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अलविदा: छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में सोए अजीत जोगी - छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का अंतिम संस्कार शनिवार को गौरेला के सेनेटोरियम में किया गया. इनमें आम लोगों से लेकर राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी एवं समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग शामिल थे.

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छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में सोए अजीत जोगी
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Published : May 30, 2020, 9:05 PM IST

Updated : May 30, 2020, 10:06 PM IST

गौरेला: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का अंतिम संस्कार शनिवार को गौरेला के सेनेटोरियम में किया गया. अंतिम संस्कार में कई राजनीतिक हस्तियां मंत्री और विधायक मौजूद रहे. अजीत जोगी की अंतिम यात्रा शनिवार दोपहर 11 बजे शुरू हुई. जोगी के रायपुर स्थित घर सागौन बंगला से उनका पार्थिव देह उनके जन्मस्थान गौरेला के लिए ले जाया गया. इस दौरान सैकड़ों लोग उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े. जहां-जहां से उनकी शव यात्रा गुजरी भारी तादाद में लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इनमें आम लोगों से लेकर राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी एवं समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग शामिल थे.

छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में सोए अजीत जोगी

चला गया छत्तीसगढ़ महतारी का बेटा

जिस मिट्टी में जन्म लिया था, जिस मिट्टी में खेले, मरने के बाद भी उसी मिट्टी में जन्म लेने की लालसा लिए छत्तीसगढ़ का अजीत जोगी, छत्तीसगढ़ महतारी की मिट्टी में मिल गया. जोगी फिर से नर्मदा की लहरों में खेलेंगे, महुआ, तेंदु और चिरौंजी खाएंगे.क्योंकि जिस मिट्टी में उनका मन सना रहा, वो मिट्टी उन्हें फिर तन के साथ बुलाएगी.अजीत जोगी अमर रहेंगे यादों में. कभी मुख्यमंत्री बनकर, कभी विधायक बनकर, कभी उनका जननेता बनकर, कभी अधिकारी बनकर, कभी इसी महतारी का बेटा बनकर.

पढ़ें:अजीत जोगी के शव के सामने बेटे अमित ने पढ़ी उनकी कविता 'वसीयत', भीगी सबकी पलकें

29 मई को हुआ निधन

29 मई को छत्तीसगढ़ याद रखेगा, अपना पहला मुखिया खोने के लिए.छत्तीसगढ़ी को मीठे रस में भिगोकर बोलने वाला खोने के लिए.एक ऐसा नेता खोने के लिए जो मेधावी छात्र और कुशल अधिकारी था. छत्तीसगढ़ याद रखेगा.जय जोहार करती उस आवाज को जो सच में यकीन दिलाती थी छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया. तुम अचानक चले गए...लड़ते-लड़ते...जिंदगी जीना सिखाते-सिखाते मुस्कुराते-मुस्कुराते छत्तीसगढ़ को गुनगुनाते-गुनगुनाते.सब सूना करते-करते तुम चले गए.

9 मई को अस्पताल में जोगी का कराया गया था भर्ती

गंगा इमली का बीज उनके सांस नली में फंस गया था. जिसके बाद उनकी हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद अजीत जोगी को 9 मई को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, वह कोमा में थे. हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शुक्रवार 29 मई को उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

गौरेला: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का अंतिम संस्कार शनिवार को गौरेला के सेनेटोरियम में किया गया. अंतिम संस्कार में कई राजनीतिक हस्तियां मंत्री और विधायक मौजूद रहे. अजीत जोगी की अंतिम यात्रा शनिवार दोपहर 11 बजे शुरू हुई. जोगी के रायपुर स्थित घर सागौन बंगला से उनका पार्थिव देह उनके जन्मस्थान गौरेला के लिए ले जाया गया. इस दौरान सैकड़ों लोग उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े. जहां-जहां से उनकी शव यात्रा गुजरी भारी तादाद में लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इनमें आम लोगों से लेकर राजनीतिज्ञ, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी एवं समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग शामिल थे.

छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में सोए अजीत जोगी

चला गया छत्तीसगढ़ महतारी का बेटा

जिस मिट्टी में जन्म लिया था, जिस मिट्टी में खेले, मरने के बाद भी उसी मिट्टी में जन्म लेने की लालसा लिए छत्तीसगढ़ का अजीत जोगी, छत्तीसगढ़ महतारी की मिट्टी में मिल गया. जोगी फिर से नर्मदा की लहरों में खेलेंगे, महुआ, तेंदु और चिरौंजी खाएंगे.क्योंकि जिस मिट्टी में उनका मन सना रहा, वो मिट्टी उन्हें फिर तन के साथ बुलाएगी.अजीत जोगी अमर रहेंगे यादों में. कभी मुख्यमंत्री बनकर, कभी विधायक बनकर, कभी उनका जननेता बनकर, कभी अधिकारी बनकर, कभी इसी महतारी का बेटा बनकर.

पढ़ें:अजीत जोगी के शव के सामने बेटे अमित ने पढ़ी उनकी कविता 'वसीयत', भीगी सबकी पलकें

29 मई को हुआ निधन

29 मई को छत्तीसगढ़ याद रखेगा, अपना पहला मुखिया खोने के लिए.छत्तीसगढ़ी को मीठे रस में भिगोकर बोलने वाला खोने के लिए.एक ऐसा नेता खोने के लिए जो मेधावी छात्र और कुशल अधिकारी था. छत्तीसगढ़ याद रखेगा.जय जोहार करती उस आवाज को जो सच में यकीन दिलाती थी छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया. तुम अचानक चले गए...लड़ते-लड़ते...जिंदगी जीना सिखाते-सिखाते मुस्कुराते-मुस्कुराते छत्तीसगढ़ को गुनगुनाते-गुनगुनाते.सब सूना करते-करते तुम चले गए.

9 मई को अस्पताल में जोगी का कराया गया था भर्ती

गंगा इमली का बीज उनके सांस नली में फंस गया था. जिसके बाद उनकी हालत गंभीर हो गई थी. जिसके बाद अजीत जोगी को 9 मई को रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, वह कोमा में थे. हालत गंभीर होने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शुक्रवार 29 मई को उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

Last Updated : May 30, 2020, 10:06 PM IST
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