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रायपुर के सिविल लाइन थाने में योग गुरु रामदेव के खिलाफ केस दर्ज - बाबा रामदेव पर छत्तीसगढ़ में एफआईआर

राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाने में योग गुरु रामदेव (Ramdev Baba) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ETV भारत से कहा कि योग गुरु रामदेव ने जो बातें कही गईं वो संदेह फैलाने के लिए काफी थीं, जो राजद्रोह की श्रेणी में आती हैं. 26 मई को आईएमए ने शिकायत की थी. जांच के बाद बुधवार रात को एफआईआर दर्ज की गई है.

Baba Ramdev
बाबा रामदेव
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Published : Jun 17, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 5:20 PM IST

रायपुरः राजधानी के सिविल लाइन थाने में योग गुरु रामदेव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. सिविल लाइन थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ धारा 186, 188, 269 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. 26 मई 2021 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सिविल लाइन थाने में आवेदन देकर बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने रामदेव पर कोरोना संक्रमण काल के दौरान दवाइयों के बारे में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि यह केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लंघन है. यह विद्वेष की भावना से आम जनता में भ्रम फैलाने के लिए किया गया है. इससे आम जनता और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों पर असर पड़ सकता है. इनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राजधानी के सिविल लाइन थाने में गैर जमानती धाराओं के एफआईआर दर्ज की गई है.

copy of FIR
FIR की कॉपी

IMA के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ईटीवी भारत से क्या कहा ?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ETV भारत से कहा कि योग गुरु ने वैक्सीन, आधुनिक चिकित्सा पद्धति और कोरोना मरीजों के इलाज में गाइडलाइन के तहत इस्तेमाल हो रही दवाइयों के खिलाफ आपत्तिनजक टिप्पणियां की हैं. रामदेव ने ये भी कहा कि वैक्सीनेशन के बाद हजारों डॉक्टरों की मृत्यु हो गई. जो खुद को नहीं बचा पाए तो दूसरों को कैसे बचाएंगे ? इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दवाओं का मजाक उड़ाया. जो बातें कही गईं वो संदेह फैलाने के लिए काफी थीं, जो राजद्रोह की श्रेणी में आती हैं. हमने पुलिस ने संज्ञान में लेने और तय धाराओं के तहत जुर्म दर्ज करने की अपील की थी. डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ETV भारत से कहा कि 26 मई को आईएमए ने शिकायत की थी. जांच के बाद बुधवार रात को एफआईआर दर्ज की गई है.

रायपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज

बाबा रामदेव के विरोध में डॉक्टर्स ने मनाया ब्लैक डे

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आरोप

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे है. ऐसे में बाबा रामदेव के भ्रामक जानकारी फैलाने से ठीक हो रहे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है. IMA सदस्यों का कहना है कि बाबा रामदेव के खिलाफ केंद्रीय महामारी एक्ट के तहत राजद्रोह, विद्वेष की भावना से दुष्प्रचार और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के खिलाफ आमजन को उकसाने का मामला दर्ज की जाए. उन्होंने बाबा रामदेव पर भारतीय आईटी एक्ट के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बाबा रामदेव के इस हरकत से ना केवल चिकित्सकों में आक्रोश है बल्कि पैरामेडिकल वर्ग भी नाराज है. देश में विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने वाले लोग भी हतोत्साहित हुए हैं.

रामदेव ने एक के बाद एक विवादित बयान दिए थे

मई महीने के आखिरी हफ्ते में एलोपैथी दवाओं, चिकित्सकों और टीके को लेकर योग गुरु का विवादित बयान आया था. रामदेव ने कहा था कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं, तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं ? उनेके इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी नाराजगी जताई थी. साथ ही रामदेव की गिरफ्तारी की मांग की थी. इसके बाद बाबा रामदेव और आईएमए के बीच तल्खियां बढ़ती ही गईं. एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव की तरफ से किए गए 25 सवालों के जवाब को लेकर अब आईएमए ने भी बाबा रामदेव को खुली बहस की चुनौती दी थी. बाबा रामदेव ने एलोपैथ को स्टूपिड साइंस करार दिया था. इसके बाद हरिद्वार के योग ग्राम में चल रहे योग शिविर में बाबा रामदेव ने एलान किया था कि वह अगले एक साल में एक हजार एलोपैथी डॉक्टरों को आयुर्वेद में कन्वर्ट करेंगे. बाबा रामदेव ने कहा कि यह धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि सिर्फ डॉक्टरों का एलोपैथी से आयुवेद में परिवर्तन होगा.

रामदेव का बड़ा बयान: 1 साल में 1000 एलोपैथी डॉक्टरों को आयुर्वेद में करेंगे कन्वर्ट

एक के बाद एक बयान के बाद रामदेव और आईएमए के बीच तल्खियां बढ़ती गईं. एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव की तरफ से किए गए 25 सवालों के जवाब को लेकर आईएमए ने भी बाबा रामदेव को खुली बहस की चुनौती दी थी. बाद में उनकी टिप्पणी के खिलाफ फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (Federation of All India Medical Association) की ओर से एक लीगल नोटिस (legal notice) भेजा गया था. जिसमें बाबा रामदेव से अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा गया था और ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई (legal action) किए जाने की चेतावनी दी गई थी.फेमा (FAIMA) की ओर से भेजे गए लीगल नोटिस का बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की ओर से जवाब भेजा गया. जिसमें उन्होंने एलोपैथी (allopathy) और डॉक्टरों को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान (objectionable statement) से इनकार किया है.

रामदेव का यू-टर्न: 'डॉक्टर धरती के भगवान, जल्द लगवाऊंगा वैक्सीन'

आखिर में विवाद बढ़ने के बाद बाबा को यू-टर्न लेना पड़ा था. एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर सवाल खड़े करने वाले रामदेव ने डॉक्टरों को भगवान का रूप कह था. बाबा रामदेव ने कहा था कि हमारी दुश्मनी किसी भी समुदाय के साथ नहीं हो सकती है. धरती पर जितने भी अच्छे डॉक्टर हैं, वे भगवान का रूप हैं. यदि कोई डॉक्टर होने के बावजूद भी कुछ उल्टा सीधा करता है तो वह इंडिविजुअल की गलत है. किसी संस्था के कई डॉक्टर मरीजों को महंगी महंगी दवाइयां लिखकर देते हैं, वह भी केवल अपने कमीशन के चक्कर में, जो बहुत गलत है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि कोरोना की लहरें तो आती रहेंगी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से 18+ को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का जो निर्णय लिया है, वो ऐतिहासिक है. वैक्सीन की दोनों डोज के साथ योग और आयुर्वेद को अपनाने से कोरोना से सुरक्षा कवच तैयार होगा. वह भी जल्द ही वैक्सीन लगवा लेंगे.

रायपुरः राजधानी के सिविल लाइन थाने में योग गुरु रामदेव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. सिविल लाइन थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ धारा 186, 188, 269 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. 26 मई 2021 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सिविल लाइन थाने में आवेदन देकर बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों ने रामदेव पर कोरोना संक्रमण काल के दौरान दवाइयों के बारे में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि यह केंद्रीय महामारी एक्ट का उल्लंघन है. यह विद्वेष की भावना से आम जनता में भ्रम फैलाने के लिए किया गया है. इससे आम जनता और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों पर असर पड़ सकता है. इनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राजधानी के सिविल लाइन थाने में गैर जमानती धाराओं के एफआईआर दर्ज की गई है.

copy of FIR
FIR की कॉपी

IMA के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ईटीवी भारत से क्या कहा ?

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ETV भारत से कहा कि योग गुरु ने वैक्सीन, आधुनिक चिकित्सा पद्धति और कोरोना मरीजों के इलाज में गाइडलाइन के तहत इस्तेमाल हो रही दवाइयों के खिलाफ आपत्तिनजक टिप्पणियां की हैं. रामदेव ने ये भी कहा कि वैक्सीनेशन के बाद हजारों डॉक्टरों की मृत्यु हो गई. जो खुद को नहीं बचा पाए तो दूसरों को कैसे बचाएंगे ? इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दवाओं का मजाक उड़ाया. जो बातें कही गईं वो संदेह फैलाने के लिए काफी थीं, जो राजद्रोह की श्रेणी में आती हैं. हमने पुलिस ने संज्ञान में लेने और तय धाराओं के तहत जुर्म दर्ज करने की अपील की थी. डॉक्टर राकेश गुप्ता ने ETV भारत से कहा कि 26 मई को आईएमए ने शिकायत की थी. जांच के बाद बुधवार रात को एफआईआर दर्ज की गई है.

रायपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ केस दर्ज

बाबा रामदेव के विरोध में डॉक्टर्स ने मनाया ब्लैक डे

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आरोप

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से 90 प्रतिशत से ज्यादा मरीज ठीक हो रहे है. ऐसे में बाबा रामदेव के भ्रामक जानकारी फैलाने से ठीक हो रहे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है. IMA सदस्यों का कहना है कि बाबा रामदेव के खिलाफ केंद्रीय महामारी एक्ट के तहत राजद्रोह, विद्वेष की भावना से दुष्प्रचार और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के खिलाफ आमजन को उकसाने का मामला दर्ज की जाए. उन्होंने बाबा रामदेव पर भारतीय आईटी एक्ट के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बाबा रामदेव के इस हरकत से ना केवल चिकित्सकों में आक्रोश है बल्कि पैरामेडिकल वर्ग भी नाराज है. देश में विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने वाले लोग भी हतोत्साहित हुए हैं.

रामदेव ने एक के बाद एक विवादित बयान दिए थे

मई महीने के आखिरी हफ्ते में एलोपैथी दवाओं, चिकित्सकों और टीके को लेकर योग गुरु का विवादित बयान आया था. रामदेव ने कहा था कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं, तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं ? उनेके इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी नाराजगी जताई थी. साथ ही रामदेव की गिरफ्तारी की मांग की थी. इसके बाद बाबा रामदेव और आईएमए के बीच तल्खियां बढ़ती ही गईं. एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव की तरफ से किए गए 25 सवालों के जवाब को लेकर अब आईएमए ने भी बाबा रामदेव को खुली बहस की चुनौती दी थी. बाबा रामदेव ने एलोपैथ को स्टूपिड साइंस करार दिया था. इसके बाद हरिद्वार के योग ग्राम में चल रहे योग शिविर में बाबा रामदेव ने एलान किया था कि वह अगले एक साल में एक हजार एलोपैथी डॉक्टरों को आयुर्वेद में कन्वर्ट करेंगे. बाबा रामदेव ने कहा कि यह धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि सिर्फ डॉक्टरों का एलोपैथी से आयुवेद में परिवर्तन होगा.

रामदेव का बड़ा बयान: 1 साल में 1000 एलोपैथी डॉक्टरों को आयुर्वेद में करेंगे कन्वर्ट

एक के बाद एक बयान के बाद रामदेव और आईएमए के बीच तल्खियां बढ़ती गईं. एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव की तरफ से किए गए 25 सवालों के जवाब को लेकर आईएमए ने भी बाबा रामदेव को खुली बहस की चुनौती दी थी. बाद में उनकी टिप्पणी के खिलाफ फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (Federation of All India Medical Association) की ओर से एक लीगल नोटिस (legal notice) भेजा गया था. जिसमें बाबा रामदेव से अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा गया था और ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई (legal action) किए जाने की चेतावनी दी गई थी.फेमा (FAIMA) की ओर से भेजे गए लीगल नोटिस का बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की ओर से जवाब भेजा गया. जिसमें उन्होंने एलोपैथी (allopathy) और डॉक्टरों को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान (objectionable statement) से इनकार किया है.

रामदेव का यू-टर्न: 'डॉक्टर धरती के भगवान, जल्द लगवाऊंगा वैक्सीन'

आखिर में विवाद बढ़ने के बाद बाबा को यू-टर्न लेना पड़ा था. एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर सवाल खड़े करने वाले रामदेव ने डॉक्टरों को भगवान का रूप कह था. बाबा रामदेव ने कहा था कि हमारी दुश्मनी किसी भी समुदाय के साथ नहीं हो सकती है. धरती पर जितने भी अच्छे डॉक्टर हैं, वे भगवान का रूप हैं. यदि कोई डॉक्टर होने के बावजूद भी कुछ उल्टा सीधा करता है तो वह इंडिविजुअल की गलत है. किसी संस्था के कई डॉक्टर मरीजों को महंगी महंगी दवाइयां लिखकर देते हैं, वह भी केवल अपने कमीशन के चक्कर में, जो बहुत गलत है. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि कोरोना की लहरें तो आती रहेंगी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से 18+ को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का जो निर्णय लिया है, वो ऐतिहासिक है. वैक्सीन की दोनों डोज के साथ योग और आयुर्वेद को अपनाने से कोरोना से सुरक्षा कवच तैयार होगा. वह भी जल्द ही वैक्सीन लगवा लेंगे.

Last Updated : Jun 17, 2021, 5:20 PM IST
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