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पुलिस भर्ती प्रक्रिया रोक पर भाजपा का आरोप, कहा- अपने लोगों को भर्ती करना चाह रही कांग्रेस

पुलिस विभाग की ओर से जारी की गई आरक्षक भर्ती प्रक्रिया पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने रोक लगा दी है. इस पर भाजपा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जमकर आरोप लगाए हैं.

पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर रोक से भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर लगाया आरोप
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Published : Oct 18, 2019, 9:42 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 10:10 PM IST

रायपुर: राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में 2 हजार 259 आरक्षक की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. सरकार ने इस भर्ती में नियमों की अनदेखी किए जाने का हवाला देते हुए रोक लगाई है. लेकिन सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया की भर्ती में किस नियम का पालन नहीं किया गया और इसमें किन अधिकारियों और कर्मचारियों की गलती है.

अपने लोगों को भर्ती करना चाह रही कांग्रेस: भाजपा
भाजपा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि तत्कालीन सरकार ने सही तरीके से भर्ती प्रक्रिया नहीं की थी तो उसमें सुधार किया जा सकता था. साथ ही यदि नियमों के पालन में किसी की गलती थी तो उस पर कार्रवाई होनी थी. लेकिन कांग्रेस सरकार ने ऐसा न करते हुए बेरोजगारों के साथ मजाक कर सारी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया. सरकार ने उसके बदले में केवल 500 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है और इसमें भी वे अपने लोगों को किसी न किसी तरीके से भर्ती कराने के फिराक में हैं. भाजपा का कहना है कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है और वे भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी बेरोजगारों के साथ हैं.

पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर रोक से भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर लगाया आरोप

जो गलत था उसे कैंसिल किया: ताम्रध्वज साहू
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि मामले में दोषी कौन है ये अलग मुद्दा है. इस मामले को लेकर विभाग और कैबिनेट में चर्चा की जाएगी. लेकिन जो गलत था उसे कैंसिल किया.
भर्ती प्रक्रिया का सही तरीके से पालन न करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के सवाल पर ताम्रध्वज साहू का कहना था कि पहले भर्ती प्रक्रिया को देख लिया जाए उसके बाद जांच के बारे में विचार किया जाएगा.

हाईकोर्ट ने विज्ञापन जारी करने पर लगाई रोक
भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भर्ती रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. शुरुआती सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया है जिसमें कोर्ट ने पुलिस विभाग की ओर से उक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाई है. ये याचिका आशीष सिंह और अन्य की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई थी.

चुनाव के कारण नहीं हो पाई थी भर्ती
बता दें कि भाजपा शासनकाल में विभाग ने आरक्षकों की भर्ती निकाली थी और सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका सिर्फ परिणाम जारी करना था. लेकिन इस बीच विधानसभा चुनाव घोषित हो गया और इस चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त देते हुए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया. सत्ता में आने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस सरकार जल्द ही आरक्षकों के भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित करेगी. लेकिन लगभग 9 महीने बीतने के बाद अचानक कांग्रेस सरकार ने इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया.

रायपुर: राज्य सरकार ने पुलिस विभाग में 2 हजार 259 आरक्षक की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. सरकार ने इस भर्ती में नियमों की अनदेखी किए जाने का हवाला देते हुए रोक लगाई है. लेकिन सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया की भर्ती में किस नियम का पालन नहीं किया गया और इसमें किन अधिकारियों और कर्मचारियों की गलती है.

अपने लोगों को भर्ती करना चाह रही कांग्रेस: भाजपा
भाजपा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि तत्कालीन सरकार ने सही तरीके से भर्ती प्रक्रिया नहीं की थी तो उसमें सुधार किया जा सकता था. साथ ही यदि नियमों के पालन में किसी की गलती थी तो उस पर कार्रवाई होनी थी. लेकिन कांग्रेस सरकार ने ऐसा न करते हुए बेरोजगारों के साथ मजाक कर सारी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया. सरकार ने उसके बदले में केवल 500 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है और इसमें भी वे अपने लोगों को किसी न किसी तरीके से भर्ती कराने के फिराक में हैं. भाजपा का कहना है कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है और वे भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी बेरोजगारों के साथ हैं.

पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर रोक से भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर लगाया आरोप

जो गलत था उसे कैंसिल किया: ताम्रध्वज साहू
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि मामले में दोषी कौन है ये अलग मुद्दा है. इस मामले को लेकर विभाग और कैबिनेट में चर्चा की जाएगी. लेकिन जो गलत था उसे कैंसिल किया.
भर्ती प्रक्रिया का सही तरीके से पालन न करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के सवाल पर ताम्रध्वज साहू का कहना था कि पहले भर्ती प्रक्रिया को देख लिया जाए उसके बाद जांच के बारे में विचार किया जाएगा.

हाईकोर्ट ने विज्ञापन जारी करने पर लगाई रोक
भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भर्ती रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. शुरुआती सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया है जिसमें कोर्ट ने पुलिस विभाग की ओर से उक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाई है. ये याचिका आशीष सिंह और अन्य की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई थी.

चुनाव के कारण नहीं हो पाई थी भर्ती
बता दें कि भाजपा शासनकाल में विभाग ने आरक्षकों की भर्ती निकाली थी और सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका सिर्फ परिणाम जारी करना था. लेकिन इस बीच विधानसभा चुनाव घोषित हो गया और इस चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त देते हुए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया. सत्ता में आने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस सरकार जल्द ही आरक्षकों के भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित करेगी. लेकिन लगभग 9 महीने बीतने के बाद अचानक कांग्रेस सरकार ने इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया.

Intro:रायपुर । राज्य सरकार की ओर से पुलिस विभाग में 2259 आरक्षण की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है सरकार की ओर इस भर्ती में भर्ती नियमों के पालन न किए जाने का हवाला देते हुए रोक लगाई है लेकिन सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया की भर्ती में किस नियम का पालन नहीं किया गया और इसमें किन अधिकारियों और कर्मचारियों की गलती है भर्ती प्रक्रिया ओर गलती सुधारने की बजाय सरकार ने एक साथ पुलिस विभाग में निकाली गई हजारों पदों की भर्ती को रद्द कर दिया ।




Body:भाजपा का आरोप है कि यदि तत्कालीन सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया सही तरीके से पालन नहीं किया गया था तो उसमें सुधार किया जा सकता था साथ ही यदि नियमों के पालन में किसी की गलती थी तो उस पर कार्रवाई होनी थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने ऐसा न करते हुए बेरोजगारों के साथ मजाक कर सारी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया और उसके एवज में मात्र 500 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है और इसमें भी वे अपने लोगों को किसी न किसी माध्यम से प्रवेश दिलाने की फिराक में है भाजपा का कहना है कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है और वे भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने वाले सभी बेरोजगारों के साथ हैं
बाइट संजय श्रीवास्तव प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

इस बारे मे गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि मामले में दोषी कौन है यह अलग मुद्दा है ,इस मामले को लेकर विभाग और कैबिनेट में चर्चा की जाएगी लेकिन जो गलत था उसे कैंसिल किया और उन लोगों को छती ना हो ,पूरा सुरक्षित तौर पर अधिकार नई भर्ती में देने की बात कही गई है

भर्ती प्रक्रिया का सही तरीके से पालन न करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के सवाल पर ताम्रध्वज साहू का कहना था कि पहले भर्ती प्रक्रिया को देख लिया जाए उसके बाद जांच के बारे में बिचार किया जाएगा।
बाइट ताम्रध्वज साहू मंत्री गृह विभाग

गौरतलब है कि भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 2259 आरक्षकों की भर्ती रद्द करने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई की। प्रारंभिक सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी किया है जिसमें कोर्ट ने पुलिस विभाग को द्वारा उक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाई है। यह याचिका आशीष सिंह और अन्य की ओर से हाईकोर्ट में दायर की गई थी ।




Conclusion:बता दें कि भाजपा शासनकाल में विभाग में 2259 आरक्षको की भर्ती निकाली गई थी ओर सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका सिर्फ परिणाम जारी करना था लेकिन इस बीच विधानसभा चुनाव घोषित हो गया और इस चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी शिकस्त देते हुए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

सत्ता में आने के बाद कयास लगाया जा रहा था कि कांग्रेस सरकार जल्द ही आरक्षकों की भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित करेगी । लेकिन लगभग 9 महीने बीतने के बाद अचानक कांग्रेस सरकार ने इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया और प्रक्रिया रद्द करने के पीछे कोई ठोस वजह भी नहीं बताई, हवाला दिया गया की भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई । किस तरह की अनदेखी की गई और उसके लिए कौन दोषी है इसको लेकर सरकार अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं।



Last Updated : Oct 18, 2019, 10:10 PM IST
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