रायपुर : पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के तहत ''हमारे नायक'' कॉलम में अब छत्तीसगढ़ की प्रचलित क्षेत्रीय भाषा में ब्लॉग अपलोड किए जा रहे हैं. बस्तर संभाग में प्रचलित गोंडी भाषा में शिक्षिका के सविता नायर और छात्रा राखी नाग का ब्लॉग अपलोड किया जाएगा. इसे सीजी स्कूल की वेबसाइट पर शुक्रवार को पढ़ा जा सकता है. गोंडी भाषा के पहले दोनों ब्लॉग लेखक रमेश कुमार सोरी ने लिखे हैं.
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समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ एम सुधीश ने बताया कि कोरोना काल में राज्य सरकार की संचालित पढ़ई तुंहर दुआर योजना में 2 लाख 6 हजार 595 शिक्षक जुड़कर विद्यार्थियों को अध्ययन करा रहे हैं. इससे प्रदेश में 25 लाख 67 हजार 208 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं. ऐसे छात्र जो दूरस्थ इलाकों में रहते हैं, उन्हें इस योजना से बहुत लाभ हो रहा है. विशेष रूप से कक्षा 10वीं और 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए यह घर बैठे वरदान मिलने की तरह है. राज्य भर के शिक्षकों से विद्यार्थियों को पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ है.
छात्रों को मिल रहा लाभ
जिन छात्रों के पास लैपटॉप या कंप्यूटर नहीं हैं, वे भी केवल मोबाइल का इस्तेमाल करके अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक 'पढ़ई तुंहर पारा' के माध्यम से विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ पहुंचा रहे हैं. कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने में प्रदेश के सभी शिक्षकों ने सराहनीय भूमिका निभाई है.
'हमारे नायक' कॉलम से मिल रही पहचान
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के स्थायी स्तंभ ''हमारे नायक'' के माध्यम से राज्यभर के शिक्षकों और विद्यार्थियों की मेहनत के लिए उन्हें कोरोना योद्धा के रूप में स्थान दिया है. इसका सफल उदाहरण है कि आज प्रदेश के प्रत्येक जिले से 7 शिक्षक और 7 विद्यार्थी नायक के रूप में चयनित होकर अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं.
5 क्षेत्रीय भाषाओं में लिखा जाएगा ब्लॉग
वर्तमान में 'हमारे नायक' के आठवें चरण में लगातार हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत और छत्तीसगढ़ी भाषा के साथ अब प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं गोंडी, सरगुजिहा, कुड़ूख और हल्बी में ब्लॉग लेखन का कार्य किया जा रहा है. इसकी शुरुआत बस्तर संभाग की प्रचलित भाषा गोंडी से की जा रही है.