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छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को तबादले पर लगे प्रतिबंध हटने का इंतजार - Chhattisgarh cabinet meeting

छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारी लंबे समय से लगे तबादले पर प्रतिबंध के हटने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि उनका इंतजार कब खत्म होगा ये कह पाना मुश्किल (ban on transfer of government employees in chhattisgarh) है.

Chhattisgarh cabinet meeting
छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक
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Published : Jul 8, 2022, 8:46 PM IST

Updated : Jul 8, 2022, 10:57 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के हजारों सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को लंबे समय से तबादलों पर लगे प्रतिबंध के हटने का इंतजार है. गुरुवार को संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक के बीच शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनके इंतजार की घड़ी खत्म हो (ban on transfer of government employees in chhattisgarh) जाएगी. राज्य सरकार लंबे समय से तबादलों पर लगे प्रतिबंध को हटा देगी. कई जरूरतमंद, बीमार, पति-पत्नी सहित अन्य अधिकारियों कर्मचारियों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन लगा रखा था. लेकिन कैबिनेट की बैठक के बाद इन कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी (Government employees of Chhattisgarh waiting for ban on transfer to be lifted) है.

तबादले पर लगे प्रतिबंध हटने का इंतजार

कैबिनेट की बैठक के बाद मायूसी लगी हाथ: प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर लगे प्रतिबंध को ना हटाने की वजह से इनमें काफी आक्रोश है. अधिकारी और कर्मचारी जल्द से जल्द सरकार से तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे हैं. इस विषय में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने बताया, "गुरुवार को संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक से अधिकारी और कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी. उन्हें लग रहा था कि कैबिनेट की बैठक में लंबे समय से तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा. लेकिन बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों में काफी निराशा है."

तबादले पर प्रतिबंध नहीं हटने से आक्रोश: आगे विजय झा ने बताया, "कई जरूरतमंद अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपने तबादले के लिए आवेदन लगा रखा है. कोई पति-पत्नी साथ में काम करना चाहते हैं. कोई बीमार है तो किसी के परिवार में बूढ़े मां-बाप की देख-रेख करने वाला नहीं है. कोरोनाकाल के दौरान परिवारिक परिस्थिति को देखते हुए हजारों लोगों ने तबादले के लिए आवेदन कर रखा है. सबसे ज्यादा आवेदन स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में लगा हुआ है. ऐसे में इन लोगों ने अपने तबादले के लिए लंबे समय से आवेदन लगा रखा है. लेकिन जब से कांग्रेस सरकार आई है, उसके बाद से तबादले पर प्रतिबंध नहीं हटा है. जिस वजह से इन अधिकारी कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं तबादला ना होने की वजह से उनके काम पर भी प्रभाव पड़ रहा है. अतः सरकार से तबादले पर लगे प्रतिबंध को जल्द से जल्द हटाने की मांग की गई है."

जल्द तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाए सरकार: छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का कहना है, "शासकीय अधिकारी और कर्मचारी काफी लंबे समय से तबादले पर लगे प्रतिबंध के हटने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार तबादले पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटा रहा है. इस वजह से अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. खासकर केरोनाकाल में प्रभावित आधिकारी-कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शालेय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए."

प्रतिबंध हटाने को कैबिनेट में नहीं किया गया विचार: कैबिनेट की बैठक के बाद जब मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा गया कि क्या राज्य सरकार के द्वारा ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाये जाने को लेकर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई है? इसके जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की गई है.

2019 में आई थी आखिरी तबादला नीति: छत्तीसगढ़ की आखिरी तबादला नीति 2019 में आई थी. इसमें तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर के माध्यम से करने का प्रावधान था. स्थानांतरण के लिए आवेदन संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों को दिए जाने थे.

निर्धारित संख्या में हो सकते थे तबादले: राज्य शासन के तबादला नीति में अब तक राज्य स्तर पर पहले और दूसरे श्रेणी के अधिकारियों के तबादलों के मामले में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15 फीसद, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में 10 फीसद और चतुर्थ श्रेणी के अधिकतम 5 फीसद तबादले होते हैं. वहीं, स्थानांतरण आदेश निरस्त या संशोधित किए जाने पर प्रस्ताव समन्वय में प्रस्तुत होता है. परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किए गए तबादलों की गणना इस सीमा के लिए नहीं की जाएगी.

यह भी पढ़ें; पत्रकार रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान !

अगले साल होगा चुनाव: राज्य सरकार इस वर्ष अधिकारी कर्मचारियों के तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाने के मूड में है. इसके बाद अगले वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी. ऐसे में तबादले नहीं हो सकेंगे. इसके पहले शासन-प्रशासन के कामकाज में कसावट लाने की कवायद भी चल रही है. बताया जा रहा है कि पुरानी तबादला नीति में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं होगा. प्रस्तावित तबादला नीति के तहत राज्य और जिला स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों के तबादले होंगे.

आखिर कब हटेगा तबादला से प्रतिबंध: लेकिन तबादले कब से शुरू होंगे, कब तबादलों से प्रतिबंध हटेगा, इसकी घोषणा अब तक राज्य सरकार की ओर से नहीं की गई है. यही वजह है कि लंबे समय से तबादले से प्रतिबंध हटाने की मांग की जा रही है. तबादले के इच्छुक जरूरतमंद अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले पर लगे प्रतिबंध कब हटाए जायेंगे ये कह पाना मुश्किल है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के हजारों सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को लंबे समय से तबादलों पर लगे प्रतिबंध के हटने का इंतजार है. गुरुवार को संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक के बीच शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को उम्मीद थी कि उनके इंतजार की घड़ी खत्म हो (ban on transfer of government employees in chhattisgarh) जाएगी. राज्य सरकार लंबे समय से तबादलों पर लगे प्रतिबंध को हटा देगी. कई जरूरतमंद, बीमार, पति-पत्नी सहित अन्य अधिकारियों कर्मचारियों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन लगा रखा था. लेकिन कैबिनेट की बैठक के बाद इन कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी (Government employees of Chhattisgarh waiting for ban on transfer to be lifted) है.

तबादले पर लगे प्रतिबंध हटने का इंतजार

कैबिनेट की बैठक के बाद मायूसी लगी हाथ: प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर लगे प्रतिबंध को ना हटाने की वजह से इनमें काफी आक्रोश है. अधिकारी और कर्मचारी जल्द से जल्द सरकार से तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे हैं. इस विषय में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने बताया, "गुरुवार को संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक से अधिकारी और कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी. उन्हें लग रहा था कि कैबिनेट की बैठक में लंबे समय से तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा. लेकिन बैठक में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों में काफी निराशा है."

तबादले पर प्रतिबंध नहीं हटने से आक्रोश: आगे विजय झा ने बताया, "कई जरूरतमंद अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपने तबादले के लिए आवेदन लगा रखा है. कोई पति-पत्नी साथ में काम करना चाहते हैं. कोई बीमार है तो किसी के परिवार में बूढ़े मां-बाप की देख-रेख करने वाला नहीं है. कोरोनाकाल के दौरान परिवारिक परिस्थिति को देखते हुए हजारों लोगों ने तबादले के लिए आवेदन कर रखा है. सबसे ज्यादा आवेदन स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में लगा हुआ है. ऐसे में इन लोगों ने अपने तबादले के लिए लंबे समय से आवेदन लगा रखा है. लेकिन जब से कांग्रेस सरकार आई है, उसके बाद से तबादले पर प्रतिबंध नहीं हटा है. जिस वजह से इन अधिकारी कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं तबादला ना होने की वजह से उनके काम पर भी प्रभाव पड़ रहा है. अतः सरकार से तबादले पर लगे प्रतिबंध को जल्द से जल्द हटाने की मांग की गई है."

जल्द तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाए सरकार: छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे का कहना है, "शासकीय अधिकारी और कर्मचारी काफी लंबे समय से तबादले पर लगे प्रतिबंध के हटने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार तबादले पर लगे प्रतिबंध को नहीं हटा रहा है. इस वजह से अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. खासकर केरोनाकाल में प्रभावित आधिकारी-कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शालेय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए."

प्रतिबंध हटाने को कैबिनेट में नहीं किया गया विचार: कैबिनेट की बैठक के बाद जब मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा गया कि क्या राज्य सरकार के द्वारा ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाये जाने को लेकर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई है? इसके जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की गई है.

2019 में आई थी आखिरी तबादला नीति: छत्तीसगढ़ की आखिरी तबादला नीति 2019 में आई थी. इसमें तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर के माध्यम से करने का प्रावधान था. स्थानांतरण के लिए आवेदन संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों को दिए जाने थे.

निर्धारित संख्या में हो सकते थे तबादले: राज्य शासन के तबादला नीति में अब तक राज्य स्तर पर पहले और दूसरे श्रेणी के अधिकारियों के तबादलों के मामले में कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15 फीसद, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में 10 फीसद और चतुर्थ श्रेणी के अधिकतम 5 फीसद तबादले होते हैं. वहीं, स्थानांतरण आदेश निरस्त या संशोधित किए जाने पर प्रस्ताव समन्वय में प्रस्तुत होता है. परस्पर सहमति से स्वयं के व्यय पर किए गए तबादलों की गणना इस सीमा के लिए नहीं की जाएगी.

यह भी पढ़ें; पत्रकार रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान !

अगले साल होगा चुनाव: राज्य सरकार इस वर्ष अधिकारी कर्मचारियों के तबादले पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाने के मूड में है. इसके बाद अगले वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी. ऐसे में तबादले नहीं हो सकेंगे. इसके पहले शासन-प्रशासन के कामकाज में कसावट लाने की कवायद भी चल रही है. बताया जा रहा है कि पुरानी तबादला नीति में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं होगा. प्रस्तावित तबादला नीति के तहत राज्य और जिला स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों के तबादले होंगे.

आखिर कब हटेगा तबादला से प्रतिबंध: लेकिन तबादले कब से शुरू होंगे, कब तबादलों से प्रतिबंध हटेगा, इसकी घोषणा अब तक राज्य सरकार की ओर से नहीं की गई है. यही वजह है कि लंबे समय से तबादले से प्रतिबंध हटाने की मांग की जा रही है. तबादले के इच्छुक जरूरतमंद अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले पर लगे प्रतिबंध कब हटाए जायेंगे ये कह पाना मुश्किल है.

Last Updated : Jul 8, 2022, 10:57 PM IST
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