रायपुर : छत्तीसगढ़ में शराब को लेकर राजनीति तेज हो गई है. शहर की लगभग सभी दुकानों में एक ही ब्रांड की शराब मिल रही है. इसमें सबसे खास बात यह है कि यह शराब छत्तीसगढ़ की कंपनी की ओर से बनाई जा रही है. इस बात की तह तक पहुंचने के लिए ETV भारत की टीम ने खुद शराब दुकान में पहुंचकर इसकी पड़ताल की.
बता दें कि लंबे समय से ऐसी जानकारी मिल रही थी कि सरकार की ओर से संचालित शराब दुकानों में छत्तीसगढ़ में निर्मित एक विशेष कंपनी की शराब और बियर बेची जा रही है. जानकारी लगने के बाद इस मामले की पड़ताल करने जब टीम राजधानी के शराब दुकानों पर पहुंची, तो चौंकाने वाला नजारा सामने आया. जब संवाददाता की ओर से एक अन्य ब्रांड की बियर की मांग की गई, तो दुकानदार का जवाब आया कि यहां पर सिर्फ एक ही कंपनी की बियर उपलब्ध है. इसके अलावा दूसरी कंपनी की बियर नहीं है. यही जवाब संवाददाता को शहर के विभिन्न शराब दुकानों पर मिली.
शराब को लेकर मिला रटा-रटाया जवाब
हमारे संवाददाता ने रेलवे स्टेशन, पंडरी, खम्हारडीह ओर राज टॉकीज के पीछे स्थित शराब दुकान की भी पड़ताल की तो यहां भी रटा-रटाया जवाब सुनने को मिला. दुकानदार ने कहा कि उनके पास सिर्फ छत्तीसगढ़ की लोकल कंपनी का बियर है और दूसरे ब्रांड की नहीं है. शराब दुकानों पर ETV भारत की पड़ताल खत्म हुई और जिस बात को अफवाह बताया जा रहा था, वह सच साबित हुई.
ब्रांड का शराब बेचने के निर्देश
दुकानदारों द्वारा एक ही ब्रांड की शराब बेचे जाने की वजह जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरे में उन्होंने यह जरूर बताया है कि उन्हें ऊपर से जिस ब्रांड का शराब बेचने के निर्देश मिलते हैं, वे उसी ब्रांड को प्रमुखता से बेचते हैं.
एक ही ब्रांड की शराब या बियर
टीम की पड़ताल दुकान पर खत्म हुई, तो शराबप्रेमियों से भी इस विषय पर बात की गई, उन्होंने भी यही कहा कि उन्हें एक ही ब्रांड की शराब या बियर दी जाती है. यदि किसी अन्य ब्रांड की डिमांड की जाए, तो दुकानदार सिर्फ एक ब्रांड का हवाला देकर दरकिनार कर लेते हैं. साथ ही इन दुकानों की पड़ताल के बाद एक और बात सामने आई कि ग्राहकों को MRP से ज्यादा कीमत पर शराब बेची जा रही है.
एक ही ब्रांड को बेचने का बढ़ावा
ये तो रही शराब पर ETV भारत की ग्राउंड रिपोर्ट, लेकिन इस पड़ताल से यह बात सामने आती है कि चाहे राज्य सरकार हो या पक्ष दोनों ही जितनी भी राजनीति कर लें, लेकिन किसी ने भी शराबबंदी पर जोर नहीं दिया बल्कि छत्तीसगढ़ में फल-फूल रहे एक ही ब्रांड को बेचने का बढ़ावा दे रही है. पिछली सरकार की ओर से भी शराब का सरकारी ठेका एक कंपनी को दिया जा रहा था. वहीं कांग्रेस के आने के बाद भी यह सिलसिला चल रहा है. जबकि राज्य सरकार के मंत्री कवासी लखमा ने जल्द ही लोगों को सभी तरह के ब्रांड मिलने का आश्वासन दिया था.
एक कंपनी की शराब विशेष
वहीं इन तमाम मुद्दों पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए शराबबंदी की मांग करने वाली कांग्रेस आज खुद शराब बिक्री बढ़ाने प्रयास कर रही है. हालांकि एक ही ब्रांड की बिक रही शराब पर वे गोल-मोल जवाब देते दिखे. बता दें कि सत्ता परिवर्तन के लगभग 7 महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद अब तक प्रदेश की विभिन्न शराब दुकानों में आज भी छत्तीसगढ़ की एक कंपनी की शराब विशेष रूप से बेची जा रही है, जिसे रोकने में कांग्रेस सरकार नाकाम रही है. आलम यह है कि उस कंपनी की शराब ज्यादा मात्रा में बिक सके और उसे लाभ मिल सके, इसके लिए दूसरे ब्रांड को भी दुकानदारों द्वारा नहीं बेचने दिया जा रहा है.
जनघोषणा पत्र में भी शराबबंदी का उल्लेख
बता दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस द्वारा लगातार प्रदेश में शराबबंदी की मांग की गई. इतना ही नहीं उन्होंने अपने जनघोषणा पत्र में भी शराबबंदी का उल्लेख किया था. साथ ही उन्होंने पिछली भाजपा सरकार पर छत्तीसगढ़ की शराब कंपनी को लाभ पहुंचाने उनकी कंपनी का ब्रांड शराब दुकानों में बेचे जाने का भी आरोप लगाया गया था. यहां तक कि यह मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा था. बावजूद इसके सत्ता परिवर्तन के लगभग 7 महीने बीत चुके हैं. बावजूद इसके अब तक प्रदेश की विभिन्न शराब दुकानों में आज भी छत्तीसगढ़ की एक कंपनी की शराब विशेष रूप से बेची जा रही है, जिसे रोकने में कांग्रेस सरकार नाकाम रही है. आलम यह है कि उस कंपनी की शराब ज्यादा मात्रा में बिक सके और उसे लाभ मिल सके इसके लिए दूसरे ब्रांड को भी दुकानदारों द्वारा नहीं बेचने दिया जा रहा है.