रायपुर: देशभर में दीपावली का त्योहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा. जिसके लिए बाजार और मिठाई दुकान सज चुकी है. बाजारों में भी भारी भीड़ देखने को मिल रही है. त्योहार के सीजन में मिठाई और दूसरी तरह के खाद्य पदार्थों में मिलावट की शिकायतें भी लगातार मिलती है. मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से शरीर में कई तरह के दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं. खाद्य विभाग राजधानी सहित दूसरे जिलों में भी नजर बनाए हुए है, जिससे मिलावटखोरों पर शिकंजा कसा जा सके.
खाद्य पदार्थों में कैसे और किस तरह से होती है मिलावट
खाद्य एवं औषधि विभाग ऐसे लोगों पर कार्रवाई करता है जो अलग-अलग तरीके से खाद्य पदार्थों में मिलावट के तरीके अपनाकर ग्राहकों को अपनी सामग्री बेच रहे हैं. खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर ETV भारत ने एक्सपर्ट से जानाने की कोशिश की कि मिठाई और ड्राई फ्रूट्स में मिलावट कैसे की जाती है. उन्होंने बताया कि दूध की जगह पर सफेद चीज और पानी मिलाकर मिठाई बनाई जाती है. साथ ही चांदी के वर्क की जगह नकली वर्क चढ़ाया जाता है, जिसके बारे में ग्राहकों को पता ही नहीं चल पाता है.
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मिलावटी खाद्य पदार्थ से स्वास्थ्य पर कैसे पड़ता है असर
दीपावली के साथ ही सामान्य दिनों में भी खाद्य पदार्थों में मिलावट की खबरें आती रहती है. मिठाई के साथ ही ड्राई फ्रूट्स, दूध, दही और अन्य खाद्य सामग्री में दुकानदार मिलावट करके बिक्री करते हैं. क्योंकि हर ग्राहक को ये मालूम नहीं होता की सामग्री में मिलावट है या नहीं. नकली और मिलावटी खाद्य सामग्री के बारे में ETV भारत ने डॉक्टर से बात की. उनका कहना है कि इससे पेट संबंधी परेशानी होने के साथ ही लिवर और किडनी भी फेल हो सकते हैं. लंबे समय तक अनजाने में नकली और मिलावटी खाद्य सामग्री का सेवन करने से कैंसर की भी आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में लोगों को सतर्क और सावधान होकर खाद्य सामग्री और खाद्य पदार्थों की खरीदी करनी चाहिए.
मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच 14 दिनों में होती है
त्योहार सीजन होने के कारण खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारी कमलकांत पाटनवार ने बताया कि त्योहारी सीजन के साथ ही सामान्य दिनों में भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम लगातार ऐसे जगहों पर छापामार कार्रवाई करती है. खाद्य पदार्थों के सैंपल लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है. इसमें लीगल और सर्विलांस सैंपल विभाग मिठाई का सैंपल लेकर जांच करते हैं. वे बताते हैं कि मिठाई की जांच में 14 दिनों का समय लगता है.
मिलावटखोरों से सावधान
भले ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग शुद्धता की जांच के लिए टीम बनाकर अभियान चला रहा है. बावजूद इसके जांच रिपोर्ट आने में देरी से स्पष्ट हो जाता है कि शहर में अभी भी मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की चीजें बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही है. ऐसे में आम लोगों को सतर्क और सावधान होकर खाद्य पदार्थों की खरीदी की जानी चाहिए.