रायपुर: राजधानी के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (Pandit Ravi Shankar Shukla University) में इस साल से जेम्स एंड ज्वेलरी (gems and jewelery) का नया पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहा है. इस पाठ्यक्रम के खुल जाने से क्षेत्र के युवाओं को स्व:रोजगार के अवसर मिलेंगे. जेम्स एंड ज्वेलरी (रत्न- आभूषण) की पढ़ाई करने वाले छात्रों को 1 साल में डिप्लोमा सर्टिफिकेट (diploma certificate) और 3 साल पढ़ाई करने के बाद डिग्री सर्टिफिकेट (degree certificate) दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ अपार खनिज संपदा (chhattisgarh immense mineral wealth) से परिपूर्ण है. लेकिन इस पाठ्यक्रम की सार्थकता तभी सिद्ध हो सकती हैं, जब देवभोग से हीरा और कोरंडम (diamond and corundum) का उत्खनन शुरू होगा?
पाठ्यक्रम के लिए कच्चा माल कहां से आएगा?
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में इस साल से शुरू होने वाले जेम्स एंड ज्वेलरी के पाठ्यक्रम को लेकर, शिक्षाविद (Educationist) शेशांक शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि देश के गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य के सूरत और मुंबई में यह पाठ्यक्रम शुरू हो चुका है और वहां पर जापान (Japan) से अनफिनिश्ड हीरा (unfinished diamond) आता है. जिसकी कटिंग, फिनिशिंग और पॉलिशिंग का काम मुंबई और सूरज जैसे बड़े शहरों में होता है. इन शहरों में रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध हो रहे हैं. यदि बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां पर इस साल शुरू होने वाले जेम्स एंड ज्वेलरी (gems and jewelery) का पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार देने में तभी सफल हो सकता है. जब देवभोग से हीरा और कोरंडम का उत्खनन शुरू होगा और यह छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए रोजगार मूलक होगा.
रायपुर : जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क बनने से सराफा व्यापारियों में खुशी
सराफा एसोसिएशन की मुख्य भूमिका
रायपुर सराफा एसोसिएशन (Raipur Bullion Association) पिछले 9 सालों से रायपुर में जेम्स एंड ज्वेलरी पाठ्यक्रम की मांग, सरकार से कर रहा था. जिसके बाद आखिरकार सरकार ने इसे हरी झंडी दे दी है और इस साल से इस पाठ्यक्रम की शुरुआत भी होने जा रही है. इसके लिए सरकार ने 50 लाख रुपए के आवंटन भी दे दिए हैं. जिससे लैब और दूसरी चीजों पर खर्च होंगे. सराफा एसोसिएशन (Bullion Association) के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि अभी तक देश के मुंबई और सूरत जैसे बड़े शहरों में रत्न- आभूषण की कटिंग और पॉलिशिंग (cutting and polishing) काम किया जाता रहा है लेकिन अब छत्तीसगढ़ का नाम भी शुमार होने वाला है.
रत्न प्रशिक्षण प्रयोगशाला
रायपुर में सन 1999 से छत्तीसगढ़ रत्न प्रशिक्षण प्रयोगशाला (Chhattisgarh Ratna Training Laboratory) भी संचालित हो रही है. जहां पर रत्न आभूषण प्रमाणीकरण प्रशिक्षण (Gem Jewelry Certification Training) और रत्नों को तराशा जाता है. युवा उद्यमियों को यहां पर रत्न आभूषण की कटिंग और फिनिशिंग का 3 महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से साल 2020 से प्रशिक्षण का आयोजन नहीं हो रहा है.