रायपुर : राज्य शासन ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी अशासकीय विद्यालयों में 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा देने का फैसला लिया है. बता दें कि इस फैसले से कक्षा 8वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को उन्हीं विद्यालयों में कक्षा 12वीं तक अध्ययन करने के लिए निरंतरता मिलेगी.
वहीं इस आदेश के अनुपालन में निजी स्कूल खुद विद्यार्थियों के नाम आगामी कक्षा में दर्ज करेंगे. स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे सभी विद्यार्थियों को उन्हीं विद्यालयों में प्रवेश संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करें.
फ्री मिलेगी शिक्षा-
आदेश के अनुसार, स्कूलों में प्रवेश कराए गए छात्रों की फीस शासन द्वारा स्कूल को दी जाएगी.
9वीं तक मुफ्त किताबें-
बता दें कि, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल अंतर्गत संचालित शालाओं के लिए कक्षा 9वीं की पुस्तकें निःशुल्क प्रदान की जाएंगी. अन्य बोर्ड से संबद्ध शालाओं के विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री के लिए हर साल एक हजार रुपए प्रति विद्यार्थी दी जाएगी. वहीं निजी शालाओं में कक्षा 9वीं में प्रवेशित विद्यार्थियों को शासकीय शालाओं की तरह गणवेश या गणवेश अनुदान की पात्रता नहीं होगी.
जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार, जिन निजी विद्यालयों में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल स्तर की कक्षाएं संचालित नहीं हैं, वहां के विद्यार्थियों को निजी शालाओं में पहुंच कक्षा 9वीं में दर्ज संख्या के 25 प्रतिशत की सीमा में प्रवेश संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी. साथ ही जहां निर्धारित सीमा में अशासकीय शाला उपलब्ध नहीं हों, वहां शासकीय शाला में कक्षा 9वीं में प्रवेश की व्यवस्था की जाएगी.