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नशीली दवाइयों की तस्करी: 10 हजार टैबलेट के साथ 5 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर में नशीली दवाइयों की तस्करी करने वाले रैकेट में शामिल 5 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी दिल्ली से दवाइयों का स्टॉक खरीदकर 20-25 रुपये की दवाइयों की स्ट्रीप को दो से तीन सौ रुपये में बेच रहा था.

Arrested accused
गिरफ्तार आरोपी
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Published : Mar 18, 2021, 4:44 PM IST

रायपुर: दिल्ली से लाखों रुपये कीमत की नशीली दवाइयों की तस्करी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. रैकेट में शामिल 5 आरोपी को गिरफ्तार भी किया है. रायपुर पुलिस ने खमतराई में छापा मारकर 10 हजार नशीली दवाओं का जखीरा जब्त किया है. केस में ट्रांसपोर्टर, कारोबारी और डिलीवरी ब्वॉय के साथ 5 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

नशीली दवाइयों की तस्करी के आरोप में पांच आरोपी गिरफ्तार

कई गुना अधिक रेट में बेच रहे थे दवाइयां

पुलिस के मुताबिक दवाओं का स्टॉक प्रतिबंधित है. डॉक्टर की सलाह के बिना या उनकी पर्ची के बगैर एक भी टैबलेट किसी ग्राहक को नहीं दिया जा सकता है. तस्करों का गिरोह गैरकानूनी तरीके से दवाइयों की 20-25 रुपये की स्ट्रीप को दो से तीन सौ रुपये में बेच रहे थे.

करोड़ों की ठगी करने वाले चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार

बाइक से घूम-घूमकर बेची जाती थीं दवाइयां

पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में उरला का रहने वाला प्रदुम सिंह और विनीत शुक्ला पेशे से ट्रांसपोर्टर है. कबीर नगर का अतुल शर्मा और युवराज शर्मा कारोबारी है और नरेंद्र शर्मा ड्राइवर है. मोटी कमाई के लिए आरोपी ट्रांसपोर्ट नगर और उसके आसपास टैबलेट की तस्करी कर रहे थे. दवाओं की एक स्ट्रीप को कई गुना ज्यादा कीमत में बेच रहे थे. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जांच की है. पुख्ता सबूत मिलने के बाद आरोपियों को घेराबंदी कर पकड़ा गया है. अफसरों के अनुसार पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी बाइक पर घूम-घूमकर दवाइयां बेच रहे थे. गिरोह के सदस्यों ने 10 महीने पहले दिल्ली से नशीली प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक मंगवाया था, तभी से ही वो थोड़ा-थोड़ा स्टॉक बेच रहे थे.

आरोपियों ने दी मामले पर सफाई

ड्राइवर नरेंद्र के जरिए कुछ डिलीवरी ब्वॉय नियुक्त किए गए थे. नरेंद्र खुद ही उनकी मॉनीटरिंग करता था. डिलीवरी ब्वॉय ने कुछ परमानेंट ग्राहक बना लिए थे और उन्हीं को दवाइयां सप्लाई करता था. आरोपियों का पिछला कोई ऐसा क्राइम रिकॉर्ड नहीं है. जिस वजह से उनके बारे में पुलिस को सूचना नहीं मिल सकी. इसी का फायदा उठाकर आरोपी चोरी-छिपे नशीली दवाएं बेचते रहे. हालांकि आरोपियों का दावा है कि रायपुर की एक दवा कंपनी ने टेबलेट मंगाई थी. स्टॉक आने के बाद भी वो लेने नहीं आए. इसलिए उन लोगों ने स्टॉक बेचना शुरू कर दिया. पुलिस को आशंका है कि आरोपी अबतक लाखों रुपये का स्टॉक बेच चुका है.

आरोपियों का दिल्ली में तगड़ा लिंक

बिरगांव में नशीली टैबलेट बेचने वाला मुकेश मधुकर पकड़ा गया है. पुलिस के अनुसार आरोपी मुकेश शुक्रवारी बाजार के पास प्रतिबंधित टैबलेट चोरी-छिपे बेच रहा था. वो टैबलेट का नशा करने वालों को घर-घर जाकर दवाइयां देता था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे पकड़ा, उसके पास से भी दवाओं का स्टॉक मिला है. पुलिस को अब तक जांच में पता चला है कि तस्करों का दिल्ली में तगड़ा लिंक है. जिस वजह से इतनी बड़ी मात्रा में एक साथ नशीली दवाओं का स्टॉक उन्हें मिल गया. रायपुर में ज्यादातर नशीली दवाइयां ओडिशा, दिल्ली, महाराष्ट्र से सप्लाई की जाती है. तस्कर गिरोह पुलिस से बचने के लिए पूरा स्टॉक रायपुर में ना लाकर आसपास के किसी शहर में डंप करते हैं.

रायपुर: दिल्ली से लाखों रुपये कीमत की नशीली दवाइयों की तस्करी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है. रैकेट में शामिल 5 आरोपी को गिरफ्तार भी किया है. रायपुर पुलिस ने खमतराई में छापा मारकर 10 हजार नशीली दवाओं का जखीरा जब्त किया है. केस में ट्रांसपोर्टर, कारोबारी और डिलीवरी ब्वॉय के साथ 5 लोग गिरफ्तार किए गए हैं.

नशीली दवाइयों की तस्करी के आरोप में पांच आरोपी गिरफ्तार

कई गुना अधिक रेट में बेच रहे थे दवाइयां

पुलिस के मुताबिक दवाओं का स्टॉक प्रतिबंधित है. डॉक्टर की सलाह के बिना या उनकी पर्ची के बगैर एक भी टैबलेट किसी ग्राहक को नहीं दिया जा सकता है. तस्करों का गिरोह गैरकानूनी तरीके से दवाइयों की 20-25 रुपये की स्ट्रीप को दो से तीन सौ रुपये में बेच रहे थे.

करोड़ों की ठगी करने वाले चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार

बाइक से घूम-घूमकर बेची जाती थीं दवाइयां

पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में उरला का रहने वाला प्रदुम सिंह और विनीत शुक्ला पेशे से ट्रांसपोर्टर है. कबीर नगर का अतुल शर्मा और युवराज शर्मा कारोबारी है और नरेंद्र शर्मा ड्राइवर है. मोटी कमाई के लिए आरोपी ट्रांसपोर्ट नगर और उसके आसपास टैबलेट की तस्करी कर रहे थे. दवाओं की एक स्ट्रीप को कई गुना ज्यादा कीमत में बेच रहे थे. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने जांच की है. पुख्ता सबूत मिलने के बाद आरोपियों को घेराबंदी कर पकड़ा गया है. अफसरों के अनुसार पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी बाइक पर घूम-घूमकर दवाइयां बेच रहे थे. गिरोह के सदस्यों ने 10 महीने पहले दिल्ली से नशीली प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक मंगवाया था, तभी से ही वो थोड़ा-थोड़ा स्टॉक बेच रहे थे.

आरोपियों ने दी मामले पर सफाई

ड्राइवर नरेंद्र के जरिए कुछ डिलीवरी ब्वॉय नियुक्त किए गए थे. नरेंद्र खुद ही उनकी मॉनीटरिंग करता था. डिलीवरी ब्वॉय ने कुछ परमानेंट ग्राहक बना लिए थे और उन्हीं को दवाइयां सप्लाई करता था. आरोपियों का पिछला कोई ऐसा क्राइम रिकॉर्ड नहीं है. जिस वजह से उनके बारे में पुलिस को सूचना नहीं मिल सकी. इसी का फायदा उठाकर आरोपी चोरी-छिपे नशीली दवाएं बेचते रहे. हालांकि आरोपियों का दावा है कि रायपुर की एक दवा कंपनी ने टेबलेट मंगाई थी. स्टॉक आने के बाद भी वो लेने नहीं आए. इसलिए उन लोगों ने स्टॉक बेचना शुरू कर दिया. पुलिस को आशंका है कि आरोपी अबतक लाखों रुपये का स्टॉक बेच चुका है.

आरोपियों का दिल्ली में तगड़ा लिंक

बिरगांव में नशीली टैबलेट बेचने वाला मुकेश मधुकर पकड़ा गया है. पुलिस के अनुसार आरोपी मुकेश शुक्रवारी बाजार के पास प्रतिबंधित टैबलेट चोरी-छिपे बेच रहा था. वो टैबलेट का नशा करने वालों को घर-घर जाकर दवाइयां देता था. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे पकड़ा, उसके पास से भी दवाओं का स्टॉक मिला है. पुलिस को अब तक जांच में पता चला है कि तस्करों का दिल्ली में तगड़ा लिंक है. जिस वजह से इतनी बड़ी मात्रा में एक साथ नशीली दवाओं का स्टॉक उन्हें मिल गया. रायपुर में ज्यादातर नशीली दवाइयां ओडिशा, दिल्ली, महाराष्ट्र से सप्लाई की जाती है. तस्कर गिरोह पुलिस से बचने के लिए पूरा स्टॉक रायपुर में ना लाकर आसपास के किसी शहर में डंप करते हैं.

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