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इन जालसाजों की ठगी का तरीका है 'नायाब', कहीं आप भी न बन जाएं शिकार

लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की है. लोन के नाम पर आरोपी अब तक करोड़ों की ठगी कर चुके हैं.

Fraud of crores in the name of giving loan in Raipur
आरोपियो के खिलाफ FIR
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Published : Feb 11, 2020, 9:32 AM IST

Updated : Feb 11, 2020, 12:35 PM IST

रायपुर: बिलासपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा से 5 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में एजेंट और अन्य लोगों के खिलाफ ईकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW) में FIR दर्ज की गई है. इस ठगी में 11 लोनधारक और जमानतदार शिकार हुए हैं.

ठगी करने वाले आरोपी के खिलाफ FIR

जानकारी के मुताबिक आरोपी एजेंट विश्वजीत भौमिक और अन्य आरोपियों ने फर्जी फर्म रजिस्ट्रेशन करवाया गया है. जिसके जरिए आरोपी लोगों को बैंक के माध्यम से लोन दिलाने का काम करते थे. आरोपियों ने लोनधारक और जमानतदारों के संज्ञान में लाए बिना ही उनके प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखते हुए, उसके एवज में 5 करोड़ 4 लाख 15 हजार रूपए का लोन स्वीकृत करा लिया.

गुमराह करके दिलवाते थे कर्ज: लोनधारक
लोगधारकों ने बताया कि 'विश्वजीत भौमिक नाम के एक एजेंट ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर, लोगों को गुमराह किया और लोन दिलाने के नाम पर उनकी प्रापर्टी को बैंक में गिरवी रख दिया. जसके बाद उनको जानकारी दिए बगैर बैंक से लोन ले लिया गया है.

ब्लैंक चेक पर कराते थे हस्ताक्षर
कुछ जमानतदारों ने बताया कि 'लोन प्रक्रिया के दौरान विश्वजीत ने उन्हें कुछ रकम दी थी. लोनधारकों ने बताया कि 'विश्वजीत पहले से ही ब्लैंक चेक बुक में उनके हस्ताक्षर करवाकर रख लिया करता था. जिन लोनधारकों/जमानतदारों के नाम पर आरोपी लोन लेते थे, उनके खाते में कुछ रकम छोड़ देते थे. जिससे किश्त या ब्याज की रकम जमा होती रहे और बैंक को पता न चले. जब बैंक में ब्याज की राशि जमा होना बंद हुई तब ठगी का पर्दाफाश हुआ'.

रायपुर: बिलासपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा से 5 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में एजेंट और अन्य लोगों के खिलाफ ईकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW) में FIR दर्ज की गई है. इस ठगी में 11 लोनधारक और जमानतदार शिकार हुए हैं.

ठगी करने वाले आरोपी के खिलाफ FIR

जानकारी के मुताबिक आरोपी एजेंट विश्वजीत भौमिक और अन्य आरोपियों ने फर्जी फर्म रजिस्ट्रेशन करवाया गया है. जिसके जरिए आरोपी लोगों को बैंक के माध्यम से लोन दिलाने का काम करते थे. आरोपियों ने लोनधारक और जमानतदारों के संज्ञान में लाए बिना ही उनके प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखते हुए, उसके एवज में 5 करोड़ 4 लाख 15 हजार रूपए का लोन स्वीकृत करा लिया.

गुमराह करके दिलवाते थे कर्ज: लोनधारक
लोगधारकों ने बताया कि 'विश्वजीत भौमिक नाम के एक एजेंट ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर, लोगों को गुमराह किया और लोन दिलाने के नाम पर उनकी प्रापर्टी को बैंक में गिरवी रख दिया. जसके बाद उनको जानकारी दिए बगैर बैंक से लोन ले लिया गया है.

ब्लैंक चेक पर कराते थे हस्ताक्षर
कुछ जमानतदारों ने बताया कि 'लोन प्रक्रिया के दौरान विश्वजीत ने उन्हें कुछ रकम दी थी. लोनधारकों ने बताया कि 'विश्वजीत पहले से ही ब्लैंक चेक बुक में उनके हस्ताक्षर करवाकर रख लिया करता था. जिन लोनधारकों/जमानतदारों के नाम पर आरोपी लोन लेते थे, उनके खाते में कुछ रकम छोड़ देते थे. जिससे किश्त या ब्याज की रकम जमा होती रहे और बैंक को पता न चले. जब बैंक में ब्याज की राशि जमा होना बंद हुई तब ठगी का पर्दाफाश हुआ'.

Intro:बैंक से 5 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में एजेंट एवं अन्य लोगो के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज

रायपुर। विश्वजीत भौमिक एजेंट एवं अन्य बिलासपुर द्वारा बैंक से 5करोड़ 4लाख 15हजार रूपये निकालकर धोखाधड़ी कर बैंक आफ बड़ौदा राजकिशोर नगर बिलासपुर (छग) को आर्थिक नुकसान करने की शिकायत मिलने पर प्रथम दृष्टया अपराध घटित होना प्रमाणित होने के फलस्वरूप धारा-420, 467, 468, 171 भा.द.वि. के तहत् अपराध क्रमांक 04/2020 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

Body:उल्लेखनीय है कि आरोपी एजेंट विश्वजीत भौमिक एवं अन्य के द्वारा धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी फर्म रजिस्ट्रेशन करवाया गया है जिसके माध्यम से वह लोगों को बैंक के माध्यम से लोन दिलाने का काम करता था। आरोपीगण द्वारा लोनधारकों एवं जमानतदारों के संज्ञान में लाये बिना ही उनके प्रापर्टी को बैंक में बंधक रखते हुए उसके एवज में बैंक से धोखा से लोन स्वीकृत कराकर स्वयं को अवैध आर्थिक लाभ पहुंचाया गया है।

Conclusion:आरोपियों द्वारा 11 लोनधारकों/जमानतदारों के बैंक जमानतदारों की प्रापर्टी को बंधक रखकर 5 करोड़ 4लाख 15हजार रूपये का लोन लिया गया है। जांच के दौरान लोन धारकों और उनके जमानतदारों से चर्चा करने पर उनके द्वारा बताया गया कि विश्वजीत भौमिक नामक एजेंट के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी फर्म बनाकर रजिस्ट्रेशन कराकर लोगों को गुमराह करके लोन दिलवाने के नाम पर उनकी प्रापर्टी बैंक में बंधक रखवा दिया एवं उनसे बैंक लोन के दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाये और उनको जानकारी दिये बगैर बैंक से उपरोक्तानुसार फर्मों के नाम पर लोन ले लिया गया है। कुछ लोनधारकों/जमानतदारों ने बताया कि लोन प्रक्रिया के दौरान उन्हे कुछ रकम विश्वजीत भौमिक द्वारा दिया गया है। लोनधारकों/जमानतदारों द्वारा यह भी बताया गया कि विश्वजीत भौमिक ब्लैंक चेक बुक मेें हस्ताक्षर करवाकर पहले से रख लिया करता था। जिन लोनधारकों/जमानतदारों के नाम पर आरोपीगण लोन लेते थे उनके खाते में कुछ रकम खाते में छोड़ देता था जिससे किश्त/ब्याज की रकम आटोमेटिकली जमा होते रहे और बैंक को पता न चले। जब बैंक में किश्त/ब्याज की राशि जमा होना बंद हुआ तब उनके अपराधों का खुलासा हुआ।
Last Updated : Feb 11, 2020, 12:35 PM IST
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