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महादेव सट्टा एप केस में ईडी की चार्जशीट पर बोले भूपेश बघेल, मोदी सरकार कर रही साजिश

Bhupesh Baghel targets ED charge sheet: महादेव सट्टा एप केस में ईडी की चार्जशीट पर पूर्व सीएम बघेल ने पलटवार किया है. भूपेश बघेल ने इसे लेकर ट्वीट किया है और केन्द्र सरकार के षडयंत्र का हिस्सा ईडी की कार्रवाई को कहा है.

Former CM Bhupesh Baghel targets ED charge sheet
ईडी की चार्जशीट पर पूर्व सीएम बघेल का पलटवार
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 6, 2024, 6:03 PM IST

Updated : Jan 6, 2024, 6:22 PM IST

रायपुर: महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी की चार्जशीट मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया जाहिर की है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि, "ईडी ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है. ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ्तार कर रही है. उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है. इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है."

भूपेश बघेल ने दी सफाई: साथ ही भूपेश बघेल ने लिखा कि, "जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे, उसने जेल से अपने लिखित बयान में साफ किया था कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है. उन्होंने कभी किसी राजनेता या उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया. अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है. यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं."

ईडी मारपीट का अपना रही हथकंडा: इसके अलावा उन्होंने लिखा कि, "अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे, उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है. इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी. इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी. ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है. हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा और मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है. ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है."

बीजेपी को मिल रहा इसका फायदा: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लिखा कि, "महादेव सट्टा ऐप के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी. मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे. छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है. लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव और बदनामी का हथियार बना लिया है. महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है, उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का ही रह गया है."

बता दें कि भूपेश बघेल ने इसे लेकर ट्वीट किया है. साथ ही उन्होने ईडी की गतिविधियों को सियासी दुष्प्रचार करार दिया है.

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रायपुर: महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी की चार्जशीट मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया जाहिर की है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि, "ईडी ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है. ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ्तार कर रही है. उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है. इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है."

भूपेश बघेल ने दी सफाई: साथ ही भूपेश बघेल ने लिखा कि, "जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे, उसने जेल से अपने लिखित बयान में साफ किया था कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है. उन्होंने कभी किसी राजनेता या उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया. अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है. यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं."

ईडी मारपीट का अपना रही हथकंडा: इसके अलावा उन्होंने लिखा कि, "अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे, उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है. इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी. इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी. ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है. हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा और मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है. ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है."

बीजेपी को मिल रहा इसका फायदा: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने लिखा कि, "महादेव सट्टा ऐप के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी. मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे. छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है. लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव और बदनामी का हथियार बना लिया है. महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है, उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का ही रह गया है."

बता दें कि भूपेश बघेल ने इसे लेकर ट्वीट किया है. साथ ही उन्होने ईडी की गतिविधियों को सियासी दुष्प्रचार करार दिया है.

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Last Updated : Jan 6, 2024, 6:22 PM IST
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