रायपुर: प्रदेश में हाथियों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. आए दिन हाथियों के गांवों में घुसने की शिकायत आते रहती है. प्रदेश में कुछ गांवों में हाथियों का उत्पात दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. हाथी जंगलों से भागकर गांवों की ओर आ रहे हैं. जिससे हाथियों और ग्रामीणों के बीच लगातार संघर्ष होता रहता है. कभी ग्रामीण हाथियों का शिकार हो जाते हैं, तो कभी आत्मरक्षा के लिए ग्रामीण हाथियों पर हमला कर देते हैं. इन स्थितियों को रोकने के लिए वन विभाग ने एक नई तरकीब ढूंढ निकाली है.
वन विभाग ने हाथी प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारी करने के लिए नया सिस्टम तैयार किया है. इस सिस्टम के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में हाथी के प्रवेश करते हीं इसकी सूचना एक जोरदार सायरन की आवाज से गांववालों को मिल जाएगी. जिससे ग्रामीण सतर्क हो जाएंगें.
सिस्टम के जरिए किया जाएगा अलर्ट
वन विभाग ने इस सिस्टम को सजग नाम दिया है. जो एक तरह का मोबाइल एप्लीकेशन है. इसके जरिए जिले के हाथी प्रभावित गांव में अलर्ट जारी किया जाएगा. प्रयोग के तौर पर वन विभाग ने महासमुंद के कुछ गांव में इसे लगवाया है और इसका प्रयोग भी सफल रहा. महासमुंद में सफल प्रयोग के बाद अब यही सिस्टम प्रदेश के 10 जिलों के हाथी प्रभावित गांव में भी लगाया जाएगा.
पहले वॉट्सऐप के जरिए मिलती थी जानकारी
महासमुंद डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि इसके पहले हाथियों से संबंधित अलर्ट जारी करने के लिए वन विभाग संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों को हाथियों की मूवमेंट और लोकेशन को वाट्सएप पर साझा करता था. साथ ही इन गांव में हाथियों के आने से पहले मुनादी कराई जाती थी. इसमें एक बड़ी समस्या ये थी कि जिन ग्रामीणों के पास एंड्राइड फोन होता था वही वॉट्सऐप मैसेज देख पाते थे. दूसरी समस्या ये है कि गांव में मुनादी के समय कई बार कुछ ग्रामीण उसे नहीं सुन पाते थे. इन्हीं समस्याओं को देखते हुए वन विभाग ने नया सिस्टम तैयार किया है. मयंक ने बताया कि इस सिस्टम की सबसे खास बात ये है कि किसी भी जगह से इस एप के जरिए गांव में हाथियों से संबंधित अलर्ट जारी किया जा सकता है.
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प्ले स्टोर पर उपलब्ध है ये ऐप
डीएफओ ने बताया कि वन विभाग ने सजग नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किया है. जो प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध है. इसे क्यूआर कोड के जरिए एक्सेस किया जाएगा. जो केवल विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों के पास होगा. जिससे जब भी हाथी ग्रामीण क्षेत्र की ओर बढ़ेंगे, उनकी लोकेशन के आधार पर संबंधित गांव में मोबाइल के जरिए एक क्लिक से हूटर बजा सकते हैं.
ऐसे काम करेगा ये सिस्टम
- हाथियों की दूरी गांव से 2-4 किलोमीटर होने पर पहला अलर्ट जारी किया जाएगा. जो 20 सेकंड का होगा.
- वहीं हाथियों के 2 किलोमीटर से कम की रेंज में होने पर दूसरा अलर्ट जारी किया जाएगा. इस दौरान 40 सेकंड तक हूटर बजेगा.
- हर गांव में लगने वाले इस सिस्टम की लागत केवल 10 से 12 हजार रुपए है. वहीं सिस्टम में सालाना 1 हजार 5 सौ 36 रुपए का रिचार्ज कराना होगा.
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बिजली बंद होने पर भी बजेगा हूटर
यह सिस्टम बिजली से कनेक्टेड होगा. ऐसे में अगर संबंधित गांव में बिजली बंद रही तो भी विभाग को इसकी जानकारी पहुंच जाएगी और गांव में अलर्ट जारी किया जाएगा. हालांकि जिन गांव में बिजली की परेशानी है, वहां सोलर प्लेट लगाने की योजना है, ताकि इस तरह की परेशानी से बचा जा सके.
बिना इंटरनेट काम नहीं करेगा सिस्टम
जिन गांवों में इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है वहां इस सिस्टम के तहत ग्रामीणों को हाथियों के आने की सूचना नहीं दी जा सकती. ऐसे में इन जगहों के लिए वन विभाग को दूसरा उपाय सोचना होगा. तब तक वहां मुनादी या फिर दूसरे माध्यमों से गांव में हाथियों के आने की सूचना दी जाएगी. वन विभाग के इस नए तरीके का अगर ठीक से क्रियान्वयन किया गया तो आने वाले समय में हाथियों के उत्पात को रोका जा सकता है.