रायपुर: G20 की बैठक नया रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित की गई. जिसका आज दूसरा और अंतिम दिन है. आज होने वाली बैठक में मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास पर चर्चा होगी. इसमें ब्रिटेन की अध्यक्षता में अर्जेंटीना, इंडोनेशिया के विशेषज्ञों की ओर से जानकारी दी जाएगी, जी20 बैठक का समापन ब्राजील करेगा.
सोमवार को नया रायपुर में जी20 की बैठक की शुरुआत हुई. बैठक के पहले दिन की अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की सलाहकार चांदनी रैना और एचएम ट्रेजरी, ब्रिटेन की मुख्य आर्थिक सलाहकार सैम बेकेट ने किया. पहले सत्र में नवीनतम वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और प्रमुख व्यापक आर्थिक मुद्दों के संबंध में नीति मार्गदर्शन पर चर्चा की गई. दूसरे सत्र में अमेरिका, ब्राजील, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों द्वारा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर प्रेंजेटेशन दिया. चीन, दक्षिण कोरिया और जर्मनी के विशेषज्ञों ने भी जानकारी दी.
विदेशियों ने उठाया छत्तीसगढ़ी स्वाद का मजा: विदेशी डेलीगेट्स ने छत्तीसगढ़ी व्यंजन और पारंपरिक नृत्य का लुत्फ भी उठाया. विदेशी मेहमानों को खाने में छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसा गया, जिसमे चीला, लाल भाजी, कढ़ी, मुनगा शामिल था. G20 में शामिल होने पहुंचे विदेशी मेहमानों के लिए रात में छत्तीसगढ़ी पारंपरिक लोक नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पंथी नृत्य, बस्तर का मशहूर गौर नृत्य प्रस्तुत किया गया. इस नृत्य का विदेशी मेहमानों ने खूब आनंद उठाया.
रायपुर में अफ्रीकी ट्यूलिप: इस ऐतिहासिक G20 को यादगार बनाने के लिए G20 वाटिका तैयार किया गया है जो नया रायपुर के अटल नगर स्थित सेक्टर 24 में बनाया गया है. जहां G20 बैठक में शामिल होने पहुंचे 65 अलग-अलग प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने पौधे लगाए. इस गार्डन में सात प्रकार के फॉक्स टेल, मोलसारी, सीता अशोक, कचनार, अफ्रीकन ट्यूलिप ट्री, पिंक पोई और ट्री ऑफ गोल्ड पौधे लगाए गए हैं. गौरतलब है कि एनटीपीसी कार्यालय के पास स्थित एकात्म पथ पर ओवल शेप का गार्डन तैयार किया गया है. 1.2 हेक्टेयर में विकसित G20 वाटिका का लैंडस्केप एरिया 9376 स्क्वॉयर मीटर का है. इसमें आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. विदेशी मेहमानों ने नया रायपुर में अफ्रीकी ट्यूलिप पेड़ भी लगाए. बताया जाता है है कि इस पेड़ का इस्तेमाल अफ्रीका में सदियों से औषधि के लिए किया जा रहा है. त्वचा में जलन, बुखार, कब्ज, पेट दर्द जैसी बीमारियां के उपचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
पुरखौती मुक्तांगन में जी20 के प्रतिनिधि: इस बीच इन विदेशी मेहमानों को पुरखौती मुक्तांगन भी लाया गया. जहां वे छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति से रूबरू हुए. यहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति के तहत जनजाति जीवनशैली, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक नृत्य, लोक कला, बस्तर दशहरा, आमचो गांव को डेलीगेट्स ने देखा.