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रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक में पहुंचीं राज्यपाल, छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों की तारीफ की

छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक (Raipur Municipal Corporation general assembly meeting) में राज्यपाल ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ और यहां के लोगों की जमकर तारीफ की.

Raipur Municipal Corporation General Assembly meeting
रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक में पहुंचीं राज्यपाल
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Published : Mar 15, 2022, 9:54 PM IST

Updated : Mar 15, 2022, 11:02 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नगर निगम की सामान्य सभा में (Raipur Municipal Corporation general assembly meeting) राज्यपाल ने शिरकत की. यह ऐतिहासिक क्षण रायपुर नगर निगम मुख्यालय में 15 मार्च सामान्य सभा के बजट सत्र के दौरान आया. राज्यपाल अनुसूइया उइके दिन के 12:30 बजे नगर निगम पहुंचीं. महापौर समेत नगर निगम के सभी पार्षदों ने उनका स्वागत किया.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने भाषण में बताया कि रायपुर नगर निगम वाइट हाउस का मैंने नाम सुना था. यहां आने की काफी इच्छा थी. आज यह पूरी हुई. राज्यपाल ने इस दौरान रायपुर नगर निगम के किए गए कार्यों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि रायपुर नगर निगम का गौरवशाली इतिहास रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से अपनी राजनीति की शुरुआत की. फिर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है. कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने लोगों की हरसंभव मदद की. इस कार्य के लिए नगर निगम के सभी कर्मचारी-अधिकारी बधाई के पात्र हैं.

राज्यपाल ने साझा किये अपने अनुभव
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा मुझे ग्राम पंचायत और नगर निगम का अनुभव नहीं है, लेकिन मुझे छात्र राजनीति का अनुभव रहा है. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने तीन साल कॉलेज में पढ़ाया. फिर 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनी. मैं जिस क्षेत्र से आती थी, वहां ट्राइबल बहुत पिछड़े थे. बजट में प्रावधान होता है, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था. मैं रूलिंग पार्टी की विधायक थी. जनता के मुद्दे उठाने के लिए मैं सत्ता पक्ष-विपक्ष का भी ध्यान नहीं देती थी. यही कारण है कि विपक्ष के लोग मुझे कहते थे कि तुम विपक्ष में आ जाओ. इसी का नतीजा रहा कि मुझे जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा रखती हूं कि वह भी इस तरह से कार्य करें और जनता मुद्दों को लेकर हमेशा कार्य करें.

यह भी पढ़ें : रायगढ़ में भगवान शिव को अवैध कब्जा हटाने को नोटिस, सुनवाई में नहीं आए तो 10 हजार का लगेगा जुर्माना !

नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला है. यहां निर्वाचित होकर जनप्रतिनिधियों का लोकतंत्र व संसदीय कार्यप्रणाली से पहली बार परिचय होता है. रायपुर नगर निगम से कई ऐसे लोग हुए, जो प्राथमिक शाला से निकलकर आज देश के उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं.

रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक में पहुंचीं राज्यपाल

छत्तीसगढ़ और यहां के लोगों की तारीफ की
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न पदों पर रहते हुए देश के अनेक राज्यों का मैंने भ्रमण किया. लेकिन छत्तीसगढ़ में मेरे कार्यकाल के ढाई साल कैसे बीत गए, इसका मुझे पता ही नहीं चला. महिला आयोग में रहते मैंने 25 राज्यों का दौरा किया. मैंने यह देखा है कि छत्तीसगढ़ में जितने सहज और सरल व्यक्ति हैं, वैसे शायद किसी अन्य राज्यों में हों. इस तरह का वातावरण मुझे और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता बड़ी ही सरल, सहज और मृदुभाषी है, जो छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया की सार्थकता को सिद्ध करती.

ऐतिहासिक क्षण में मौजूद नहीं रहा भाजपा पार्षद दल
सदन की कार्रवाई के शुरू होते ही भाजपा पार्षद दल ने यूजर चार्ज, टैक्स और गोल बाजार के मुद्दे को लेकर महापौर से चर्चा करने के लिए सभापति को आग्रह किया था. उसके बाद ही सदन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी. लेकिन भाजपा पार्षद दिलों की बात नहीं मानने पर भाजपा के पार्षदो ने सभापति की आसंदी के सामने जमकर हंगामा किया. इसके बाद सभापति ने भाजपा के पार्षदों को निलंबित कर दिया था. हालांकि राज्यपाल के आने से पहले महापौर के आग्रह पर सभापति ने बीजेपी के पार्षदों का निलंबन वापस ले लिया था. राज्यपाल के आगमन के दौरान भी भाजपा पार्षद दल ने राज्यपाल कार्यक्रम से दूरी बना ली.

यह भी पढ़ें : नवा रायपुर किसान मौत मामला : दंडाधिकारी जांच शुरू, 24 तक दर्ज करा सकते हैं बयान

बीजेपी पार्षद दल ने राज्यपाल का किया अपमान : मेयर
भाजपा पार्षद दल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर महापौर ने कहा कि पक्ष-विपक्ष की बात अलग है. अगर राज्यपाल कार्यक्रम में आ रही हैं तो उनकी गरिमा महत्वपूर्ण रखती है. राज्यपाल किसी राजनीतिक पार्टी की नहीं, राज्य की प्रथम महिला हैं. बीजेपी पार्षद दल ने राज्यपाल का अपमान किया है. राज्यपाल ने जाते-जाते मुझसे यह कहा है कि लोकतंत्र में सभी चीजें चलती हैं, लेकिन राज्यपाल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होना, उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाना है.

महापौर ने झूठी कहानी राज्यपाल के सामने पेश की होगी : चौबे
राज्यपाल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर नेता प्रतिपक्ष मिला चौबे ने कहा कि जनता के मुद्दे को लेकर जब हमने बात करनी चाही, हमें साजिश के तहत निलंबित कर दिया गया. महापौर ने अपनी असफलता छिपाने के लिए राज्यपाल को अपनी ढाल बनाते हुए आज उन्हें उन्हें आमंत्रित किया. राज्यपाल महोदय नगर निगम में पहली बार पहुंची हैं. भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल ने उनका सम्मान किया. महापौर के आरोप पर नेता प्रतिपक्ष चौबे ने कहा कि रणनीति के तहत हमें सामान्य सभा से निलंबित किया गया. महापौर ने झूठी कहानी राज्यपाल के सामने पेश की होगी.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नगर निगम की सामान्य सभा में (Raipur Municipal Corporation general assembly meeting) राज्यपाल ने शिरकत की. यह ऐतिहासिक क्षण रायपुर नगर निगम मुख्यालय में 15 मार्च सामान्य सभा के बजट सत्र के दौरान आया. राज्यपाल अनुसूइया उइके दिन के 12:30 बजे नगर निगम पहुंचीं. महापौर समेत नगर निगम के सभी पार्षदों ने उनका स्वागत किया.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने भाषण में बताया कि रायपुर नगर निगम वाइट हाउस का मैंने नाम सुना था. यहां आने की काफी इच्छा थी. आज यह पूरी हुई. राज्यपाल ने इस दौरान रायपुर नगर निगम के किए गए कार्यों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि रायपुर नगर निगम का गौरवशाली इतिहास रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से अपनी राजनीति की शुरुआत की. फिर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है. कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने लोगों की हरसंभव मदद की. इस कार्य के लिए नगर निगम के सभी कर्मचारी-अधिकारी बधाई के पात्र हैं.

राज्यपाल ने साझा किये अपने अनुभव
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा मुझे ग्राम पंचायत और नगर निगम का अनुभव नहीं है, लेकिन मुझे छात्र राजनीति का अनुभव रहा है. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने तीन साल कॉलेज में पढ़ाया. फिर 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनी. मैं जिस क्षेत्र से आती थी, वहां ट्राइबल बहुत पिछड़े थे. बजट में प्रावधान होता है, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था. मैं रूलिंग पार्टी की विधायक थी. जनता के मुद्दे उठाने के लिए मैं सत्ता पक्ष-विपक्ष का भी ध्यान नहीं देती थी. यही कारण है कि विपक्ष के लोग मुझे कहते थे कि तुम विपक्ष में आ जाओ. इसी का नतीजा रहा कि मुझे जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा रखती हूं कि वह भी इस तरह से कार्य करें और जनता मुद्दों को लेकर हमेशा कार्य करें.

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नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला है. यहां निर्वाचित होकर जनप्रतिनिधियों का लोकतंत्र व संसदीय कार्यप्रणाली से पहली बार परिचय होता है. रायपुर नगर निगम से कई ऐसे लोग हुए, जो प्राथमिक शाला से निकलकर आज देश के उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं.

रायपुर नगर निगम सामान्य सभा की बैठक में पहुंचीं राज्यपाल

छत्तीसगढ़ और यहां के लोगों की तारीफ की
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न पदों पर रहते हुए देश के अनेक राज्यों का मैंने भ्रमण किया. लेकिन छत्तीसगढ़ में मेरे कार्यकाल के ढाई साल कैसे बीत गए, इसका मुझे पता ही नहीं चला. महिला आयोग में रहते मैंने 25 राज्यों का दौरा किया. मैंने यह देखा है कि छत्तीसगढ़ में जितने सहज और सरल व्यक्ति हैं, वैसे शायद किसी अन्य राज्यों में हों. इस तरह का वातावरण मुझे और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता बड़ी ही सरल, सहज और मृदुभाषी है, जो छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया की सार्थकता को सिद्ध करती.

ऐतिहासिक क्षण में मौजूद नहीं रहा भाजपा पार्षद दल
सदन की कार्रवाई के शुरू होते ही भाजपा पार्षद दल ने यूजर चार्ज, टैक्स और गोल बाजार के मुद्दे को लेकर महापौर से चर्चा करने के लिए सभापति को आग्रह किया था. उसके बाद ही सदन की कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी. लेकिन भाजपा पार्षद दिलों की बात नहीं मानने पर भाजपा के पार्षदो ने सभापति की आसंदी के सामने जमकर हंगामा किया. इसके बाद सभापति ने भाजपा के पार्षदों को निलंबित कर दिया था. हालांकि राज्यपाल के आने से पहले महापौर के आग्रह पर सभापति ने बीजेपी के पार्षदों का निलंबन वापस ले लिया था. राज्यपाल के आगमन के दौरान भी भाजपा पार्षद दल ने राज्यपाल कार्यक्रम से दूरी बना ली.

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बीजेपी पार्षद दल ने राज्यपाल का किया अपमान : मेयर
भाजपा पार्षद दल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर महापौर ने कहा कि पक्ष-विपक्ष की बात अलग है. अगर राज्यपाल कार्यक्रम में आ रही हैं तो उनकी गरिमा महत्वपूर्ण रखती है. राज्यपाल किसी राजनीतिक पार्टी की नहीं, राज्य की प्रथम महिला हैं. बीजेपी पार्षद दल ने राज्यपाल का अपमान किया है. राज्यपाल ने जाते-जाते मुझसे यह कहा है कि लोकतंत्र में सभी चीजें चलती हैं, लेकिन राज्यपाल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होना, उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाना है.

महापौर ने झूठी कहानी राज्यपाल के सामने पेश की होगी : चौबे
राज्यपाल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर नेता प्रतिपक्ष मिला चौबे ने कहा कि जनता के मुद्दे को लेकर जब हमने बात करनी चाही, हमें साजिश के तहत निलंबित कर दिया गया. महापौर ने अपनी असफलता छिपाने के लिए राज्यपाल को अपनी ढाल बनाते हुए आज उन्हें उन्हें आमंत्रित किया. राज्यपाल महोदय नगर निगम में पहली बार पहुंची हैं. भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल ने उनका सम्मान किया. महापौर के आरोप पर नेता प्रतिपक्ष चौबे ने कहा कि रणनीति के तहत हमें सामान्य सभा से निलंबित किया गया. महापौर ने झूठी कहानी राज्यपाल के सामने पेश की होगी.

Last Updated : Mar 15, 2022, 11:02 PM IST
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