रायपुर: राजधानी में मोबाइल टावर लगाकर लाखों रुपए कमाने का झांसा देकर एक कारोबारी के साथ ठगी हुई है. मामले में गुढ़ियारी पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. आरोपियों की तलाश में जुटी है.
एडिशनल एसपी पंकज चंद्रा ने बताया कि अजय कुमार साव ने एक विज्ञापन पढ़ा था, जिसमें मोबाइल टावर लगाने के लिए जगह की मांग की गई थी. अजय कुमार के पास जगह था. उसने विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया. दूसरी ओर से वीरेंद्र सिंह लिंगर ने फोन उठाया उसके बाद उसने मोबाइल टावर लगाने जमीन किराए पर लेने की मांग की और उसने 20 साल की लीज पर 40 हजार रुपये मासिक किराया और 65 लाख रुपए एडवांस देने का आश्वासन दिया.
लोग ऐसे हो रहे ठगी का शिकार
वीरेंद्र ने प्रोसेस शुल्क के रूप में 1200 रुपए जमा करने के लिए कहा. इस पर अजय ने बताए खाते में 1200 रुपये जमा कर दिया. इसके बाद फिर उसने 15000 रुपए जमा करने के लिए कहा. इस पर अजय को शक हुआ फिर वीरेंद्र ने एनओसी लेटर और एग्रीमेंट लेटर व्हाट्सएप पर भेजा. इससे उस पर यकीन हो गया. साथ ही उसने अपना आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस भी भेजा था.
पीड़ित से लाखों की ठगी
वीरेंद्र ने अजय से टावर लेकर गाड़ी रवाना होने की जानकारी देते हुए 50 हजार रुपये ट्रांसपोर्टेशन शुल्क और 45 हजार रुपये सर्वे शुल्क जमा करने के लिए कहा. अजय ने आरोपी के बताए हुए बैंक खाते में फिर रकम जमा कर दी.
ऐसी की गई ठगी
आरोपी वीरेंद्र ने अजय को अपने उच्चाधिकारी अशोक गोयल और सुपरवाइजर अनिल गोयल का नंबर दिया और बताया कि मोबाइल टावर के संबंध में इनसे बात करें. अजय ने दोनों से संपर्क किया. आरोपियों ने इंस्टॉलेशन के लिए टावर रवाना होने की जानकारी देते हुए ट्रक ड्राइवर अर्जुन सिंह का नंबर दिया.
पीड़ित ने गुढ़ियारी पुलिस से की शिकायत
अजय ने उनसे बात की. इसके बाद अगले दिन फिर आरोपियों ने अजय को फोन किया और बताया कि ट्रक को आरटीओ ने रोक दिया है. इसके लिए 1 लाख 30 हजार जुर्माना भरना होगा तभी गाड़ी आगे बढ़ेगी. इसके बाद अजय ने फिर उतनी ही राशि आरोपियों के बताए बैंक खाते में जमा कर दी. इस तरह अलग-अलग बहाने से आरोपियों ने उनसे 5 लाख रुपया जमा करवा लिया. फिर एक दिन आरोपी ने 44 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा. इससे प्रार्थी को शक हुआ और उसने पैसा जमा करना बंद कर दिया. इसके बाद भी आरोपी लगातार उसे फोन करके पैसा जमा करने के लिए दबाव बना रहे थे. इसकी शिकायत अजय ने गुढ़ियारी थाने में की.