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एम्स में पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी से बच्चे को मिला नया जीवन

ओड़िशा के संबलपुर जिले के मजदूर परिवार का एक बच्चा जन्मजात हृदय रोग वीएसडी क्लोजर से ग्रस्त था. रायपुर एम्स में सीटीवीएस विभाग, कार्डियोलॉजी, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग के चिकित्सकों ने सर्जरी कर बच्चे को नया जीवन दिया.

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Published : Aug 19, 2021, 5:36 PM IST

एम्स में पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी से 14 बच्चे को मिला नया जीवन
एम्स में पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी से 14 बच्चे को मिला नया जीवन

रायपुरः ओड़िशा के संबलपुर जिले के मजदूर परिवार का एक बच्चा जन्मजात हृदय रोग वीएसडी क्लोजर से ग्रस्त था. पिता ने इलाज के लिए उसे कई अस्पतालों में एडमिट किया, लेकिन हृदय रोग की जटिलता की वजह से बच्चे का पूर्ण इलाज संभव नहीं हो पाया. इसके बाद परिवार ने एम्स के सीटीवीएस विभाग में ओपीडी के माध्यम से संपर्क किया. 14 वर्षीय उस बच्चे को वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (ventricular septal defect) नामक बीमारी थी. इस बीमारी की वजह से बच्चे को सांस लेने में तकलीफ, जल्दी थकान होना और हाथ-पैर में लगातार सूजन रहना जैसी शिकायत हो रही थी. बीमारी की वजह से उसके शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो रहे थे.


एम्स में हुई पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी
2 अगस्त को बच्चे को एम्स में भर्ती कराया गया था. इसके बाद सीटीवीएस विभाग ने तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लेते हुए एक टीम बनाई थी. टीम में सीटीवीएस विभाग के साथ कार्डियोलॉजी, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग के चिकित्सकों ने सर्जरी की प्रक्रिया की. फिर योजनाबद्ध तरीके से ऑपरेशन किया. हाल ही में प्रारंभ पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के ओपीडी को इस ऑपरेशन में सफलता मिली है. 14 वर्ष के बच्चे की जटिल सर्जरी कर उसे जन्मजात हृदय रोग वीएसडी क्लोजर को ठीक कर दिया गया है. बताया गया कि एम्स में यह पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी हुई है.

रायपुरः ओड़िशा के संबलपुर जिले के मजदूर परिवार का एक बच्चा जन्मजात हृदय रोग वीएसडी क्लोजर से ग्रस्त था. पिता ने इलाज के लिए उसे कई अस्पतालों में एडमिट किया, लेकिन हृदय रोग की जटिलता की वजह से बच्चे का पूर्ण इलाज संभव नहीं हो पाया. इसके बाद परिवार ने एम्स के सीटीवीएस विभाग में ओपीडी के माध्यम से संपर्क किया. 14 वर्षीय उस बच्चे को वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (ventricular septal defect) नामक बीमारी थी. इस बीमारी की वजह से बच्चे को सांस लेने में तकलीफ, जल्दी थकान होना और हाथ-पैर में लगातार सूजन रहना जैसी शिकायत हो रही थी. बीमारी की वजह से उसके शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो रहे थे.


एम्स में हुई पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी
2 अगस्त को बच्चे को एम्स में भर्ती कराया गया था. इसके बाद सीटीवीएस विभाग ने तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लेते हुए एक टीम बनाई थी. टीम में सीटीवीएस विभाग के साथ कार्डियोलॉजी, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग के चिकित्सकों ने सर्जरी की प्रक्रिया की. फिर योजनाबद्ध तरीके से ऑपरेशन किया. हाल ही में प्रारंभ पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के ओपीडी को इस ऑपरेशन में सफलता मिली है. 14 वर्ष के बच्चे की जटिल सर्जरी कर उसे जन्मजात हृदय रोग वीएसडी क्लोजर को ठीक कर दिया गया है. बताया गया कि एम्स में यह पहली पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी हुई है.

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