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बारदाने पर बवाल: सवालों पर सीएम बोले- बोरे नहीं मिले, फिर भी रिकॉर्ड धान खरीदा - बारदाने पर बवाल

विधानसभा में बारदाने की खरीदी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा. जिस पर काफी हंगामा हुआ. धरमलाल कौशिक ने कहा कि केंद्र के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि हमने 3 से साढ़े 3 लाख बारदाने की मांग की. लेकिन उन्होंने केंद्र ने इसकी सहमति नहीं दी. जिसके बाद राज्य में व्यवस्था की गई.

cm bhupesh baghel on gunny bags
बारदाने पर बवाल
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Published : Mar 8, 2021, 1:36 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 2:15 PM IST

रायपुर: विधानसभा में बारदाने की खरीदी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा. धरमलाल कौशिक ने कहा कि बोरे की व्यवस्था के नाम पर राज्य सरकार, केंद्र सरकार को बदनाम कर रही है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार की तरफ से बारदाने की व्यवस्था नहीं की जाती है. प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रम फैला रही है. केंद्र सरकार का काम बोरा उपलब्ध कराना नहीं है. ये इसी तरह भ्रम फैलाते हैं.

धरमलाल कौशिक ने सवाल किया कि धान खरीदी के लिए इस साल कुल कितने गठान की आवश्यकता थी, आपने कितना ऑर्डर दिया और आपको कितना प्राप्त हुआ ? मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि साढ़े 3 लाख गठन की आवश्यकता थी. 27 जुलाई को 2020 को मांग पत्र भेजा गया. 30 अगस्त 2020 को 3 लाख गठान उपलब्ध कराने की कार्ययोजना स्वीकृत की गई. जुलाई और अक्टूबर के बीच में 1 लाख 45 हजार गठानों के लिए जारी किया गया. 422 करोड़ जमा कर दिया गया लेकिन अचानक 9 अक्टूबर 2020 को अचानक केंद्र सरकार ने कटौती करते हुए 1 लाख 43 हजार गठान देने की स्वीकृति दी. आखिरी में 1 लाख 9 हजार गठानें उपलब्ध हुई.

1 लाख 45 हजार गठान के आदेश को लेकर उठाए सवाल

धरमलाल कौशिक ने फिर कहा कि साढ़े 4 लाख गठन की जरूरत थी, लेकिन राज्य सरकार ने 1 लाख 45 हजार गठान का आदेश क्यों दिया ? आपने आदेश ही नहीं दिया और कल्पना कर लिया कि गठान कम मिल रही है. इस तरह झूठ बोलने और भ्रम फैलाने का काम सरकार ने किया है. इस सवाल पर सदन में हंगामा होने लगा.

विधानसभा LIVE UPDATE: बारदाना खरीदी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

भूपेश बघेल ने दिया जवाब

नेता प्रतिपक्ष के इस सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया कि धान खरीदी हर साल होती है. भारत सरकार के जो कमिश्नर हैं, उनके साथ मीटिंग होती है. वे कार्ययोजना बनाते हैं किस राज्य को किस महीने में कितने बारदाने की आवश्यकता होगी. इस साल कोरोना की वजह से, लॉकडाउन की वजह से जूट फैक्ट्रियां बंद रहीं, जिसकी वजह से भी दिक्कत हुई है.

सीएम बघेल ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार में धान उत्पादन होता है. हर महीने में अलग आवश्कता होती है. पंजाब, हरियाणा में जल्दी धान आता है, छत्तीसगढ़ में धान देरी से आता है. उसके हिसाब से सप्लाई की बात कही थी और जूट मिल बंद होने की बात कही गई थी. इसलिए हमने 3-3.50 लाख बारदाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने कहा कि हम नहीं दे पाएंगे. सहमति 1 लाख 45 हजार पर बनी. हमने राज्य में व्यवस्थाएं की.

छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड धान खरीदी

सीएम बघेल ने कहा कि सहमति 1 लाख 45 हजार पर बनी तो आदेश भी उतना ही देंगे. धान खरीदी बीत गई पूरी लेकिन 1 लाख 45 हजार गठान नहीं मिले. किसानों, राइस मिलर्स और पीडीएस दुकान संचालित करने वालों के सहयोग से रिकॉर्ड धान खरीदी की है.

रायपुर: विधानसभा में बारदाने की खरीदी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा. धरमलाल कौशिक ने कहा कि बोरे की व्यवस्था के नाम पर राज्य सरकार, केंद्र सरकार को बदनाम कर रही है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार की तरफ से बारदाने की व्यवस्था नहीं की जाती है. प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रम फैला रही है. केंद्र सरकार का काम बोरा उपलब्ध कराना नहीं है. ये इसी तरह भ्रम फैलाते हैं.

धरमलाल कौशिक ने सवाल किया कि धान खरीदी के लिए इस साल कुल कितने गठान की आवश्यकता थी, आपने कितना ऑर्डर दिया और आपको कितना प्राप्त हुआ ? मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि साढ़े 3 लाख गठन की आवश्यकता थी. 27 जुलाई को 2020 को मांग पत्र भेजा गया. 30 अगस्त 2020 को 3 लाख गठान उपलब्ध कराने की कार्ययोजना स्वीकृत की गई. जुलाई और अक्टूबर के बीच में 1 लाख 45 हजार गठानों के लिए जारी किया गया. 422 करोड़ जमा कर दिया गया लेकिन अचानक 9 अक्टूबर 2020 को अचानक केंद्र सरकार ने कटौती करते हुए 1 लाख 43 हजार गठान देने की स्वीकृति दी. आखिरी में 1 लाख 9 हजार गठानें उपलब्ध हुई.

1 लाख 45 हजार गठान के आदेश को लेकर उठाए सवाल

धरमलाल कौशिक ने फिर कहा कि साढ़े 4 लाख गठन की जरूरत थी, लेकिन राज्य सरकार ने 1 लाख 45 हजार गठान का आदेश क्यों दिया ? आपने आदेश ही नहीं दिया और कल्पना कर लिया कि गठान कम मिल रही है. इस तरह झूठ बोलने और भ्रम फैलाने का काम सरकार ने किया है. इस सवाल पर सदन में हंगामा होने लगा.

विधानसभा LIVE UPDATE: बारदाना खरीदी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

भूपेश बघेल ने दिया जवाब

नेता प्रतिपक्ष के इस सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया कि धान खरीदी हर साल होती है. भारत सरकार के जो कमिश्नर हैं, उनके साथ मीटिंग होती है. वे कार्ययोजना बनाते हैं किस राज्य को किस महीने में कितने बारदाने की आवश्यकता होगी. इस साल कोरोना की वजह से, लॉकडाउन की वजह से जूट फैक्ट्रियां बंद रहीं, जिसकी वजह से भी दिक्कत हुई है.

सीएम बघेल ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार में धान उत्पादन होता है. हर महीने में अलग आवश्कता होती है. पंजाब, हरियाणा में जल्दी धान आता है, छत्तीसगढ़ में धान देरी से आता है. उसके हिसाब से सप्लाई की बात कही थी और जूट मिल बंद होने की बात कही गई थी. इसलिए हमने 3-3.50 लाख बारदाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने कहा कि हम नहीं दे पाएंगे. सहमति 1 लाख 45 हजार पर बनी. हमने राज्य में व्यवस्थाएं की.

छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड धान खरीदी

सीएम बघेल ने कहा कि सहमति 1 लाख 45 हजार पर बनी तो आदेश भी उतना ही देंगे. धान खरीदी बीत गई पूरी लेकिन 1 लाख 45 हजार गठान नहीं मिले. किसानों, राइस मिलर्स और पीडीएस दुकान संचालित करने वालों के सहयोग से रिकॉर्ड धान खरीदी की है.

Last Updated : Mar 8, 2021, 2:15 PM IST
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