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Inspirational news: कचरा बीनने वाले हाथ अब मास्क बनाकर दे रहे स्वच्छता का संदेश

रायपुर में श्रम विभाग से प्रशिक्षण लेकर कचरा बीनने वाली महिलाओं अब सिलाई कर रही हैं. कभी हाथों में कचरा और कंधे पर कचरे की बोरी ढोने वाली महिलाओं के हाथ अब मशीन चलाकर अपनी जिंदगी को संवार रहे हैं.

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Published : Nov 23, 2020, 6:58 AM IST

Updated : Nov 23, 2020, 7:06 AM IST

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सिलाई कर जिंदगी संवार रही कचरा बीननेवाली महिलाएं

रायपुर: राजधानी में श्रम विभाग कई ऐसी महिलाओं को नई जिंदगी दे रहा है, जो कूड़ा-कचरा बीनकर अपनी जिंदगी बिताती थीं. श्रम विभाग की तरफ से उन्हें न सिर्फ सिलाई मशीन दी गई, बल्कि प्रशिक्षण देकर उनके हाथों को हुनर भी दिया.

श्रम विभाग की तरफ से कचरा बीनने वाली महिलाओं के उत्थान के लिए कई काम किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में कई महिलाओं को सिलाई मशीन बांई गई. जिससे अब ये महिलाएं अपना जीवन संवार रही हैं.

पढ़ें: मंत्री मो.अकबर से मिले अभिनेता रजा मुराद, छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग के विकास के लिए दिए सुझाव

45 दिनों का सिलाई का मिला प्रशिक्षण

रायपुर के सुभाष नगर इलाके में रहने वाली गौरी यादव ने बताया कि अब उनकी जिंदगी बदल चुकी है. वो अब कचरा बीनने नहीं जाती हैं. श्रम विभाग के माध्यम से उसे 45 दिन का सिलाई का प्रशिक्षण मिला. इसके साथ-साथ उन्हें स्टायफंड के रूप में राशि भी दी गई. जिससे उसके घर खर्च चलने लगा. गौरी ने बताया कि पहले कचरे के ढेर में जाकर वो काम का सामान तलाशती थी. जिसे कबाड़ी को बेचकर जो रुपये मिलते थे उसी से घर चलता था. अब सिलाई सीखने के बाद गौरी न सिर्फ कपड़े सिल रही है बल्कि मास्क भी बना रही है. इसके साथ ही सफाई का संदेश भी दे रही हैं.

सिलाई से बदली जिंदगी

इसी तरह सुजाता साहू का कहना है कि मंत्री शिव डहरिया और मुख्य सचिव सहित अधिकारियों ने जब भरोसा दिलाया कि सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण एक दिन उनकी जिंदगी बदल सकता है तब जाकर उन्होंने और उनके साथ कचरा बीनने वाली कई महिलाओं ने कचरा बीनना छोड़कर नई राह को चुना.

रायपुर: राजधानी में श्रम विभाग कई ऐसी महिलाओं को नई जिंदगी दे रहा है, जो कूड़ा-कचरा बीनकर अपनी जिंदगी बिताती थीं. श्रम विभाग की तरफ से उन्हें न सिर्फ सिलाई मशीन दी गई, बल्कि प्रशिक्षण देकर उनके हाथों को हुनर भी दिया.

श्रम विभाग की तरफ से कचरा बीनने वाली महिलाओं के उत्थान के लिए कई काम किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में कई महिलाओं को सिलाई मशीन बांई गई. जिससे अब ये महिलाएं अपना जीवन संवार रही हैं.

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45 दिनों का सिलाई का मिला प्रशिक्षण

रायपुर के सुभाष नगर इलाके में रहने वाली गौरी यादव ने बताया कि अब उनकी जिंदगी बदल चुकी है. वो अब कचरा बीनने नहीं जाती हैं. श्रम विभाग के माध्यम से उसे 45 दिन का सिलाई का प्रशिक्षण मिला. इसके साथ-साथ उन्हें स्टायफंड के रूप में राशि भी दी गई. जिससे उसके घर खर्च चलने लगा. गौरी ने बताया कि पहले कचरे के ढेर में जाकर वो काम का सामान तलाशती थी. जिसे कबाड़ी को बेचकर जो रुपये मिलते थे उसी से घर चलता था. अब सिलाई सीखने के बाद गौरी न सिर्फ कपड़े सिल रही है बल्कि मास्क भी बना रही है. इसके साथ ही सफाई का संदेश भी दे रही हैं.

सिलाई से बदली जिंदगी

इसी तरह सुजाता साहू का कहना है कि मंत्री शिव डहरिया और मुख्य सचिव सहित अधिकारियों ने जब भरोसा दिलाया कि सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण एक दिन उनकी जिंदगी बदल सकता है तब जाकर उन्होंने और उनके साथ कचरा बीनने वाली कई महिलाओं ने कचरा बीनना छोड़कर नई राह को चुना.

Last Updated : Nov 23, 2020, 7:06 AM IST
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