रायपुर: छत्तीसगढ़ में 16 जून से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो गई है. बता दें कि पिछले 2 साल से स्कूलों पर ताला लगा था. ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र के दौरान स्कूलों में विद्यार्थियों का उत्साह भी देखने को मिल रहा है. नए सत्र में स्कूलों में किस तरह की व्यवस्थाएं ( Raipur Kathadih government school dilapidated) हैं. इसका जायजा ईटीवी भारत ने लिया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए.
काठाडीह सराकरी स्कूल की इमारत जानलेवा: सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम रायपुर के काठाडीह स्थित शासकीय माध्यमिक स्कूल (government school of Raipur is in bad condition) पहुंची. यहां शनिवार की वजह से बच्चों की स्कूलों में जल्दी छुट्टी हो गई थी. लेकिन जब हमने इस स्कूल का जायजा लिया तो यहां की हालत बेहद खस्ता दिखी. स्कूल की इमारत कभी भी गिर सकती है. यहां कभी भी स्कूली बच्चों की जान जा सकती है. ईटीवी भारत के कैमरे में जो तस्वीरें कैद हुई है. उसे देखकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. इस तरह की स्कूल की इमारत देखने के बाद यकीन है कि कोई भी अभिभावक अपने बच्चों को इस स्कूल में भेजने से पहले सौ बार सोचेगा. आप यहां की तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे यहां के छात्र जोखिम में जान डालकर पढ़ाई कर (Danger of accident in Raipur government school) रहे हैं
बाहर से स्कूल चकाचक लेकिन अंदर से स्कूल जर्जर: जब ईटीवी भारत की टीम ने अलग से क्लास रूम का जायजा लिया तो हमने वहां पाया कि स्कूल को बाहर से तो अच्छे से पुताई कर चकाचक कर दिया गया है लेकिन अंदर के क्लास रूम जर्जर अवस्था में है. जहां स्कूल के छात्र ऐसे ही स्थिति में बैठकर पढ़ाई करते हैं और मध्यान भोजन करते हैं.
भवनों की नींव हुई कमजोर, कभी भी गिर सकता है स्कूल : जब ईटीवी भारत की टीम ने स्कूल के सभी भवनों का चारों ओर से मुआयना किया. तो हमने पाया कि भवनों के निचले हिस्सों पर भी बड़ी दरारें आ गई है. नींव भी कमजोर हो गई है. इसके साथ भवन में जो सीमेंट और रेत गिट्टी के साथ सरिया लगाई गई है वह भी धसक रही है. भवन की स्थिति इस कदर जर्जर हो गई है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
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प्रधानपाठक ने नहीं उठाया ईटीवी भारत का फोन : ईटीवी भारत की टीम ने जब इस सिलसिले में स्कूल के प्रधान पाठक से मोबाइल पर बात करने की कोशिश की तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया. स्कूल की दीवार पर प्रधान पाठक का मोबाइल नंबर 9009135231 लिखा गया था. जब ईटीवी भारत ने संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
रायपुर के शहरी हिस्सों में भी स्कूल की हालत खराब : कुछ दिन पूर्व ही ईटीवी भारत की टीम शांति नगर स्थिर शासकीय पीजी उमाठे कन्या शाला पहुंची थी.वहां हमने पाया कि स्कूल का भवन सालों पुराना हो चुका है, दीवारें इस कदर जर्जर हो गई है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. क्लासरूम की दीवारों के प्लास्टर उखड़ रहे हैं. खिड़की दरवाजे टूटे हैं. वहीं हालही में इन स्कूल में जोरों शोरों से शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया. लेकिन अलाम ये है कि यहां पेंटिंग का भी काम नहीं हो पाया है.
स्कूल का बोर भी सूखा: हर साल स्कूल में पेय जल की आपूर्ति स्कूल में लगे बोरवेल से हो जाया करती थी. लेकिन इस बार स्कूल का बोर सूख गया है. लेकिन कोई भी जिम्मेदार इसकी सुध लेने वाला नहीं है. चारों तरफ से नौनिहालों को परेशानी हो रही है.
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स्कूल की शिक्षिका का क्या है कहना: पीजी उमाठे शासकीय गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका दीक्षा साहू ने बताया कि " लगातार कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल बंद था इस वजह से हमारा विद्यालय थोड़ा जर्जर हुआ है. आगे इसका मरम्मत कार्य करवाया जाएगा. स्कूल की ओर से यह ध्यान रखा जाता है कि किसी भी बच्चे को या टीचर्स को भवन जर्जर होने की वजह से कोई परेशानीन हो. हम स्कूल भवन का जल्द ही मरम्मत करवाएंगे.
रायपुर के सरकारी स्कूलों के रियलिटी चेक में जो खुलासे हुए हैं वह चौकाने वाले हैं. अगर सही समय पर जिम्मेदार नहीं जागे तोे रायपुर में कभी भी बडा हादसा हो सकता है और इसके जिम्मेदार वह अधिकारी और शिक्षाकर्मी होंगे जो उस स्कूल से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं