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मूर्तिकारों के जीविका पर कोरोना संकट का असर, रोजी-रोटी के पड़े लाले - ganpati idol not sold

इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व कोरोना के कारण सूना रहा. कोरोना संकट के कारण मूर्तिकारों की जीविका संकट में है. हर साल की तुलना में इनकी आमदनी आधी से भी कम हो गई है.

ganpati idol is not sold on Ganpati celebration 2020 at raipur
गणपति
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Published : Aug 24, 2020, 5:20 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 9:04 PM IST

रायपुर: राजधानी सहित देश में 22 अगस्त यानी शनिवार को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया गया. गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पंडाल और घरों में लोग गणेश मूर्ति की स्थापना करते हैं. इस साल कोरोना के चलते गणेश मूर्ति का बाजार भी फीका रहा. मूर्तिकार और दुकानदारों ने सामान्य दिनों की तुलना में इस साल गणेश मूर्ति भी बाजार में कम लेकर आए थे. बावजूद इसके कई मूर्तिकरों की मूर्तियां बची रह गई और मूर्तिकारों को नुकसान झेलना पड़ा. इन मूर्तियों को सालभर सहेज कर रखना मुश्किल काम है कोरोना ने इन मूर्तिकारों के काम पर ग्रहण लगा दिया है.

मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

गणेश मूर्ति नहीं बिक पाने से दुकानदारों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा है. कोरोना के कारण प्रशासन के द्वारा सरकारी एडवाइजरी भी जारी की गई थी, जिसमें 4 फीट से ऊंची गणेश प्रतिमा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस कारण कई गणेश पंडालों पर गणेश की स्थापना भी नहीं हो सकी. कोरोना के कारण लोग अपने घरों में इस साल गणेश स्थापना नहीं कर पाए, जिसके कारण गणेश मूर्ति का यह बाजार सूना और फीका रह गया. कई मूर्तिकारों ने 4 फीट से ऊंची प्रतिमा भी बना रखी थी, लेकिन कोरोना की वजह से उन मूर्तियों को भी बाजार में नहीं बेचा जा सका.

पढ़ें : पेंसिल की नोक पर विराजे लंबोदर, कोरबा के हरि सिंह ने बनाई एक-से-बढ़कर एक कलाकृतियां

मूर्तिकारों को खासा नुकसान
कोरोना की वजह से इस साल बाहर से जो मूर्तिकार अपनी मूर्तियों को बेचने के लिए राजधानी आया करते थे, वे दुकानदार भी इस साल राजधानी में गणेश मूर्ति बेचने के लिए नहीं आए थे, क्योंकि उन्हें भी डर था कोरोना संक्रमण के कारण मूर्ति नहीं बिक पाएगी. कुछ मूर्तिकार ऐसे भी हैं जो आने वाले समय में गणेश मूर्ति बनाने का काम नहीं करने की ठान ली है. इस साल गणेश मूर्ति की खरीदी सामान्य दिनों की तुलना में कम हुई, जिससे मूर्तिकारों को खासा नुकसान पहुंचा.

रायपुर: राजधानी सहित देश में 22 अगस्त यानी शनिवार को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया गया. गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पंडाल और घरों में लोग गणेश मूर्ति की स्थापना करते हैं. इस साल कोरोना के चलते गणेश मूर्ति का बाजार भी फीका रहा. मूर्तिकार और दुकानदारों ने सामान्य दिनों की तुलना में इस साल गणेश मूर्ति भी बाजार में कम लेकर आए थे. बावजूद इसके कई मूर्तिकरों की मूर्तियां बची रह गई और मूर्तिकारों को नुकसान झेलना पड़ा. इन मूर्तियों को सालभर सहेज कर रखना मुश्किल काम है कोरोना ने इन मूर्तिकारों के काम पर ग्रहण लगा दिया है.

मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

गणेश मूर्ति नहीं बिक पाने से दुकानदारों को आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा है. कोरोना के कारण प्रशासन के द्वारा सरकारी एडवाइजरी भी जारी की गई थी, जिसमें 4 फीट से ऊंची गणेश प्रतिमा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस कारण कई गणेश पंडालों पर गणेश की स्थापना भी नहीं हो सकी. कोरोना के कारण लोग अपने घरों में इस साल गणेश स्थापना नहीं कर पाए, जिसके कारण गणेश मूर्ति का यह बाजार सूना और फीका रह गया. कई मूर्तिकारों ने 4 फीट से ऊंची प्रतिमा भी बना रखी थी, लेकिन कोरोना की वजह से उन मूर्तियों को भी बाजार में नहीं बेचा जा सका.

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मूर्तिकारों को खासा नुकसान
कोरोना की वजह से इस साल बाहर से जो मूर्तिकार अपनी मूर्तियों को बेचने के लिए राजधानी आया करते थे, वे दुकानदार भी इस साल राजधानी में गणेश मूर्ति बेचने के लिए नहीं आए थे, क्योंकि उन्हें भी डर था कोरोना संक्रमण के कारण मूर्ति नहीं बिक पाएगी. कुछ मूर्तिकार ऐसे भी हैं जो आने वाले समय में गणेश मूर्ति बनाने का काम नहीं करने की ठान ली है. इस साल गणेश मूर्ति की खरीदी सामान्य दिनों की तुलना में कम हुई, जिससे मूर्तिकारों को खासा नुकसान पहुंचा.

Last Updated : Aug 24, 2020, 9:04 PM IST
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