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अंतागढ़ टेपकांड BREAKING: अजीत-अमित जोगी और मूणत समेत पांच लोगों पर FIR

रायपुरः अंतागढ़ टेपकांड उजागर होने के करीब 3 साल बाद, रविवार रात करीब 1:30 बजे राजधानी के पंडरी थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता व पूर्व मेयर किरणमयी नायक ने 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

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Published : Feb 4, 2019, 12:25 PM IST

किरणमयी नायक की रिपोर्ट पर अंतागढ़ के तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे व पूर्व विधायक अमित जोगी सहित पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ताा और पूर्व पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. रायपुर एसपी नीतू कमल ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है.

सरकार के निर्देश पर शनिवर को ही अंतागढ़ टेपकांड की जांच के लिए बनी एसआईटी की कमान रायपुर के प्रभारी आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा से लेकर आईजी जीपी सिंह को सौंपी गई थी. एसआईटी ने जांच शुरू करते ही इस मामले में चर्चित हुए फिरोज सिद्दिकी को बुलाकर उससे ऑडियो टेप और पेन-ड्राइव मांगे थे. दोनों चीजें अभी एसआईटी के कब्जे में हैं. इस के बाद एसआईटी ने मंतूराम पवार से भी पूछताछ की थी. उसी के बाद से इस मामले में कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई थी. बताते हैं कि कांग्रेस ने विधिक सलाहकारों से सलाह लेने के बाद पंडरी थाना में एफआईआर इसलिए करवाई, क्योंकि पार्टी मुख्यालय राजीव भवन इसी थाना के अंतर्गत आता है. किरणमयी आधी रात थाने पहुंचीं और एफआईआर दर्ज करवाई.

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अंतागढ़ सीट खाली होने के बाद 12 सितंबर 2014 को वहां उप-चुनाव हुआ. चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे. नाम वापसी की समय सीमा गुजरने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा ऐसे समय की जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकती थी. उप-चुनाव के एक साल बाद दिसंबर 2015 में मीडिया में अंतागढ़ चुनाव में हुई खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के शामिल होने के आरोप लगे

किरणमयी नायक की रिपोर्ट पर अंतागढ़ के तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे व पूर्व विधायक अमित जोगी सहित पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ताा और पूर्व पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. रायपुर एसपी नीतू कमल ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है.

सरकार के निर्देश पर शनिवर को ही अंतागढ़ टेपकांड की जांच के लिए बनी एसआईटी की कमान रायपुर के प्रभारी आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा से लेकर आईजी जीपी सिंह को सौंपी गई थी. एसआईटी ने जांच शुरू करते ही इस मामले में चर्चित हुए फिरोज सिद्दिकी को बुलाकर उससे ऑडियो टेप और पेन-ड्राइव मांगे थे. दोनों चीजें अभी एसआईटी के कब्जे में हैं. इस के बाद एसआईटी ने मंतूराम पवार से भी पूछताछ की थी. उसी के बाद से इस मामले में कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई थी. बताते हैं कि कांग्रेस ने विधिक सलाहकारों से सलाह लेने के बाद पंडरी थाना में एफआईआर इसलिए करवाई, क्योंकि पार्टी मुख्यालय राजीव भवन इसी थाना के अंतर्गत आता है. किरणमयी आधी रात थाने पहुंचीं और एफआईआर दर्ज करवाई.

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अंतागढ़ सीट खाली होने के बाद 12 सितंबर 2014 को वहां उप-चुनाव हुआ. चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे. नाम वापसी की समय सीमा गुजरने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा ऐसे समय की जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकती थी. उप-चुनाव के एक साल बाद दिसंबर 2015 में मीडिया में अंतागढ़ चुनाव में हुई खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के शामिल होने के आरोप लगे

2201 CG RAI HARPAL MAJDURI BAKAYA 

रायगढ़/छत्तीसगढ़

धरमजयगढ़ वनपरिक्षेत्र के गेरसा नर्सरी में विभाग की ओर से कराए गए पौधरोपण कार्य में पसीना बहाए,मजदूरों को 7 माह से नहीं मिला है मजदूरी, सिर्फ उन्हें मिल रहा है तो आश्वासन,अब तो आलम यह है की वन विभाग के चक्कर लगाते दर्जनों मजदूर थक चुके हैं पैसे के लिए सरकारी कार्यालय के सामने मिन्नतें करते बैठे रहते है। मामला धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के गेरसा गाँव का है जहां 7 माह पहले वन विभाग की ओर से गेरसा नर्सरी प्लांटेशन में 27 लाख रुपए का पौधरोपण का काम करवाया गया था जिसमे सैकड़ो मजदूर काम किए थे ,नर्सरी में खड्डे खोदना ,पौधा लगाना ,फैंसिंग करना जैसे तमाम काम किए थे, जिनमे से अब तक दर्जन भर से भी ज्यादा मजदूरों को उनके हक का पैसा नहीं मिल सका है 
 वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा हर बार उन्हें बस आश्वासन देकर उलटे पाँव लौटा दिया जाता है। मजदूरों द्वारा पूछने पर गेरसा सर्किल के डिप्टी रेंजर रघुनन्दन राठिया गोल मोल जवाब देते हुए मजदूरी देने के वजाय इससे उससे मिलने की सलाह दे डालते है। परेशान ग्रामीण पहले की भाँती आज भी कार्यालय के सामने मजदूरी लेने बैठे नजर आ रहे हैं, मजदूरी के लिए आखिर उन्हें क्यूँ बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है ? क्यों उन्हें मेहताना नहीं मिल रहा है ? ऐसे में जहन में सवाल उठना लाजमी है की मजदूरों की खून पसीने की कमाई में सरकारी कर्मचारी डाका डाल रहे हैं।
पौधरोपड़ का कार्य किए सैकड़ो मजदूरों में से कई भोले भाले मजदूरों की मजदूरी नहीं मिली है,ऐसे हालात  कहने को मजबूर करता है की सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी मजदूरों का पैसा शायद हजम करना चाह रहे हैं. 

Byte 01 ग्रामीण महिला.
Byte 02 ग्रामीण मजदूर.

खबर की फ़ीड FTp से majduri bakaya नाम से भेजा हु कृपया देख लीजिए।
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