रायपुर: राजधानी रायपुर में खाने के कई जान-माने स्टॉल हैं. जहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है लेकिन कोरोना के मामले कम हो जाने के बाद भी इन व्यापारियों की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई है. खाने के प्रमुख स्टॉल पर ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने पड़ताल की तो पता चला कि ग्राहक फिर आने शुरू तो हो गए हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन ही नहीं हो रहा है.
पटरी पर नहीं लौटा व्यापार
राजधानी रायपुर के अग्रसेन चौक, राठौड़ चौक, बीटीआई ग्राउंड और सदानी चौक जैसे इलाकों में सालों से खाने के कई स्टॉल लगते हैं. इन स्टालों पर चाय, कॉफी से लेकर कचौड़ी- समोसा, आलू- गुंडा, दही- बड़े, सांभर, बड़ा, इडली- डोसा, उत्तपम जैसे खाने के सामान का स्टॉल लगते हैं. खाने के शौकीन लोग यहां पहुंचकर मनपसंद चीजों का जायका लेते हैं. स्टॉल लगाकर चौक चौराहा और सड़कों पर दुकान लगाने वाले इन दुकानदारों का कहना है कि अब तक व्यापार पटरी पर लौटा नहीं है.
SPECIAL: धमतरी में कोरोना ने किया स्टेशनरी व्यापार चौपट
50 प्रतिशत घटी दुकानदारी
खाने के स्टॉल लगाने वाले इन दुकानदारों से हमने बात की तो दुकानदारों ने बताया कि बीते कई सालों से खाने के अलग-अलग सामान बेच रहे हैं. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से व्यापार चौपट हो गया. दुकानदारों ने अपनी पीड़ा बताते हुए बताया कि अभी तक ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. स्कूल- कॉलेज के साथ छात्रावास भी नहीं खुले हैं, जिसके कारण ग्राहकी बहुत कम है.
ग्राहकों में कोरोना का डर
दुकानदार ने बताया कि कचौड़ी- समोसा, आलू- गुंडा, मिर्ची- भजिया, चाय- कॉफी, डोसा, इडली- सांभर को लोग बड़े चाव से खाते हैं. जिसकी वजह से यहां लोगों की भीड़ लगी रहती थी लेकिन अब भय और डर के कारण यहां कम आ रहे हैं. जिससे यहां के दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. यहां के दुकानदारों का कहना है कि अगर इसी तरह हालात बने रहे तो व्यापार चलाना मुश्किल हो जाएगा.