में गुप्त रूप से दान किया जाता है. पढ़ने-लिखने वाले विद्यार्थियों के लिए भी गुप्त नवरात्रि एक वरदान की तरह है. इसी नवरात्रि में ही बसंत पंचमी का पावन पर्व भी पड़ता है. संगीत गायन, शब्द योग, ध्यान के साधकों को भी इस नवरात्रि में विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है. सिद्ध कुंजिका स्रोत, अर्गला स्त्रोत्र, श्री सुक्तम, लक्ष्मी सुक्तम, दुर्गा सप्तशती, गायत्री मंत्र का पाठ करना भी इस नवरात्रि में परम कल्याणकारी माना गया है. अनेक विद्वानों के अनुसार गुप्त नवरात्रि में साधना करने पर मुख्य नवरात्रि जैसे ही परिणाम प्राप्त होते हैं. यह सूक्ष्म होकर और भी अधिक तेजस्वी,ओजस्वी परिणाम प्रदान करते हैं. तंत्र-मंत्र के साधक इस गुप्त नवरात्रि का विशेष रुप से इंतजार करते हैं. वे संपूर्ण साधना के साथ गुप्त नवरात्रि के एक-एक पल का आनंद उठाते हैं.

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गुप्त नवरात्रि पर बना शुभ योग

रोहिणी नक्षत्र, इंद्रयोग, कौलव करण, तैतिल करण और उत्पात योग में यह शुभ महानवमी का पावन पर्व मनाया जाएगा. इस पर्व की विशेषता यह है कि इस दिन रवि योग, ज्वालामुखी योग भी बन रहा है. महानवमी के पावन पर्व पर पुंसवन, श्रीमंत संस्कार, जातकरण संस्कार, नामकरण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, कर्णवेध संस्कार, गर्भाधान संस्कार, उपनयन संस्कार, लता पादपरोपण बहुत ही शुभ माना गया है.

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गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को होते हैं मांगलिक कार्य

यह शुभ दिन विवाह के लिए भी पूरी तरह से उपयुक्त माना गया है. गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को मांगलिक कार्य जैसे मंडपाच्छादन, हरिद्रालेपन, सगाई, लग्न, फलदान, तिलक करना भी बहुत ही श्रेष्ठतम माना गया है. ऐसी मान्यता है कि विधिपूर्वक विभिन्न कर्मकांडों के साथ सनातन परंपरा में किए गए विवाह आज के दिन सिद्धत्व को प्राप्त होते हैं. यानी आज के दिन विवाह करने से दांपत्य जीवन में अनुकूलता रहती है. माता भगवती मां दुर्गा का विशेष अनुग्रह और आशीर्वाद भक्तों को मिलता है.

आज के शुभ दिन महानवमी के रूप में दुर्गा की पूजा की जाती है. रतनपुर के महामाया मंदिर में संपूर्ण गुप्त नवरात्रि कलश जलाकर यज्ञ की जाती है. महानवमी के शुभ दिन भंडारा किया जाता है, जिसमें सभी भक्तों को उत्साह और उमंग के साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का भोजन कराया जाता है. आज के दिन भंडारा, अन्नदान, वस्त्र दान के लिए भी प्रसिद्ध है. नवीन कार्य, व्यापार, भवन उद्घाटन, गृह प्रवेश, कार्यालय प्रवेश भी करना बहुत शुभ माना गया है.

Last Updated : Feb 8, 2022, 9:25 PM IST
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