ETV Bharat / state

गोंड़ आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम में राज्यपाल ने की शिरकत

author img

By

Published : Oct 20, 2019, 9:54 PM IST

गोंड़ आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उईके शामिल हुईं. इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने नवाखाई की रस्म अदा कर समाज के लोगों को बधाई दी. वहीं समाज की ओर से उन्हें प्रतीक के तौर पर तीर-कमान भेंट किया गया.

गोंड़ आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम में शामिल हुई राज्यपाल

रायपुर : तोरवा के सिंधु भवन में गोंड़ आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके शामिल हुईं. कार्यक्रम में पारंपरिक लोकनृत्य से अतिथियों का स्वागत किया गया. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने की.

गोंड़वाना समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 'आदिवासी समाज की प्रकृति में सरलता, स्वाभिमान और भोलापन है. इसी प्रकृति के कारण उन्हें शोषण का शिकार बनाया जाता है और वे अपने अधिकारों से वंचित रहते हैं. राज्यपाल ने कहा कि 'आदिवासियों के दर्द और तकलीफ को देखकर ही उन्होंने नौकरी छोड़ी और राजनीति में आकर उनकी सेवा के लिए तत्पर हैं, जो विश्वास और उम्मीद उनसे की गई हैं वे उन्हें पूरा करने की कोशिश करेंगी'.

आदिवासियों के हित के लिए कानून का पालन हो
राज्यपाल ने आगे कहा कि 'संवैधानिक पद पर होने के नाते जनता की परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने शासन को दिशा-निर्देश दिए हैं कि ऐसी नीति बनाई जाए, जिससे हर व्यक्ति सुख-शांति से रह सके. आदिवासियों के हित के लिए कानून का पालन हो. संविधान में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, उसके अनुसार ही उन्हें न्याय मिले. सरकार ने भी इस दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाए हैं'.

योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाए
साथ ही उन्होंने कहा कि 'आदिवासियों को जो अधिकार मिले हैं, उसे प्राप्त करने के लिए उन्हें आगे आना होगा. आपस में एकजुट होकर ही वे अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं. उईके ने समाज के लोगों से कहा कि 'केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाए. रोजगार के लिए युवा भटक रहे हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करना चाहिए'.

राज्यपाल ने महसूस किया गरीब आदिवासियों की पीड़ा
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि 'यह पहली बार हो रहा है कि आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम में राज्यपाल सम्मिलित हो रही हैं. समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति बस्तर से सरगुजा तक सुदूर अंचल में रहने वाले गरीब आदिवासियों की पीड़ा को राज्यपाल ने महसूस किया है और उनके लिए चिंता करते हुए उन्हें न्याय दिलाने के लिए कदम उठा रही है'.

भू-राजस्व संहिता का कड़ाई से पालन हो
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सचिव एस.एस.सिंह उईके ने अपने संबोधन में कहा कि 'आदिवासी समाज की समस्याएं सही समय पर हल होनी चाहिए. आदिवासियों की भूमि पर गैर-आदिवासी कब्जा करते हैं. इस पर सम्यक रूप से कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'भू-राजस्व संहिता का कड़ाई से पालन हो. कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन गोंड़वाना समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुभाष परते ने दिया. इस दौरान उन्होंने समाज की विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित कराया'.

ये नेता रहे मौजूद

कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित समाज के संरक्षक भरत सिंह परते, गणेश परधान सहित समाज के पदाधिकारी एवं अन्य सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे.

रायपुर : तोरवा के सिंधु भवन में गोंड़ आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके शामिल हुईं. कार्यक्रम में पारंपरिक लोकनृत्य से अतिथियों का स्वागत किया गया. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने की.

गोंड़वाना समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 'आदिवासी समाज की प्रकृति में सरलता, स्वाभिमान और भोलापन है. इसी प्रकृति के कारण उन्हें शोषण का शिकार बनाया जाता है और वे अपने अधिकारों से वंचित रहते हैं. राज्यपाल ने कहा कि 'आदिवासियों के दर्द और तकलीफ को देखकर ही उन्होंने नौकरी छोड़ी और राजनीति में आकर उनकी सेवा के लिए तत्पर हैं, जो विश्वास और उम्मीद उनसे की गई हैं वे उन्हें पूरा करने की कोशिश करेंगी'.

आदिवासियों के हित के लिए कानून का पालन हो
राज्यपाल ने आगे कहा कि 'संवैधानिक पद पर होने के नाते जनता की परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने शासन को दिशा-निर्देश दिए हैं कि ऐसी नीति बनाई जाए, जिससे हर व्यक्ति सुख-शांति से रह सके. आदिवासियों के हित के लिए कानून का पालन हो. संविधान में उन्हें जो अधिकार मिले हैं, उसके अनुसार ही उन्हें न्याय मिले. सरकार ने भी इस दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाए हैं'.

योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाए
साथ ही उन्होंने कहा कि 'आदिवासियों को जो अधिकार मिले हैं, उसे प्राप्त करने के लिए उन्हें आगे आना होगा. आपस में एकजुट होकर ही वे अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं. उईके ने समाज के लोगों से कहा कि 'केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जाए. रोजगार के लिए युवा भटक रहे हैं, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास करना चाहिए'.

राज्यपाल ने महसूस किया गरीब आदिवासियों की पीड़ा
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि 'यह पहली बार हो रहा है कि आदिवासी समाज के नवाखाई कार्यक्रम में राज्यपाल सम्मिलित हो रही हैं. समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति बस्तर से सरगुजा तक सुदूर अंचल में रहने वाले गरीब आदिवासियों की पीड़ा को राज्यपाल ने महसूस किया है और उनके लिए चिंता करते हुए उन्हें न्याय दिलाने के लिए कदम उठा रही है'.

भू-राजस्व संहिता का कड़ाई से पालन हो
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के सचिव एस.एस.सिंह उईके ने अपने संबोधन में कहा कि 'आदिवासी समाज की समस्याएं सही समय पर हल होनी चाहिए. आदिवासियों की भूमि पर गैर-आदिवासी कब्जा करते हैं. इस पर सम्यक रूप से कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'भू-राजस्व संहिता का कड़ाई से पालन हो. कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन गोंड़वाना समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुभाष परते ने दिया. इस दौरान उन्होंने समाज की विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित कराया'.

ये नेता रहे मौजूद

कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक धरमलाल कौशिक, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित समाज के संरक्षक भरत सिंह परते, गणेश परधान सहित समाज के पदाधिकारी एवं अन्य सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे.

Intro:Body:

nws


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.