रायपुर: मकर संक्रांति के त्योहार से पहले गंगासागर जगह पर भव्य गंगासागर मेले का आयोजन होता है. जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में है. इस साल यह मेला 8 जनवरी से 17 जनवरी तक आयोजित हो रहा है. यह मेला सागर नाम के द्वीप में होता है. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु द्वीप पहुंचते हैं. गंगासागर मेला कुंभ मेले के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मानव सभा माना जाता है. इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है.
स्नान का मुहूर्त: इस अवसर पर गंगासागर में पुण्य स्नान की पौराणिक मान्यता है. इस बार स्नान का मुहूर्त 14 जनवरी को शाम 6:35 बजे से लेकर 15 जनवरी को शाम 6:35 बजे तक है. मेले में अभी से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटने लगे हैं. सागर द्वीप पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी के महाद्वीपीय शेल्फ पर स्थित 224.3 किमी के बड़े क्षेत्र में फैला हुआ द्वीप है.
गंगासागर का इतिहास: गंगासागर के आधिकारित वेबसाइट के हिसाब से गंगासागर पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी जीवित परंपरा है. गंगासागर का रामायण और महाभारत जैसे भारतीय महाकाव्यों में भी उल्लेख मिलता है. जिसका अस्तित्व 400 ईसा पूर्व पुराना है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पहले कपिल मुनि मंदिर का निर्माण 430 ईस्वी में रानी सत्यभामा ने किराया. वर्तमान मूर्ति की स्थापना स्वामी रामानंद ने 1437 में की थी. जो आज भी एक तीर्थ यात्रा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. 1960 के दशक में एक तूफान में चार अन्य मंदिरों के साथ कपिल मुनि मंदिर नष्ट हो गया था. केवल कपिल मुनि मंदिर का ही जीर्णोद्धार किया गया था.
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गंगा नदी का समुद्र में होता है विलय: गंगा नदी उद्गम स्थल गंगोत्री से निकल कर लगभग 2,525 किमी की दूरी तय कर गंगा सागर द्वीप में अपनी यात्रा खत्म करती है. जहां यह बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है. हिंदू मकर संक्रांति के त्योहार पर गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए द्वीप पर जाते हैं.