रायपुर: 3 दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है, साथ ही उनके साथ भेदभाव की भावना को जड़ से खत्म करना है.
इस दिन दिव्यांगों के प्रति लोगों के रवैए में बदलाव लाने की कोशिश की जाती है साथ ही दिव्यांगों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक भी किया जाता है. रायपुर में दिव्यांग सप्ताह के मौके पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें दिव्यांग बच्चों का फ्री हेल्थ चेकअप करवाया गया.
दिव्यांग सप्ताह के मौके पर निजी संस्थान की प्रेसिडेंट डॉ. अमिता मुखर्जी ने बताया कि बुधवार को दिव्यांग बच्चों के लिए फ्री मेडिकल चेकअप का आयोजन किया गया है. जिसमें दिव्यांग बच्चे अपना चेकअप करवा रहे हैं साथ ही जो बच्चे दिमागी क्षमता में भी कम है. वह भी अपना चेकअप करवा रहे हैं. अमिता मुखर्जी ने यह भी बताया कि बच्चे भी आम बच्चे की तरह ही हैं और इन्हें आम बच्चों की तरह ही ट्रीट करना चाहिए, अगर इन्हें सही तरह से प्रशिक्षण दिया जाए तो यह भी अपनी जिंदगी आम लोगों की तरह हंसी खुशी बिता सकते हैं.
मनोचिकित्सक डॉक्टर सुमन कुमार ने बताया कि दिव्यांग बच्चों की दिमागी क्षमता भी काफी कम रहती है और वह धीरे-धीरे ही हर काम को कर पाते हैं और अगर उन पर ज्यादा दबाव डाला जाए तो उनका स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है. इसलिए दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को बताया जा रहा है कि बच्चों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए और उनको किसी काम को करने के लिए कैसे समझाना चाहिए.